मोटे कर्मचारी कंपनियों के उत्पादकता को कर सकते है प्रभावित...बढ़ा सकते हैं कंपनी का खर्च, रिसर्च में हुए चौंकाने वाले खुलासे
By आजाद खान | Updated: June 20, 2023 13:58 IST2023-06-20T13:48:40+5:302023-06-20T13:58:52+5:30
इस रिसर्च पर बोलते हुए एंड कंपनी की सह-लेखक श्रद्धा शिंदे ने भी कहा कि "कर्मचारियों के स्वास्थ्य और कार्य पर मोटापे के पर्याप्त बोझ को देखते हुए, नियोक्ताओं को इस अध्ययन द्वारा दिखाए गए संकेतों पर ध्यान देना चाहिए, जो इन व्यक्तियों के स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं।"

फोटो सोर्स: WikiMedia Commons (https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Obese_Man_in_Motorized_Cart_at_Lowe%27s.jpg)
वाशिंगटन डीसी: मोटापे को लेकर एक नई स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिसर्च के अनुसार, मोटापे से पीड़ित लोग काम पर कम उत्पादक हो सकते हैं जिस कारण कंपनियों के खर्च बढ़ भी सकते हैं। यही नहीं मुटापे से ग्रस्त लोगों में कई और तरह की बीमारियों के भी होने की आशंका और भी बढ़ जाती है।
स्टडी में यह भी साफ हुआ है कि मोटापा अमेरिका में काफी लोगों को है और यूएस के लिए यह एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मुद्दा भी है।
रिसर्च में क्या खुलासा हुआ है
बता दें कि शिकागो में एंडोक्राइन सोसाइटी के वार्षिक सम्मेलन में एक इंडस्ट्री स्पोर्ट ताजा रिसर्च के अनुसार, जो लोग मोटे वे कंपनी के लिए कम उत्पादक साबित हो सकते है और इससे कंपियों का खर्च भी बढ़ सकता है। रिसर्च में यह पाया गया है कि संयुक्त राज्य में लगभग 42 फीसदी लोग मोटापे से परेशान है।
यही नहीं खुलासा यह भी हुआ है कि इस तरह के मोटे कर्मचारियों को टाइप 2 डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, सोने की परेशानी, दिल की बीमारी और कैंसर होने का ज्यादा खतरा होता है। ऐसे में ये सभी बीमारियां कर्मचारियों में कम कार्य कार्य उत्पादकता में योगदान करती है।
नियोक्ताओं के लिए दिए गए सलाह
इस रिसर्च पर बोलते हुए इली लिली एंड कंपनी के एमडी, क्लीयर जे. ली ने कहा है कि "मोटापा वाले कर्मचारियों की तुलना में सामान्य वजन वाले कर्मचारियों की अनुपस्थिति, कार्य में क्षमता का कमी, और कार्य उत्पादकता में ऊँचा नुकसान हो सकता है, यह आधार पर कार्यों के मुआवजे को देखते हुए नियोक्ताओं को ध्यान देना चाहिए।"
एंड कंपनी की सह-लेखक श्रद्धा शिंदे एमबीए ने भी कहा कि "कर्मचारियों के स्वास्थ्य और कार्य पर मोटापे के पर्याप्त बोझ को देखते हुए, नियोक्ताओं को इस अध्ययन द्वारा दिखाए गए संकेतों पर ध्यान देना चाहिए, जो इन व्यक्तियों के स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं।"