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किसी व्यक्ति के बेहोश होने पर 2 मिनट के अंदर करें ये 5 काम, वरना जा सकती है मरीज की जान

By उस्मान | Updated: October 26, 2019 11:05 IST

यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपके मस्तिष्क तक पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं पहुंच रहा है। ब्लड प्रेशर कम होना, दिल से जुड़ी समस्याएं, डिहाइड्रेशन, अचानक किसी चीज से आघात लगना।

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कमजोरी या अन्य किसी वजह से कई बार आपको बेहोशी का सामना कर सकते हैं। बेहोशी के बाद व्यक्ति को एक या दो मिनट के भीतर होश आ जाता है लेकिन कुछ मामलों में अधिक समय लग सकता है। बेहोश होने के समय व्यक्ति की कोई भी इंद्री काम नहीं करती है और अक्सर शरीर पर नियंत्रण खो जाता है।

कई चिकित्सकीय कारण हैं जिनके कारण व्यक्ति बेहोश हो जाता है। यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपके मस्तिष्क तक पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं पहुंच रहा है। ब्लड प्रेशर कम होना, दिल से जुड़ी समस्याएं, डिहाइड्रेशन, अचानक किसी चीज से आघात लगना, अत्यधिक तनाव आदि इसके कारण हो सकते हैं।

आपने नोटिस किया होगा कि कई कई बार इंसान रस्ते चलते अचानक बेहोश होकर गिर जाता है या कोई व्यक्ति बिल्कुल फिट है और वह अचानक से बेहोश हो जाता है। क्या आप जानते है बेहोश होने के पीछे क्या कारण हैं और किसी के बेहोश हो जाने पर उनकी मदद कैसे कर सकते हैं। 

बेहोश होने के कारण

1) डर या चिंता या डिहाइड्रेशन मनुष्य में किसी चीज का डर भी बेहोशी का कारण हो सकता है, जैसे अपने सामने कोई भयानक दुर्घटना होते देखना उसकी बेहोशी का कारण बन सकता है। कई बार किसी डरावनी चीज को देखकर भी व्यक्ति बेहोशी की स्थिति में पहुँच जाता है। किसी दुखद समाचार या सदमे की वजह से भी बेहोशी हो सकती है। कई बार शरीर में निर्जलीकरण की स्थिति हो जाए, जिसे डिहाइड्रेशन कहते हैं तो व्यक्ति बेहोश हो सकता है। इसमें उल्टी-दस्त होना या लू लगना भी शामिल है। जब शरीर में पानी और खनिज लवणों का क्षरण गंभीर रूप से हो जाता है तो व्यक्ति बेहोशी की हालत में आ जाता है। 

2) उपवास या ब्लड प्रेशर कम होनाभोजन मनुष्य की मूल आवश्यकता है। इससे शरीर क्रियाशील रहता है। लेकिन जो लोग लंबे व्रत उपवास करते हैं या समय पर भोजन नहीं लेते, वे भी बेहोशी का शिकार बन सकते हैं। मधुमेह के रोगी यदि अधिक समय तक भूखे रहें तो उनकी रक्त शर्करा का स्तर काफी गिर जाता है और वे बेहोश हो सकते हैं। लो ब्लडप्रेशर बेहोशी के पीछे अहम कारण माना जाता है। यह समस्या 60 की उम्र से ज्यादा वाले लोगों को ही नहीं बल्कि कम उम्र के लोग भी इसके शिकार होते है।

3) डायबिटीज या तरल पदार्थों के कमीब्लड में तरल पदार्थ की कमी होने से लो बीपी होता है। जिससे भी व्यक्ति बार बार बेहोश होने लगता है। दिल की बीमारी से पीडि़त लोग भी बेहोशी का शिकार होते है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों को भी बेहाश होने का अधिक खतरा होता है। जब शुगर कम-अधिक होती है तो रोगी को चक्कर आते हैं। कहीं बार वे इसके चलते गिर जाते है और बेहोश हो जाते है। 

बेहोश व्यक्ति को ऐसे लायें होश में

1) बेहोशी हर व्यक्ति के साथ अलग कारणों से हो सकती है। ऐसे में, जैसे ही बेहोशी छाए, रोगी को तुरंत उठाएं। किसी अलग स्थान पर लिटा दें। रोगी के आसपास शोर, भीड़ करना ठीक नहीं। उस पर झुकें नहीं। हवा को रोकना नहीं चाहिए। बेहोश व्यक्ति को सीपीआर दें। उनकी छाती दबाएं। जब तक डॉक्टर आए तब तक व्यक्ति के छाती पर दबाव डालते रहें। 

2) बेहोश रोगी के शर्ट के बटन खोल दें। जितना संभव हो, कपड़े ढीले करें ताकि उसे सांस लेने में कोई तकलीफ ना हो। उसे लेटे हुए कोई दिक्कत न आए, इस बात का भी अवश्य ध्यान रखें। रोगी जिस जगह पर हो वहां कोई गन्दी गैस अथवा धुआं आदि नहीं होना चाहिए। 

3) रोगी के मुंह में यदि नकली दांत हों तो उन्हें निकाल देने चाहिए। अगर सांस लेने की क्रिया रुकती और फेल होती दिखाई दे तो कृत्रिम सांस चालू कर देनी चाहिए। अगर रोगी की सांस तेज आवाज के साथ न होता हो तो उसे पीठ के बल लिटाना चाहिए तथा सिर एवं कन्धों के नीचे एक तकिया लगाकर इन दोनों भागों को ऊंचा कर देना चाहिए और सिर एक ओर घुमा देना चाहिए।

4) यदि वह गिरने की संभावना में है, तो उन्हें पकड़ ले। यह उनके शरीर को किसी प्रकार की चोट लगने से बचाने में मदद करेगा। व्यक्ति के चारों ओर अधिक लोगों को इकट्ठा ना होने दें। व्यक्ति को सही ढंग से सांस लेने के लिए हवा आने दें। व्यक्ति के पैरों को सीधा कर दें। इससे शरीर में रक्त का प्रवाह बेहतर करने में मदद मिलेगी।

5) जब व्यक्ति को होश आ जाएं तो उसे उठने और या चलने के लिए ना कहें। उन्हें कुछ मिनटों तक लेटे रहने दें। इस समय, शरीर को आराम करने की आवश्यकता होती है। यदि व्यक्ति को होश ना आए तो उनकी गर्दन को छूकर पल्स रेट की जांच करें। बिना किसी देरी के तुरंत डॉक्टर को बुलाएं। इस बीच, आप उनके चेहरे पर कुछ पानी छिड़कें।

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