COVID-19 vaccine: भारत में कोरोना के मामले 1 करोड़ पार, जानिये कब आएगा टीका, कैसे मिलेगा, साइड इफेक्ट्स
By उस्मान | Published: December 19, 2020 11:24 AM2020-12-19T11:24:42+5:302020-12-19T11:31:09+5:30
कई देशों में टीकाकरण शुरू हो गया है, कुछ साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिले हैं, जानिये आपको किस तरह तैयारी करनी चाहिए
दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर बढ़कर 76,013,074 हो गए हैं और 1,681,249 लोगों की मौत हो गई है। भारत में यह आंकड़ा एक करोड़ को पार कर गया है। कई देशों में कोरोना वायरस के लिए टीकाकरण भी शुरू हो गया है।
अगर बात करें तो भारत की तो यहां भी टीकाकरण के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। दो वैक्सीन ने आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूरी भी मांगी है। मंजूरी मिलते है यहां भी टीकाकरण शुरू हो सकता है। चलिए जानते हैं वैक्सीन को लेकर देश-विदेश में क्या ताजा अपडेट हैं।
कोविड-19 टीके से गंभीर प्रतिकूल असर का दूसरा मामला
अमेरिका के अलास्का में कोविड-19 टीके से गंभीर प्रतिकूल असर पड़ने का दूसरा मामला सामने आया है। दोनों ही प्रभावित स्वास्थ्यकर्मी हैं। हालिया मामले में एक महिला चिकित्साकर्मी को बृहस्पतिवार को फेयरबैंक्स में टीका लगा और इसके 10 मिनट बाद ही प्रतिकूल असर दिखाई देने लगा। उनमें 'एनाफिलेक्टिक' लक्षण सामने आए, इसमें जीभ का सूज जाना, कर्कश आवाज और सांस लेने में परेशानी जैसी दिक्कतें शामिल हैं।
कोविड-19 का टीका लेना व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कोविड-19 के टीके की खुराक लेना व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करेगा और रेखांकित किया कि भारत में उपलब्ध टीका भी दूसरे देशों में विकसित टीके जितना ही कारगर होगा।
संक्रमित हो चुके लोगों को भी कोरोना वायरस के टीके की पूरी खुराक लेने की सलाह दी जाती है क्योंकि इससे बीमारी के खिलाफ मजबूत प्रतिरोधक क्षमता तैयार होगी। मंत्रालय ने कहा कि दूसरी खुराक लेने के दो हफ्ते बाद शरीर में एंटीबॉडी का सुरक्षात्मक स्तर तैयार होता है।
रूस टीकाकरण अभियान की मिली जुली प्रतिक्रिया
रूस में विकसित कोविड-19 के टीका 'स्पूतनिक वी' पर लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है। पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों और शिक्षकों का टीकाकरण किया जा रहा है लेकिन मॉस्को में कई क्लीनिकों पर टीका लगाने के लिए लोग नहीं आ रहे।
रूस ने इसे बहुत बड़ी उपलब्धि बताया था। लेकिन, आम लोगों के बीच टीका को लेकर बहुत उत्साहजनक प्रतिक्रिया नहीं दिख रही और कई लोग इसके कारगर और सुरक्षित होने को लेकर संदेह जता रहे हैं। प्रायोगिक परीक्षण के सभी चरण को पूरा नहीं करने के लिए रूस को आलोचना का भी सामना करना पड़ा है।
जयपुर में स्वदेशी टीके 'को-वैक्सीन' का परीक्षण शुरू
जयपुर में कोरोना वायरस संक्रमण के स्वदेशी टीके 'को-वैक्सीन' का परीक्षण शुरू हो गया। हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के साथ मिलकर तैयार किया है।
भारत में छह टीकों पर चल रहा है काम
भारत में कोविड-19 के छह टीकों के परीक्षण चल रहे हैं। इसमें आईसीएमआर के साथ तालमेल से भारत में बायोटेक द्वारा विकसित टीका, जायडस कैडिला, जेनोवा, ऑक्सफोर्ड के टीके पर परीक्षण चल रहा है। रूस के गमालेया राष्ट्रीय केंद्र के साथ तालमेल से हैदराबाद में डॉ रेड्डी लैब में स्पूतनिक वी के टीके और एमआईटी, अमेरिका के साथ तालमेल से हैदराबाद में बायोलोजिकल ई लिमिटेड द्वारा विकसित टीका भी शामिल हैं।
टीकाकरण से जुड़ीं मुख्य बातें
मंत्रालय ने कहा कि 28 दिन के अंतराल पर टीके की दो खुराक लेने की आवश्यकता होगी। कैंसर, मधुमेह, हाइपरटेंशन आदि से जूझ रहे मरीज भी कोविड-19 के टीके की खुराक ले सकते हैं।
आरंभिक चरण में कोविड-19 के टीके स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले प्राथमिकता समूह को दिए जाएंगे। टीके की उपलब्धता के आधार पर 50 से ज्यादा उम्र वालों को भी इसकी खुराक दी जा सकती है।
चिन्हित लोगों को टीकाकरण और उसके समय के बारे में उनके मोबाइल नंबर पर सूचना दी जाएगी। टीके के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड आदि दस्तावेज मान्य होंगे।