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ICMR के सर्वे में दावा, कंटेनमेंट जोन के 15-30% लोग संक्रमित होकर खुद हो गए ठीक, जानें बिना इलाज कैसे हुआ यह चमत्कार

By उस्मान | Updated: June 9, 2020 13:13 IST

सर्वे के अनुसार, इन इलाकों में संक्रमण को लेकर लोगों में इम्युनिटी बढ़ रही है, जिसका मतलब है कि आगे चलकर वायरस से निपटने में मदद मिल सकेगी

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ठळक मुद्देआबादी तक कोरोना की पहुंच और असर का पता लगाने के लिए सीरोलॉजिकल सर्वे हुआइनमें वे रोगी भी शामिल हैं जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई नही दिए70 जिलों से तकरीबन 24 हजार लोगों के नमूने लिए गए थे

भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार को संक्रमण के करीब 10 हजार मामले सामने आए जिसके बाद कुल मामले 2।56 लाख से पार चले गए। यह विषाणु करीब 7500 लोगों की जान ले चुका है और 129,215 मरीज सही होकर घर लौटे हैं। कोरोना वायरस के मामलों के हिसाब से भारत दुनिया का पांचवा सबसे से प्रभावित देश है।

कोरोना वायरस का कोई स्थायी इलाज नहीं है। लेकिन इस तबाही के बीच एक अच्छी खबर आई है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के ताजा सर्वे में यह बात सामने आई है कि देश की कुल आबादी का एक बड़ा हिस्सा अपने आप ही कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हो चुका है। आईसीएमआर ने आबादी तक कोरोना की पहुंच और असर का पता लगाने के लिए यह सीरोलॉजिकल सर्वे किया था। 

आईसीएमआर ने कंटेनमेंट जोन यानी उन इलाकों में जहां पहले से ही कोरोना का मामले हैं, वहां करीब 30 फीसदी लोग संक्रमित होकर बिना किसी इलाज के अपने आप ठीक भी हो गए। इनमें वे रोगी भी शामिल हैं जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई नही दिए हैं। इन मरीजों के शरीर से एंटीबॉडीज भी मिली हैं। 

70 जिलों में 24 हजार लोगों के लिए गए नमूनेन्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, यह सर्वे आईसीएमआर, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, राज्य सरकार और डब्ल्यूएचओ ने मिलकर सेरो सर्वे (sero-survey) किया है। इस सर्वे में देश के 70 जिलों से तकरीबन 24 हजार लोगों के नमूने लिए गए थे।

बता दें कि सीरोलॉजिकल सर्वे में खास एंटीबॉडीज की पहचान के लिए ब्लड सैंपल लिए जाते हैं। इस बार टेस्ट एंटीबॉडीज का पता लगाने के लिए किया गया था, जो कि सार्स-को-2 से लड़ने में मदद करती हैं।

सीरोलॉजिकल सर्वे या एंटीबॉडीज टेस्ट क्या है?सर्वे में किसी खास इलाके में एक साथ कई लोगों के ब्लड सीरम टेस्ट किए जाते हैं। आमतौर पर ये जिले के स्तर पर होता है। इससे ये पता चल जाता है कि आखिर संक्रमण किस स्तर पर फैल रहा है। इससे शरीर में एंटीबॉडीज के बारे में पता चलता है। जो ये बताती हैं कि वो शख्स वायरस से संक्रमित हुए था या नहीं। एंटीबॉडीज वो प्रोटीन्स होते हैं, जो वायरस से लड़ने में हमारी मदद करती हैं।

किन-किन शहरों में हुआ सर्वेसर्वेक्षण के लिए, आईसीएमआर ने मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, ठाणे, पुणे, अहमदाबाद, सूरत, इंदौर और जयपुर सहित 70 हॉटस्पॉट शहरों के रूप में चुना।

सर्वे की कुछ अहम बातें - कंटेनमेंट जोन में 15-30 फीसदी लोग कोरोना से संक्रमित हुए। संक्रमित लोग अपने आप ठीक हो गए।- इन इलाकों में संक्रमण को लेकर लोगों में इम्युनिटी बढ़ रही है। - आने वाले जिनों में इन इलाकों में रहने वाले लोगों में हर्ड इम्युनिटी विकसित हो सकती है।- कई लोगों में वायरस से संक्रमित होने के बाद भी कोरोना के लक्षण नहीं दिख रहे हैं। 

दुनिया भर में कोरोना वायरस चार लाख लोगों की जान ले चुका है और 70 लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर चुका है। यह वायरस पिछले साल दिसंबर में चीन से निकला था। अबतक संक्रमण से 31 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं, जिनमें भारत के 1.25 लाख मरीज शामिल हैं। इसी के साथ भारत ठीक होने वाले मरीजों की सूची में शीर्ष 10 देशों में आ गया है।

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