दिल से शरीर के बाकी हिस्सों तक ऑक्सीजन वाला खून और जीवन के लिए जरूरी पोषक तत्वों को ले जाने का काम धमनियों का होता है। यही वजह है कि धमनियों को स्वस्थ रखना जरूरी है। खाने-पीने से जुड़ीं गलत आदतों, व्यायाम की कमी आदि के कारण धमनियों में कोलेस्ट्रॉल, फैट और कण जमा होने लगते हैं जिससे नसों में पट्टिका बनने लगती हैं। ऐसा अधिकतर बहुत ज्यादा मात्रा में मांस, डेयरी उत्पाद और अंडे जैसी चीजों के सेवन से हो सकता है।
मेडिकल भाषा में इसे कोरोनरी आर्टरी डिजीज कहा जाता है और इससे दिल के दौरे का सबसे ज्यादा खतरा होता है। नसों के ब्लॉक होने से आपको सीने में दर्द होता है और अक्सर दिल का दौरा पड़ता है।
नसों के ब्लॉक होने से खतरा हेल्थ साइट पीसीआरएम के अनुसार, नसों के ब्लॉक होने से सबसे बड़ा खतरा हार्ट अटैक और स्ट्रोक का होता है। अन्य समय में, विशेष रूप से जब धमनी 70% या अधिक बंद हो जाती हैं, तो उससे आपको छाती में दर्द, सांस की कमी, दिल की घबराहट, कमजोरी या चक्कर आना, जी मिचलाना और पसीना आना जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
पीठ के निचले हिस्से में दर्द
इरेक्टाइल डिसफंक्शन
स्ट्रोक
जब मस्तिष्क में जाने वाली धमनियों में पट्टिका जम जाती है, तो रक्त प्रवाह के लिए मार्ग ऑक्सीजन युक्त रक्त के मस्तिष्क से वंचित हो जाता है। ऑक्सीजन के बिना, मस्तिष्क की कोशिकाएं मरने लगती हैं जिसे थ्रोम्बोटिक स्ट्रोक के रूप में जाना जाता है।
थकान और कमजोरी
सांस में कमी
सीने में दर्द
हाथ-पैरों का ठंडा होनानसों में गंदगी जमने से आपको अपने हाथ-पैरों और कंधों में दर्द महूस होने के साथ-साथ ठंडापन भी महसूस हो सकता है। अगर गर्मियों के दिनों में भी आपको यह लक्षण दिखता है, तो बिना देरी किये डॉक्टर से मिलें।
खाने में शामिल करें ये चीजेंअगर आपको ऊपर बताये लक्षण महसूस होते हैं, तो आपको खाने-पीने में बदलाव करना चाहिए। आपको अपनी डाइट में शतावरी, एवोकैडो, ब्रोकोली, फैटी मछली, नट्स, जैतून का तेल, तरबूज, हल्दी, नीम्बू, लहसुन, अनार, संतरा और अदरक जैसी चीजों को शामिल करना चाहिए। यह चीजें 'खराब' कोलेस्ट्रॉल को कम करके 'अच्छा' कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती हैं और धमनियों को साफ करने में मदद करती हैं।