लाइव न्यूज़ :

Lung cancer: मौत के खतरे को आधी कर सकती है लंग कैंसर की गोली, वैज्ञानिकों ने खोजी ये अचूक दावा!- अध्ययन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 6, 2023 20:06 IST

अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि दोनों ही प्राथमिक विश्लेषण में सामने आया कि प्रायोगिक दवा के मुकाबले ओसिमर्टिनिब 51 प्रतिशत तक मौत के खतरे को कम कर देती है। प

Open in App
ठळक मुद्देलंग कैंसर को लेकर एक नई स्टडी सामने आई है। स्टडी में लंग कैंसर की गोली को मौत के खतरे को आधा करते हुए पाया गया है। दावा है कि इस दवा से मौत का खतरा नाटकीय रूप से 51 प्रतिशत तक कम हो जाता है।

नई दिल्ली: फेफड़े के कैंसर का ट्यूमर निकलवाने की सर्जरी करवाने के बाद एक गोली प्रतिदिन लेने से इस घातक बीमारी से मौत का खतरा आधा रहा जाता है। यह दावा वैश्विक अध्ययन के शुरुआती नतीजों में किया गया है। ‘द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में हाल में प्रकाशित अनुसंधान पत्र के मुताबिक सर्जरी के बाद ‘ओसिमर्टिनिब’ दवा लेने से मरीज की मौत होने का खतरा नाटकीय रूप से 51 प्रतिशत तक कम हो जाता है। 

दवा को लेकर स्टडी में क्या कहा गया

अध्ययन के दौरान अनुसंधानकर्ताओं ने मरीजों को दो समूहों में बांट दिया और एक समूह को ओसिमर्टिनिब (80 मिलीग्राम प्रतिदिन) और दूसरे समूह को प्रायोगिक औषधि बीमारी दोबारा उभरने तक दी गया। अनुसंधान पत्र के मुताबिक, कुल 682 मरीजों को प्रयोग में शामिल किया गया जिनमें से 339 मरीजों को ओसिमर्टिनिब की दवा दी गई जिसे टैगरिस्सो भी कहते हैं और इसका उत्पादन एस्ट्राजेनिका करती है जबकि 343 रोगियों को प्रायोगिक दवा दी गई। 

यह हुआ है खुलासा

आबादी के प्राथमिक विश्लेषण में पाया गया कि ओसिमर्टिनिब से उपचार करा रहे 85 रोगी पांच साल तक जीवित रहे जबकि प्रायोगिक दवा से उपचार कराने वालो में यह दर 73 प्रतिशत रही। वहीं प्रयोग में शामिल जिन मरीजों को ओसिमर्टिनिब दवा दी गई उनमें कुल 88 प्रतिशत पांच साल तक जिंदा रहे जबकि प्रायोगिक दवा लेने वालें 78 प्रतिशत ही इस मानक को पार कर पाए। 

ओसिमर्टिनिब 51 प्रतिशत तक मौत के खतरे को करती है कम- अनुसंधानकर्ता

अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि दोनों ही प्राथमिक विश्लेषण में सामने आया कि प्रायोगिक दवा के मुकाबले ओसिमर्टिनिब 51 प्रतिशत तक मौत के खतरे को कम कर देती है। परीक्षण के इन नतीजों को सोमवार को शिकागो में आयोजित अमेरिकन सोसाइटी ऑफ क्लीनिकल ओंकोलॉजी के वार्षिक सम्मेलन-2023 के पूर्ण अधिवेशन में पेश किया गया।  

टॅग्स :कैंसरहेल्थ टिप्सफिटनेस टिप्स
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यBengaluru: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्सुअल हेल्थ के इलाज के लिए बैंक लोन लेकर खरीदी थी जड़ी-बूटी, हो गई किडनी की समस्या, ₹48 लाख का हुआ नुकसान

स्वास्थ्यDinner Timing Matters: सर्दियों में जल्दी खाना क्यों बन सकता है हेल्थ गेम-चेंजर?

स्वास्थ्यअध्ययन: बच्चों में बढ़ती हिंसा और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वास्थ्यभारतीय वैज्ञानिकों ने गर्भ के अंदर 'जेनेटिक स्विच' का पता लगाया, गर्भावस्था में हो सकता मददगार

स्वास्थ्यक्या ‘बेरी’ खाना सुरक्षित है? कीटनाशक डाइमेथोएट के बारे में चिंता करना कितना सही

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत