COVID Vaccine: देश में 23 लाख से ज्यादा कोरोना वैक्सीन बर्बाद, जानिये कारण और टीके की बर्बादी रोकने के उपाय

By उस्मान | Published: March 19, 2021 09:58 AM2021-03-19T09:58:49+5:302021-03-19T10:10:54+5:30

जानिये चिकित्सकों को क्यों नष्ट करनी पड़ रही है कोरोना की खुराक

Coronavirus vaccine update: Over 23 lakh vaccine doses wasted in India, know reason and how to preventing tips in Hindi | COVID Vaccine: देश में 23 लाख से ज्यादा कोरोना वैक्सीन बर्बाद, जानिये कारण और टीके की बर्बादी रोकने के उपाय

कोरोना वैक्सीन

Highlightsडॉक्टरों को मजबूरन नष्ट करनी पड़ती है खुराकलाभार्थियों की कमी की वजह से हो रही है बर्बादीचार घंटे में खुद खराब हो जाती है खुराक

कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण के मामले में भारत खुद को पहले नंबर पर रखने का दावा कर रहा है। लेकिन हकीकत यह भी है कि देश में कोरोना की वैक्सीन की बर्बादी भी सबसे ज्यादा यहीं हो रही है। 

नेटवर्क 18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र द्वारा राज्यों को अब तक 7 करोड़ से अधिक वैक्सीन खुराक प्रदान की गई हैं, जिनमें से 3.46 करोड़ से अधिक वैक्सीन खुराक प्रशासित की गई हैं।

स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार अब तक लगभग 6.5% टीके  बेकार हो गए हैं। 23 लाख से अधिक वैक्सीन की खुराक बर्बाद हुई है।

केंद्र ने राज्यों से कहा है कि वे टीकाकरण के इष्टतम उपयोग को प्रोत्साहित करें और भारत में 6.5% की कमी वाले टीके की बर्बादी के बाद काफी हद तक इसकी निगरानी करें।

कोरोना वायरस की खुराक की बर्बादी के कारण

प्रत्येक कोविशील्ड शीशी में कुल 10 खुराक होती हैं, जबकि एक कोवाक्सिन की शीशी में 20 खुराक होती हैं और प्रत्येक खुराक 0।5 मिली (एक व्यक्ति के लिए) होती है। 

एक बार खोले जाने पर, सभी खुराक को चार घंटों के भीतर प्रशासित किया जाना चाहिए, अन्यथा, यह बेकार चला जाता है और शेष खुराक को नष्ट करना पड़ता है। 

भारत में वैक्सीन की बर्बादी एक बड़ा कारण यह है कि एक समय पर कई लाभार्थियों को टीका नहीं दिया जाता है। चूंकि टीके खोले जाने के चार घंटे के भीतर उपयोग करने की आवश्यकता होती है, इसलिए लाभार्थियों के प्रवाह को बढ़ाना महत्वपूर्ण है।

एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉक्टर सुरेश कुमार के अनुसार, अगर हम शाम को 6:00 बजे के आसपास एक शीशी खोलते हैं और दो लोग इसके बाद टीका लगवाते हैं। लाभार्थी कम होने पर बाकी की सही खुराक को नष्ट करना पड़ता है। 

कैसे रोकी जाए टीके की बर्बादी

डॉक्टर के अनुसार, टीकाकरण केंद्रों को 1 किमी के दायरे के लोगों का बैकअप डेटा प्रदान किया जाना चाहिए ताकि वे लोगों को टीका लगाने के लिए बुला सकें। यह बैकअप सूची महत्वपूर्ण है, ताकि एक शीशी खुलने के बाद टीके बेकार न जाए। इसके अलावा सूची में गैर-योग्य लोगों को शामिल किया जा सकता है। 

उन्होंने कहा, देश भर में टीके वितरित करना एक रणनीति है लेकिन उन जिलों में खुराक पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जहां सक्रिय मामले बढ़ रहे हैं। पचास जिलों में देश में 60% सक्रिय कोविड मामले हैं। इन जिलों में हर किसी को टीका देने से वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।

चिकित्सा विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि टीकाकरण के लिए वैक्सीन की खुराक की बर्बादी केवल बुजुर्गों पर ध्यान देने के बजाय टीकाकरण के लिए पात्रता मानदंड का विस्तार करके रोकी जा सकती है।

पांच राज्यों में सबसे ज्यादा टीके की बर्बादी

भारत में कोविट-19 टीके की औसतन 6.5 फीसदी खुराक बर्बाद हो रही है जबकि तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश में यह बर्बादी क्रमश: 17.6 प्रतिशत और 11.6 प्रतिशत है।

स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि अब तक देश में टीके की 3.51 करोड़ खुराक दी गई है जिनमें से 1.38 करोड़ खुराक 45 से 60 साल की उम्र के बीच गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को दी गई है। उन्होंने बताया कि 15 मार्च को दुनिया में कोविड-19 की 83.4 लाख खुराक दी गई जिनमें से 36 प्रतिशत खुराक अकेले भारत में दी गई।

भूषण ने बताया कि पांच राज्यों- तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक व जम्मू-कश्मीर में टीके की खुराक की बर्बादी राष्ट्रीय औसत 6.5 प्रतिशत से अधिक है। 

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

Web Title: Coronavirus vaccine update: Over 23 lakh vaccine doses wasted in India, know reason and how to preventing tips in Hindi

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