आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा 108 एक आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवा है जो 24 X7 के आधार पर सेवा उपलब्ध कराती है। यह सेवा आंध्र प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, गोवा, तामिलनाडु, राजस्थान, कर्नाटक, असम, मेघालय और मध्य प्रदेश राज्य में उपलब्ध है। यह 24 X7 के आधार पर उपलब्ध आपातकालीन सेवा है। 108 एक टॉल फ्री नंबर है जिसपर लैंडलाइन या मोबाइल से निःशुल्क रूप से फोन किया जा सकता है। यह आपातकालीन सेवा फोन करनेवाले के पास 18 मिनट के भीतर पहुंच जाती है। 108 आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवा ने 6800 अस्पतालों से समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया है जिसके अंतर्गत प्रथम 24 घंटे प्रारंभिक स्थिरीकरण (इलाज) मुफ्त करेंगे।
इन स्थितियों में आपको तुरंत 108 पर कॉल करेंगंभीर जख्मजलनाहृदय गति रूकनापक्षाघातश्वसन विषयकस्वयं को जख्मी करमाआत्महत्या की कोशिशमधुमेहगर्भावस्था संबंधी/ नवजात शिशु/ छोटे बालकमिर्गीबेहोश होनाजानवरों का काटनाउच्च ज्वरसंक्रमण
विभिन्न राज्यों मे एंबुलेंस सेवा की उपलब्धताआँध्र प्रदेश- 752गुजरात- 403उत्तराखंड- 108राजस्थान-164तामिलनाडू- 375गोवा- 18कर्नाटक- 408असम- 280मेघालय- 28मध्य प्रदेश- 55
यदि 'गंभीर आपातकालीन स्थिति' नहीं हों वैसी स्थिति में 108 से संपर्क न करें। यह नंबर पूछताछ या अन्य जानकारी के लिए नहीं है। 108 को मजाक समझकर कभी संपर्क नहीं करें। क्योंकि ऐसा करने से सचमुच आपातलीन कॉल रूक सकता है या जान भी जा सकती है। यदि आपने गलती से 108 पर फोन कर दिया हो तो तबतक अपना फोन नहीं रखें जबतक अधिकारी आप से ऐसा करने के लिए न कहें।
आपातकालीन स्थिति मे स्वयंसेवकजीवीके का स्वयंसेवी बहुत ही बड़ी पहल है ताकि कोई भी आपातकालीन केस न तो हाथों से छूटे और न ही वह बिना सेवा प्राप्त किये जाए। जीवीके ईएमआरआई 108 सेवा के बारे में लोगों में जागरूकता और सूचना के प्रसार के लिए स्वयंसेवा का सहयोग लेने के लिए उत्सुक है। स्वयंसेवक निम्नलिखित कार्यों में सहायता कर सकते हैं। जिनके पास फोन की सेवा उपलब्ध नहीं है उनके लिए आपातकालीन दल को सूचित करना, एंबुलेंस आने तक बीमार व्यक्ति की मदद करना, बीमार व्यक्ति को अस्पताल ले जाने में मदद करना और अज्ञात व्यक्ति के लिए संदर्भ व्यक्ति की भूमिका निभाना, एंबुलेंस जहां तक बीमार व्यक्ति को लेने आनेवाली है वहां तक बीमार व्यक्ति को लेकर जाना और यदि एंबुलेंस व्यस्त हों या उपलब्ध न होने पर बीमार व्यक्ति को अस्पताल तक पहुंचना।
जीवीके ईएमआरआई की अपेक्षाप्रथम उत्तरदायी व्यक्ति बनकार बीमार व्यक्ति को अस्पताल तक पहुंचाने की व्यवस्था करना। उदाहरण के लिए, यदि स्वयंसेवक चिकित्सक है तो वह एंबुलेंस के पहुँचने तक रोगी को पूर्व अस्पताल की सेवा दे सकता है। सहायक के रूप में स्वंयसेवक बीमार व्यक्ति को एंबुलेंस में अस्पताल पहुँचाने में मदद कर सकता है। चालक के रूप में जीवीके ईएमआरआई के एंबुलेंस का का कोई कर्मचारी यदि किसी कारण से (जैसे कोई बीमारी) के कारण अनुपस्थित हों तो स्वयंसेवक स्वंय वाहन चलाकर बीमार व्यक्ति को अस्पताल पहुँचा सके। वाहन तकनीशियन रूप में जो जीवीके ईएमआरआई के वाहनों की छोटी बड़ी खराबी और सर्विसिंग कर सके ताकि प्रत्यक्ष सेवा अच्छी तरह चल सके।
Source-hi.vikaspedia.in