Covid and pollution: वैज्ञानिकों का दावा, कोविड-19 से 15% मौतों का संबंध वायु प्रदूषण से, जानिये कोरोना संकट में प्रदूषण से बचने के तरीके

By उस्मान | Updated: October 28, 2020 15:31 IST2020-10-28T15:30:40+5:302020-10-28T15:31:30+5:30

कोरोना वायरस और प्रदूषण : एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि कोरोना के ठीक हुए मरीजों को वायु प्रदूषण का अधिक खतरा हो सकता है

Covid and pollution:study says air pollution to 15 percent of COVID-19 deaths | Covid and pollution: वैज्ञानिकों का दावा, कोविड-19 से 15% मौतों का संबंध वायु प्रदूषण से, जानिये कोरोना संकट में प्रदूषण से बचने के तरीके

कोरोना और वायु प्रदूषण

Highlightsएशिया में हुई मौतों के करीब 27 प्रतिशत का संबंध वायु प्रदूषण सेप्रदूषण के कारण बीमारी की गंभीरता बढ़ने का खतराठीक हुए मरीजों को भी प्रदूषण से खतरा

वैज्ञानिकों ने एक नए अध्ययन में दावा किया है कि दुनियाभर में कोविड-19 से हुई करीब 15 प्रतिशत मौतों का संबंध लंबे समय तक वायु प्रदूषण वाले माहौल में रहने से है। अध्ययनकर्ताओं ने पाया है कि यूरोप में कोविड-19 से हुई मौतों में करीब 19 प्रतिशत, उत्तरी अमेरिका में हुई मौतों में से 17 प्रतिशत और पूर्वी एशिया में हुई मौतों के करीब 27 प्रतिशत का संबंध वायु प्रदूषण से है। 

प्रदूषण के कारण बीमारी की गंभीरता बढ़ने का खतरा
शोधकर्ताओं ने कहा कि निकाला गया अनुपात वायु प्रदूषण और कोविड-19 मृत्यु दर के बीच सीधे जुड़ाव को नहीं दिखाता है। हालांकि, वायु प्रदूषण के कारण बीमारी की गंभीरता बढ़ने और स्वास्थ्य संबंधी अन्य जोखिमों के बीच प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संबंधों को देखा गया। शोधकर्ताओं ने कहा कि महामारी खत्म होने के बाद इस बारे में व्यापक विश्लेषण करने की जरूरत होगी।  

कोरोना संकट में प्रदूषण खतरनाक क्यों?
एम्स में मेडिसिन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ नीरज निश्चल के अनुसार, इस साल कोविड-19 का प्रकोप है। सामान्य सर्दी जुकाम की तरह प्रदूषण का स्तर बढ़ने से इस वायरस का संक्रमण बढ़ने की आशंका है। हमें मामलों में और वृद्धि देखने को मिल सकती है।' 

अपोलो अस्पताल में आंतरिक चिकित्सा के वरिष्ठ सलाहकार डा. सुरंजीत चटर्जी के अनुसार, 'यह कोई नहीं जानता है कि वायरस कैसे व्यवहार करने वाला है। लेकिन, प्रदूषण स्तर बढ़ने और सर्दियां आने से, हमें खुद को सबसे खराब स्थिति का सामना करने के लिए तैयार करने की आवश्यकता है। यह एक खतरनाक संयोजन होगा।' 

ठीक हुए मरीजों को भी प्रदूषण से खतरा
विशेषज्ञों ने कहा कि जो लोग पूर्व में इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, उन्हें भी नई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। 

प्रदूषण बढ़ने से सांस की बीमारियों का खतरा
डॉक्टरों के अनुसार प्रदूषण का स्तर बढ़ने से वायरल इन्फ्लूएंजा जैसी सांस की बीमारियां बढ़ जाती हैं और खराब वायु गुणवत्ता के कारण फेफड़ों में सूजन आ जाती है और इससे वायरस से संक्रमित होने की आशंका बढ़ जाती है। 

प्रदूषण से बचने के उपाय
1) प्रदूषण के दौरान घर से बाहर निकलने से बचें। खासकर सुबह के समय जब सबसे अधिक प्रदूषण अधिक होता है। 

2) आंखों का चश्मा जरूर पहनें, इससे आंखों का प्रदूषण से काफी हद तक बचाया जा सकता है। 

3) सफर के बाद और सोने से पहले साफ पानी से आंखों को धोयें। 

4) आंखों को हाथों से छूने से बचें और हाथ धोने के बाद ही आंखों को टच करें। आंखें रगड़ने से बचें।

5) आंखों में जलन होने पर सिर्फ डॉक्टर द्वारा निर्धारित आई ड्रॉप का ही इस्तेमाल करें। 

6) इस दौरान कांटेक्ट लेंस न पहनें और आई मेकअप से बचें। 

7) जलन कम करने के लिए कूल कॉम्प्रेसएहतर होगा  का इस्तेमाल करना बेहतर होगा।  

8) लंबे समय तक स्क्रीन डिवाइस, जैसे मोबाइल फोन और लैपटॉप का उपयोग न करें। सु 

9) एक स्वस्थ आहार खाएं जिसमें ओमेगा 3 और एंटीऑक्सीडेंट, जैसे कि मछली, हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, पालक, बादाम, अखरोट और जामुन समृद्ध खाद्य पदार्थ शामिल हों। ये आंखों के लिए बेहद अच्छे हैं।

10) अपने घर बेहतर क्वालिटी वाला एयर पोलुशन लगवाएं। इससे घर की हवा साफ होती है।

Web Title: Covid and pollution:study says air pollution to 15 percent of COVID-19 deaths

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