ज्यादातर लोग भोजन की पौष्टिकता पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। संतुलित, पौष्टिक भोजन के अलावा पर्याप्त आराम और शारीरिक गतिविधियों को भी नजरंदाज करते हैं। चिकित्सकों का मानना है कि देर रात तक काम करने, एक्सरसाइज न करने के कारण लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां ऐसे लोगों को ही अपनी पकड़ में लेती हैं।
हेल्दी फूड बीमारियों से कैसे बचाता है?
यह एक बड़ा सवाल है। दरअसल मेटाबॉलिज्म के बढ़ने में जिन तत्वों का इजाफा होता है, उन्हें एंटीऑक्सीडेंट्स द्वारा प्राकृतिक रूप से खत्म कर दिया जाता है। जंक फूड, तनाव और व्यायाम न करने के कारण शरीर में रेडिकल्स का उत्पादन ज्यादा होता है। इनकी संख्या ज्यादा होने पर यह कोशिकाओं की कार्यप्रणाली पर बुरा असर पड़ता है, जो बीमारियों की बड़ी वजह बनता है। सब्जियों और फलों में अनेक तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर को इन स्थितियों से बचाये रखते हैं।
1) संतुलित भोजन है जरूरी
संतुलित भोजन में काबोर्हाइडट्र, प्रोटीन, वसा और खनिज लवण की संतुलित मात्र होनी चाहिए। चना, ज्वार, रागी को भी भोजन में शामिल करना चाहिए। सफेद चावल की बजाय ब्राउन राइस, दालें, बींस, नट्स, फ्रूट्स, सब्जियां लेनी चाहिए।
2) ज्यादा मीठा खाने से बचें
रिफाइंड शुगर, काबोर्हाइड्रेट, फ्राइड फूड से परहेज रखें तथा भोजन में चीनी और नमक की मात्र कम रखें। इसका मतलब यह भी नहीं है कि फास्ट फूड कभी न खाया जाए। मुंह का स्वाद बदलने के लिए इसे कभी-कभी खाया जा सकता है लेकिन इसे ज्यादा मात्र में खाने से बचें। सलाद में क्रीम की बजाय, दही, विनेगर या लेमन का इस्तेमाल करें।
3) ज्यादा नमकीन से भी करें परहेज
ज्यादा सोडियमयुक्त खाद्य पदार्थ खाने से बचें। हाइपरटेंशन, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को भोजन में चीनी और नमक का इस्तेमाल कम करना चाहिए। प्रतिदिन अपने आहार में 10 से 20 ग्राम नट्स शामिल करें। यह अच्छे कैलोस्ट्रोल को बढ़ाता है। हालांकि इसमें काफी मात्र में कैलोरीज होती हैं इसलिए कम ही खाएं। ग्रीन या हर्बल टी में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, इन्हें भोजन में शामिल करें। मीठे ड्रिंक्स की बजाय फ्रूट जूस पीएं।