बादाम को अगर धरती का सबसे हेल्दी फूड कहें, तो गलत नहीं होगा। इसमें वो सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के बेहतर कामकाज के लिए जरूरी हैं। यह प्रोटीन, ओमेगा 3 फैटी एसिड, ओमेगा 6 फैटी एसिड, विटामिन ई, कैल्शियम,मिनरल्स का भंडार है। अगर इसके फायदों की बात की जाए, तो यह शरीर में मौजूद टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने, पाचन को बेहतर करने, ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने, वजन कम करने, दिल के रोगों से बचाने, दिमाग तेज करने, आंखों की रोशनी बढ़ाने आदि में सहायक है।
बादाम के फायदे
जर्नल ऑफ न्यूट्रीशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, रोजाना सुबह 4 से 6 बादाम का सेवन करने से मेमोरी तेज़ होती है और सेंट्रल नर्वस सिस्टम ठीक से काम करता है। कई अध्ययन के अनुसार, भीगे बादाम में प्री-बायोटिक गुण होता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है। सुबह-सुबह भीगे बादाम खाने से चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़ती हैं और आपकी त्वचा स्वस्थ रहती है।
अध्ययन में ये पाया गया कि भीगे कच्चे बादाम खाने से पेट जल्दी साफ होता है और प्रोटीन पचाना आसान हो जाता है। जर्नल फ्री रेडिकल रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, वैज्ञानिकों ने पाया कि बादाम का सेवन करने से ब्लड में अल्फा टोकोफेरॉल की मात्रा बढ़ जाती है, जो किसी के भी रक्तचाप को बनाये रखने के लिए महत्वपूर्ण होता है।
जर्नल ऑफ न्यूट्रीशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, बादाम एक बहुत ही शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट एजेंट हैं, जो एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सी्करण को रोकने में मदद करता है। कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना हृदय रोग और दिल की धमनियों में रुकावट समेत कई प्रकार के रोगों का एक बड़ा कारण है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए बादाम मदद कर सकता है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ऑबेसिटी रिलेटिड मेटाबॉलिक डिसऑर्डर में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, डाइट में बादाम शामिल करने से वजन जल्दी घटाने में मदद मिलती है। बादाम न सिर्फ पाचन क्रिया बेहतर बनाता है बल्कि भूख को भी कंट्रोल करता है। सभी जानते हैं कि किसी चीज की अधिकता हानिकारक भी होती है। चलिए जानते हैं अधिक बादाम खाने से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में।
बादाम के दुष्प्रभाव
बादाम फाइबर से भरपूर होते हैं, जरुरत से ज्यादा बादाम का सेवन करने पर कब्ज और सूजन की समस्या हो सकती है। अगर आपका शरीर अधिक फाईबर इस्तेमाल करने का आदि नहीं हैं तो आपका पेट भी खराब हो सकता है, क्योंकि बादाम को पचाना मुश्किल होता है इसलिए ये पेट पर ज्यादा जोर डालता है।
बादाम में ज्यादा मात्रा में मैग्नीशियम भी होता है। 3 से 4 बादाम में 0.6 एमजी मैग्नीशियम होता है, जबकि रोजाना आपके शरीर को इसकी 1.8 से 2.3 एमजी जरूरत होती है। अगर आप इस संख्या से ज़्यादा बादाम खाते हैं तो इससे आपके शरीर को दवाइयों के असर पर फर्क पड़ सकता है। आपके खून में ज्यादा मात्रा में मैग्नीशियम एंटाएसिड, लैक्सेटिव, ब्लड प्रेशर की दवाइयों और कई एंटीबायोटिक्स जैसे एंटीसाइकोटिक दवाओं का असर कम कर सकती है।
जिन लोगों का ब्लड प्रैशर हाई रहता हो उन्हें बादाम को अवॉइड करना चाहिए। किडनी में पथरी या गॉल ब्लेडर संबंधी किसी बीमारी के होने पर बादाम का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें ऑक्सलेट अधिक मात्रा में होता है। बादाम में फाइबर काफी मात्रा में होता है जो पाचन क्रिया के लिए अच्छा होता है। लेकिन अधिक मात्रा लेने पर पाचन क्रिया संबंधी परेशानियां हो सकती है।
बादाम में विटामिन ई की अधिक मात्रा होने के कारण इसकी ओवरडोज लेने से सिरदर्द, थकान होने लगती है। इसलिए माइग्रेन के रोगी को बादाम नहीं खाने चाहिए। अगर आप किसी हेल्थ प्रॉब्लम के कारण एंटीबायोटिक मेडिसन ले रहे हैं तो बादाम खाना बंद कर दें। इसके अलावा एसिडिटी की समस्या में बादाम न खाएं।