सर्दियों का मौसम नजदीक आते ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है जिस वजह से भारत में डेंगू के मामले (Dengue cases in India 2019) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जनवरी से लेकर अब तक अलग-अलग राज्यों में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है और हजारों की संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं। हम आपको बता रहे हैं कि किन-किन राज्यों में डेंगू का ज्यादा खतरा फैल रहा है और इससे निपटने के लिए आपको किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
भारत में डेंगू के मामले (Dengue statistics in India 2019)
अलग-अलग राज्यों में डेंगू के मामलों की संख्या अलग-अलग है। दिल्ली में इस साल डेंगू के 830 से अधिक मामले सामने आये हैं जबकि उत्तर प्रदेश में 5724, पश्चिम बंगाल में करीब 2000, बिहार में 3950 मामले सामने रिपोर्ट दर्ज हुए हैं।
भारत में डेंगू से मौत (Dengue deaths in India 2019)
पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक जनवरी से डेंगू के कारण 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी और 2000 से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हुए। तेलंगाना के मंछेरियाल में 15 दिन के अंदर एक ही परिवार के तीन सदस्यों की संदिग्ध रूप से डेंगू से मौत हो गई। कानपुर में अब तक 50 से ज्यादा की और पुणे में हाल ही में पांच की मौत हुयी है।
दिल्ली में इस साल डेंगू के 830 से अधिक मामले
दिल्ली में इस साल डेंगू के 830 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिनमें से 189 मामले अकेले पिछले हफ्ते सामने आए। हाल में जारी नगर निगम की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार 26 अक्टूबर तक मलेरिया के मामले भी बढ़कर 574 हो गए। शहर में 19 अक्टूबर तक डेंगू के 644 मामले सामने आए थे और बीते हफ्ते के 189 नए मामलों को जोड़ने पर यह आंकड़ा 833 पहुंच गया। रिपोर्ट के मुताबिक 26 अक्टूबर तक मलेरिया के 206 मामले सामने आए जबकि सितंबर में 214 मामले सामने आए थे।
पश्चिम बंगाल में 25 से ज्यादा लोगों की मौत
पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक जनवरी से डेंगू के कारण 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी और 2000 से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हुए। कोलकाता मुख्यालय वाले एनएटीएमओ द्वारा थ्री डी नक्शा तैयार किए जाने पर पता चलेगा कि कौन से वे इलाके हैं जहां पर जलजमाव की वजह से मच्छरों का लार्वा पनपता है।
उत्तर प्रदेश में 5724 मामले
प्रदेश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि डेंगू रोग की रोकथाम एवं बचाव हेतु राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के फलस्वरूप एक नवम्बर, 2019 तक प्रदेश में डेंगू रोग के कुल 5 हजार 724 केस पाये गये हैं तथा कुल नौ मृत्यु की रिपोर्ट प्राप्त हुई है, जो कि वर्ष 2016 की तुलना में काफी कम हैं। ज्ञातव्य है कि प्रदेश में वर्ष 2016 में डेंगू के लगभग 15000 केस पाये गये थे तथा डेंगू रोग से कुल 42 मृत्यु हुई थी।
बिहार में 3950 मरीजों में डेंगू के लक्षण
बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में अब तक डेंगू के 3950 और चिकनगुनिया के 351 मरीज पाए गए हैं। जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 28 अक्टूबर तक कुल 3950 मरीजों में डेंगू के लक्षण पाए गए है। पटना जिले में डेंगू के कुल 2,953 मरीज चिन्हित किए गए हैं। बिहार में इस अवधि तक चिकनगुनिया के कुल 351 मरीज पाए गए हैं। इनमें 305 पटना जिले के हैं। पटना जिले के अन्तर्गत 22 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से 04 से 28 अक्टूबर तक लगभग 20,856 मरीजों का इलाज किया जा चुका है।
गोवा में डेंगू के 1,468 मामले
गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने कहा कि पिछले नौ महीनों में राज्य में डेंगू से चार लोगों की मौत हो गई और 1,468 संदिग्ध मामले सामने आये है। उन्होंने बताया कि मच्छर जनित वायरल संक्रमण को फैलने से रोकने पर चर्चा करने के लिए वह मंगलवार को पोरवोरिम में स्वास्थ्य विभाग और पंचायत अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
जम्मू कश्मीर में 200 से ज्यादा लोग डेंगू से पीड़ित
जम्मू कश्मीर में कम से कम 222 व्यक्ति डेंगू से पीड़ित पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी और कहा कि चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस बीमारी के इलाज और रोकथाम के सभी उपाय किये जा रहे हैं । पिछले साल राज्य में डेंगू के मरीजों की कुल संख्या 214 थी, जबकि पिछले चार साल में इस रोग के कारण किसी की भी मृत्यु नहीं हुई। जम्मू जिले में डेंगू के 75 मामले दर्ज किये गए जो कि सबसे अधिक है। इसके अतिरिक्त सांबा में 73, कठुआ में 24 और राजौरी में 22 मामले सामने आए।
पैरासिटामोल की 650 मिग्रा खुराक है इलाज (Medical Treatment of Dengue)
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में डेंगू को लेकर कोई महामारी जैसी स्थिति नहीं है और पैरासिटामोल की 650 मिग्रा की खुराक खाने और आराम करने से यह बीमारी ठीक हो जाती है । न्होंने कहा कि डेंगू के बुखार को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है और पैरासिटामोल की 500 मिग्रा की खुराक की जगह अगर 650 मिग्रा की खुराक ली जाये और आराम किया जाये तो यह ठीक हो जाता है। स्वाइन फलू के संबंध में उन्होंने कहा कि दुनिया भर के चिकित्सकों ने यह माना है कि यह एक सामान्य किस्म का एन्फलूएंजा है जिससे बार—बार हाथ धोकर, मास्क पहनकर और अन्य प्रकार से सावधानी बरतकर बचाव किया जा सकता है।
अगले साल आएगी डेंगू की आयुर्वेदिक दवा (Home remedies and Ayurveda treatment of Dengue)
डेंगू का इलाज करने वाली आयुर्वेदिक दवा क्लीनिकल परीक्षण के तीसरे एवं अंतिम चरण में है और इसे अगले दो सालों में बाजार में उतारा जाएगा। आयुष मंत्रालय ने यह बात कही। आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने बताया कि आयुष (आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध , सोवा रिगपा और होम्योपैथी) मंत्रालय एवं भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) मिलकर इस पर अनुसंधान कर रहे हैं। यह दवा भारत में उगने वाले कई प्रकार के औषधीय पौधों से तैयार की गयी गयी है और इसे अगले दो सालों में गोली के रूप में बाजार में उतारे जाने की संभावना है।
भारत में डेंगू टीकाकरण अगले साल से (Vaccine of Dengue treatment)
भारत में अगले साल की शुरुआत से उन इलाकों में प्रदर्शन के आधार पर डेंगू टीकाकरण किया जाएगा जहां इसका प्रसार बहुत अधिक है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में एक सेरोसर्वे (व्यक्तियों के एक समूह से रक्त सीरम का एक परीक्षण) हाल ही में पश्चिम बंगाल सहित 15 से अधिक राज्यों में किया गया है, और एक रिपोर्ट चिकित्सा पत्रिका 'लैंसेट ग्लोबल हेल्थ' में प्रकाशित हुई थी।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)