मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) स्कैन का इस्तेमाल स्तन कैंसर का समयपूर्व पता लगाने में मदद मिलेगी। अमेरिका में मेमोरियल स्लोआन केटेरिंग कैंसर सेंटर के शोधकर्ताओं ने मरीजों के स्तन में स्वस्थ कोशिकाओं की तुलना कैंसरग्रस्त कोशिकाओं, गैर कैंसरकारी कोशिकाओं से की। उन्होंने पाया कि बायोमार्कर (किसी रोग की पहचान के लिए संकेतक) में विभिन्न अंतरों का पता पोजिट्रॉन एमिशन टॉमोग्राफी (पीईटी) या एमआरआई स्कैनिंग से की जा सकती है। ‘जर्नल आफ न्यूक्लियर मेडिसीन’ में यह अनुसंधान प्रकाशित हुआ है।
ब्रेस्ट कैंसर का नाम सुनते ही लोगों के शरीर में सिहरन दौड़ जाती है। ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाली एक भयावह बीमारी है। यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन 40 साल की उम्र के बाद इसका खतरा ज्यादा रहता है। बदलते लाइफस्टाइल और गलत खानपान के कारण यह समस्या आम है।