सर्दियों का मौसम शुरू होने के साथ बाजार में कई तरह के फल और सब्जियां भी आ जाते हैं। इन्हीं में से एक है सिंघाड़ा, जो इस मौसम में आपको कहीं भी आसानी से मिल सकता है। सिंघाड़ा ना केवल टेस्टी होता है बल्कि हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद भी होता है। यह हर किसी को पसंद आता है।
सिंघाड़े को कई तरह से खाया जाता है, इसका छिलका उतारकर ऐसे ही कच्चा खा सकते है, या इसे उबालकर फिर छीलकर खा सकते है। इसे उबालकर आलू की सब्जी जैसे बनाकर भी खाया जाता है। उपवास में सिंघाड़े के आटे की पूड़ियां और हलवा भी खूब खाया जाता है।
सिंघाड़े में प्रोटीन, हेल्दी फैट, कार्बोहाईड्रेट, फॉस्फोरस, आयरन, मिनरल्स, विटामिन, स्टार्च व मैंग्नीज जैसे जरूरी तत्व पाए जाते हैं। इन अनेक औषधीय गुणों का सब से अधिक लाभ महिलाओं को होता है।
इसमें कई पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं, जो आपकी कई बीमारियों से रक्षा करते हैं। खासकर दिल की बीमारियों के लिए यह रामबाण औषधि है। साथ ही गले में खराश, थकावट, सूजन और ब्रोंकाइटिस में फायदेमंद है।
अस्थमा के लिए
अस्थमा के मरीजों के लिए सिंघाड़ा बहुत फायदेमंद है। सिंघाड़े को नियमित रूप से खाने से सांस संबधी समस्याओं से भी आराम मिलता है। सिंघाड़ा बवासीर जैसी मुश्किल समस्याओं से भी निजात दिलाने में कारगर साबित होता है।
स्किन के लिए
इसके सेवन से फटी एड़ियां भी ठीक हो जाती हैं। इसके अलावा शरीर में किसी भी स्थान पर दर्द या सूजन होने पर इसका लेप बनाकर लगाने से बहुत फायदा होता है।
हड्डियों के लिए
इसमें कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसे खाने से हड्डियां और दांत दोनों ही मजबूत रहते हैं। साथ ही यह आंखों के लिए भी फायदेमंद है।
गर्भावस्था के लिए
प्रेग्नेंसी में सिंघाड़ा खाने से मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं। इससे गर्भपात का खतरा भी कम होता है। इसके अलावा सिंघाड़ा खाने से पीरियड्स की समस्याएं भी ठीक होती हैं।
थायरॉइड के लिए
सिंघाड़ा शरीर को ऊर्जा देता है, इसलिए इसे व्रत के खाने में शामिल किया जाता है। इसमें आयोडीन भी पाया जाता है, जो गले संबंधी रोगों से रक्षा करता है और थायरॉइड ग्रंथि को सुचारू रूप से काम करने के लिए प्रेरित करता है।
हाई ब्लड प्रेशर के लिए
यदि आप हृदय या रक्तचाप जैसी समस्याओं से बचना चाहते हैं तो सिंघाड़ा जरूर खाएं। सिंघाड़े का आटा रक्तचाप कम करता है। इसमें पोटैशियम होने के कारण यह दिल की धड़कन को सामान्य करने में मदद करता है।
यूटीआई से बचाने में सहायक
पेशाब से संबंधित समस्याओं 'यूटीआई' के लिए सिंघाड़ा बहुत फायदेमंद होता है। अगर किसी व्यक्ति को बार-बार या थोड़ा-थोड़ा पेशाब आता है तो उसे सिंघाड़े का सेवन करना चाहिए।
वजन करता है कम
सिंघाड़े के अंदर अच्छी मात्रा में फाइबर के तत्व पाए जाते हैं। जिसकी वजह से यह वजन को नियंत्रित करने में बहुत फायदेमंद होते हैं इसका सेवन करने से लंबे समय तक भूख का एहसास नहीं होता है।
डायरिया में लाभदायक
दस्त लगने पर सिंघाड़ा खाने से आराम मिलता है। इस फल का रस दस्त और पेट की अन्य समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक है। इसके अलावा इससे पेट से जुड़ीं अन्य समस्याओं से भी राहत मिलती है।