लाइव न्यूज़ :

COVID-19 treatment: कोरोना से होने वाली मौत से बचा सकती हैं हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं, 10 गोलियों के एक पत्ते की कीमत ₹10

By उस्मान | Updated: August 26, 2020 08:35 IST

वैज्ञानिकों ने अध्ययन में पाया है कि जिन मरीजों को हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं दी जा रही थी उनमें मौत का जोखिम कम पाया गया

Open in App
ठळक मुद्देहाई ब्लड प्रेशर की दवाओं से कोविड-19 से जीवित रहने की दर में सुधार हो सकता हैइससे कोरोना वायरस संक्रमण की गंभीरता में भी कमी आ सकती हैउच्च रक्तचाप की दवाएं ले रहे 28,000 रोगियों पर अध्ययन हुआ है

कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। चीन से निकली इस महामारी से देश में 3,231,754 लोग संक्रमित हो गए हैं और 59,612 लोगों की मौत हो गई है। दुनियाभर में इस वायरस की चपेट में 24,050,731 लोग आ गए हैं और 823,298 लोगों की मौत हो गई है।

कोरोना का फिलहाल कोई इलाज या टीका नहीं है। हालांकि कई टीकों का काम अंतिम चरण में है और इस साल के आखिर तक बाजार में आने की उम्मीद भी है। लेकिन चिकित्सक फिलहाल अन्य रोगों में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के  जरिये कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे हैं। 

इस बीच दवाओं को लेकर अध्ययन जारी हैं और एक नए अध्ययन में बताया गया है कि उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर की दवाओं से कोविड-19 से जीवित रहने की दर में सुधार हो सकता है। इतना ही नहीं, इससे कोरोना वायरस संक्रमण की गंभीरता में भी कमी आ सकती है। 

28,000 रोगियों पर हुआ अध्ययनद प्रिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह बात एक अध्ययन में सामने आयी है। ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी आफ ईस्ट एंगलिया के अध्ययनकर्ताओं ने उच्च रक्तचाप की दवाएं ले रहे 28,000 रोगियों पर अध्ययन किया है। 

हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को कोविड से मौत का खतरा कम'करंट एथरोस्कलेरोसिस रिपोर्ट्स' पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि उच्च रक्तचाप की दवाएं एंजियोटेंसिन-कन्वर्जिंग एंजाइम इनहिबिटर्स(एसीईआई) या एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स (एआरबीएस) ले रहे उन रोगियों के गंभीर रूप से कोविड-19 की चपेट में आने या मौत का खतरा कम है जो उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं। 

यूनिवर्सिटी आफ ईस्ट एंगलिया के नोविक मेडिकल स्कूल की ओर से इस अध्ययन में शामिल प्रमुख अध्ययनकर्ता वैसिलियोस वैसिलिओऊ ने कहा, ''हमने पाया कि उच्च रक्तचाप से पीड़ित एक तिहाई कोविड-19 रोगी और कुल रोगियों के चौथाई रोगियों को एसीईआई या एआरबीएस दी जा रही हैं। हो सकता है कि ऐसा हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और मधुमेह के मरीजों के संक्रमण की चपेटे में आने के खतरे को देखते हुए किया जा रहा हो। 

एसीईआई इनहिबिटर्स की कीमतमीडियानेट के अनुसार एसीईआई इनहिबिटर्स के 10 गोलियों के एक पत्ते की कीमत 10 रुपये के करीब है। इस दवा का हाई ब्लड प्रेशर के मरीज अन्य दवाओं के साथ इस्तेमाल करते हैं। इसका उपयोग हार फेलियर में भी किया जाता है। यह ब्लड वेसेल्स को टाइट करने वाले केमिकल्स को कम करने का काम करती है।

इस बात का रखें ध्यानअगर आप ब्लड प्रेशर के मरीज नहीं है और आपने पहले कभी इन दवाओं का इस्तेमाल नहीं किया है, तो आपको इस दवा का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। बिना डॉक्टर की सलाह लिए बिना इन दवाओं के इस्तेमाल से आपकी सेहत को कई गंभीर नुकसान हो सकते हैं। 

देश में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 32 लाख के आंकड़े को पार कर गई जबकि स्वस्थ हुए लोगों की संख्या 24 लाख के पार चली गई।  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब तक संक्रमण के मामलों की कुल संख्या 31,67,323 बताई है। इसके अलावा मंत्रालय ने बताया कि 58,390 लोगों की मौत हुई है और उपचार के बाद 24,04,585 लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हुए हैं।

टॅग्स :कोरोना वायरसकोविड-19 इंडियामेडिकल ट्रीटमेंट
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यमेरी नाक बंद है, मुझे कैसे पता चलेगा कि यह ‘फीवर’ का लक्षण है या सर्दी का?

स्वास्थ्यपुरुषों और महिलाओं के मस्तिष्क में सैकड़ों जीन अलग-अलग तरीके से काम करते हैं, अध्ययन

स्वास्थ्यJharkhand: अस्पताल की बड़ी लापरवाही, 5 बच्चों को चढ़ाया गया संक्रमित खून; सभी हुए HIV पॉजिटिव

स्वास्थ्यअमानक दवाइयां बाजार में कैसे पहुंच जाती हैं ?

स्वास्थ्यDelhi-NCR में दिल से जुड़ी बीमारियों की जांच में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि, अध्ययन

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्य1,738 पुरुषों की जांच, क्या दवा हिंसा और घरेलू हिंसा को कम कर सकती?, देखिए रिपोर्ट में बेहद दिलचस्प खुलासा

स्वास्थ्यUP: 972 सीएचसी और 3735 पीएचसी में वेंटिलेटर बेड नहीं, मरीजों को हो रही दिक्कत

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार