दिल्ली की हवा कितनी जहरीली बनी हुई है और यहां प्रदूषण किस लेवल तक पहुंच गया है इसका नमूना पेश करते हुए सोशल मीडिया पर एक फोटो बहुत तेजी से वायरल हो रही है। यह फोटो आर्टिफिशियल फेफड़ों की है। सर गंगराम अस्पताल ने शहर का प्रदूषण जांचने के लिए एक आर्टिफिशियल फेफड़ा अस्पताल के बाहर लगाया था। हैरान करने वाली बात यह है कि यह सफेद रंग का नकली फेफड़ा दो दिन के भीतर काला पड़ गया। इस फोटो ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। अब आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि मानव शरीर और उनके अंगों पर इसका क्या प्रभाव पड़ता होगा। दरअसल इस नकली फेफड़े को बैंगलोर की एक संस्था ने बनाया है। इनमें सफेद हेपा फिल्टर लगे हैं, जो प्रदूषित वायु के संपर्क में आने पर काले हो जाते हैं। इससे वायु प्रदूषण के प्रभाव को समझने में मदद मिलेगी।
दिल्ली का हाल बना हुआ है बेहालदेश की राजधानी दिल्ली की हवा जहरीली बनी हुई है। दिवाली के बाद वायु प्रदूषण और ज्यादा बढ़ गया है। हैरान करने वाली बात यह है कि शहर का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स सबसे खतरनाक लेवल पर पहुंच गया है। कई इलाकों में यह लेवल 1000 को टच कर गया है। दिल्ली-एनसीआर का अधिकांश हिस्सा अत्यधिक खराब हवा की गुणवत्ता से जूझ रहा है। हैरान करने वाली बात यह है कि दिल्ली के अस्पतालों में पिछले कुछ दिनों में आंख और सांस से जुड़े रोगों से पीड़ित मरीजों की संख्या लगभग 60 फीसदी बढ़ी है।
दिवाली के बाद तेजी से बढ़ा है प्रदूषणदिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण में खतरनाक बढ़ोतरी हुई है। एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई) की मानें तो आनंद विहार में प्रदूषण का स्तर 999, अमेरिकी राजदूतावास, चाणक्यपुरी में 459 और मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में एक्यूआर 999 रहा। गौरतलब है कि यह प्रदूषण का स्तर 'खतरनाक' श्रेणी में आता है। दिल्ली की हवा में प्रदूषण बढ़ने से इसका सबसे अधिक बुरा असर आंखों पर पड़ता है।
प्रदूषण से कई गंभीर रोगों का खतराडॉक्टर के अनुसार, पहले लोगों के फेफड़े गुलाबी होते थे। जो लोग धुम्रपान करते थे, केवल उनके ही फेफड़े काले देखने को मिलते थे, लेकिन अब प्रदूषण का स्तर में लगातार बढ़ोतरी के साथ खतरनाक तत्वों के शामिल हो जाने से अधिकतर सभी के फेफड़ों की दिशा कुछ प्रकार देखने को मिलते थे। डॉक्टर और एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस जहरीली हवा से लोगों को अस्थमा, खांसी, आंखों में जलन, सिरदर्द जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। प्रदूषण खराब होने से कई लोगों को आंखों का सूखापन, कंजंक्टिवाइटिस, आंखों में जलन, आंखों में खुजली, आंखों का लाल होना, धुंधला दिखना और आंखों में दर्द सबसे अधिक खतरा होता है।