रेतीले स्थानों में उगने वाला बबूल का पेड़ स्वास्थ्य के लिए कई तरह से उपयोगी होता है। बबूल गोंद को अक्सर लोग साधारण पेड़ समझ लेते हैं, लेकिन इसके हर हिस्से का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवा और घरेलू उपचार में किया जाता है। बबूल के पेड़ पर गोंद लगता है जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद है।
वर्षों से बबूल के गोंद का कई चिकित्सीय स्थितियों में इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि यह पौरुष शक्ति बढ़ाने का काम करता है। यह गोंद बबूल के पेड़ के तने में निकलता है और आपको बाजार में कहीं भी मिल सकता है।
ऐसा माना जाता है कि बबूल का गोंद आंतों को मजबूत बनाने, सीने के दर्द को खत्म करने, गले की आवाज को साफ़ करने, फेफड़ों को मजबूत बनाने, स्पर्म काउंट बढ़ाने, शरीर की थकान और कमजोरी दूर करने आदि में काफी लाभदायक है।
कमर दर्द दूर करने में सहायककमर दर्द में बबूल की छाल, फली और गोंद को बराबर मात्रा में पीस लें, फिर इसकी एक चम्मच मात्रा को दिन में 3 बार सेवन करने से कमर दर्द में राहत मिलती है, सिर दर्द में पानी में बबूल की गोंद घिसकर लगाने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
खांसी से दिलाता है राहत खांसी में बबूल की गोंद को मुंह में रखकर चूसने से खांसी ठीक हो जाती है, यदि शरीर का कोई हिस्सा जल गया हो तो बबूल के गोंद को पानी में घोलकर शरीर के जले हुए हिस्से पर लगाने से जलन दूर हो जाती है।
डायबिटीज में देता है राहतअगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो बबूल का गोंद आपके लिए काफी लाभदायक हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि डायबिटीज में बबूल के गोंद का पाउडर गाय के दूध के साथ दिन में 3 बार लेने से आराम मिलता है।
कमजोरी दूर करने में सहायकशारीरिक शक्ति को बढ़ाने के लिए बबूल के गोंद को घी के साथ तलकर उसमे दोगुनु मात्रा में चीनी मिला दें, इसे रोजाना 20 ग्राम की मात्रा को मुंह में रखकर चूसने से शरीर में ताकत का संचार होता है।
बदन दर्द से आरामबदन के दर्द से राहत पाने के लिए बबूल की छाल और गोंद को बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें। दिन में तीन बार एक चम्मच सेवन करने से बदन के दर्द से राहत मिल सकती है।
बवासीर से देता है राहतबवासीर होने पर बबूल के गोंद को गाय के दूध की छाछ मिलाकर पीने से लाभ मिलता है। बेहतर परिणाम के लिए एक हफ्ते तक ऐसा करें। इससे बादी और खूनी बवासीर से राहत मिल सकती है।
जलने परअगर शरीर का कोई हिस्सा जल जाए तो आपको गोंद का इस्तेमाल करना चाहिए। गोंद को पानी में घोलकर जले हुए हिस्से पर लगाने से जलन दूर हो सकती है।
पीरियड्स के दर्द और ऐंठन से राहतमासिक धर्म अनियमित होने पर गोंद को भूनकर चूर्ण बना लें। इसे मिश्री के साथ खाने से मासिक धर्म की पीड़ा से आराम मिल सकता है। इतना ही नहीं, इससे ऐंठन और फ्लो में भी आराम मिलता है।
वजन कम करने में सहायकऐसा माना जाता है कि बबूल गोंद डाइटरी फाइबर से भरपूर होता है, जिस वजह से यह वजन घटाने में मदद करता है। आप इसे पानी में घोलकर पी सकते हैं। 3 महीने तक 30 ग्राम बबूल गोंद की खुराक लेने से यह वजन बढ़ाने की प्रक्रिया को रोकने में प्रभावी भूमिका निभा सकता है।
टॉन्सिल से दिलाता है राहतसूजन की वजह से गले में टॉन्सिल हो सकते हैं। इसलिए, बबूल गोंद में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण आपको टॉन्सिल से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। इसके इस्तेमाल से आपके गले में टॉन्सिल की वजह से होने वाली सूजन को कम किया जा सकता है।
एक्जिमा से बचाने में सहायकबबूल गोंद में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो स्किन को एक्जिमा से बचाने और इसके उपचार में मदद कर सकते हैं। बबूल गोंद में इंफेक्शन से लड़ने और इन्हें पनपने से रोकने के गुण भी मौजूद होते हैं।
डायरिया के लिए कारगर उपायदस्त होने पर बबूल के गोंद को छाछ के साथ लेना चाहिए। इसके कुछ दिनों तक सेवन करने से दस्त की समस्या से राहत मिल सकती है। इतना ही नहीं, इससे पेट और आंत की घाव में भी आराम मिलता है।