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Rapid Antigen Test: विशेषज्ञों का दावा, दिल्ली को 'रैपिड एंटीजन टेस्ट' से मिली कोरोना से लड़ने की ताकत, जानें कितना असरदार है यह टेस्ट, कहां होगा, कीमत, रिजल्ट

By उस्मान | Updated: July 27, 2020 08:53 IST

Coronavirus Rapid antigen test: बताया जाता है कि इस टेस्ट को करना आसान है और इसका रिजल्ट भी जल्दी आ जाता है जिस वजह से इससे कोरोना से लड़ने में मदद मिल रही है

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ठळक मुद्देदिल्ली में कोविड-19 के मामलों का पता लगाने के लिये अब तक 9.46 लाख से अधिक जांचइससे बहुत जल्दी कोरोना के मरीजों को पहचानने में मदद मिलेगीइस टेस्ट की रिपोर्ट 15 से 30 मिनट में आ जाती है

विशेषज्ञों का मानना है कि ‘रैपिड एंटीजन जांच’ (Rapid anti body test) ने दिल्ली में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को मजबूती प्रदान की है। दिल्ली में कोविड-19 के मामलों का पता लगाने के लिये अब तक 9.46 लाख से अधिक जांच की जा चुकी हैं, और विशेषज्ञों ने जांच की अधिक संख्या का श्रेय पिछले महीने शुरू हुई एंटीजन जांच को दिया है। 

दिल्ली में 18 जून से रैपिड एंटीजन जांच शुरू हुई थी। राष्ट्रीय राजधानी में अब तक कोविड-19 के लिए 9,46,777 जांच हो चुकी है जिसका मतलब है कि प्रति दस लाख पर 49,830 नमूनों की जांच की गई है। पिछले 24 घंटे में 17,533 नमूनों की जांच की गई, जिसमें से 12,501 रैपिड एंटीजन जांच और 5,032 आरटी-पीसीआर जांच शामिल हैं। 

दिल्ली में 56 लैब्स में हो रहा है आरटी-पीसीआर टेस्ट

दिल्ली में 56 प्रयोगशालाएं (22 सरकारी और 34 निजी) हैं, जिनमें कोविड-19 की आरटी-पीसीआर जांच की जा रही है। इंडियन स्पाइनल इंजरीज सेंटर के डीन डॉ सुमित शर्मा ने कहा कि मामलों को फैलने से रोकने में इस जांच ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उन्होंने कहा, 'उन्होंने सभी जिलों को एक लक्ष्य दिया है, इसलिए अधिक जांच, बेहतर निदान और जल्द परिणाम सामने आ रहे है। आरटी-पीसीआर जांच की संख्या पहले 700-800 से घटकर 400 से 500 प्रतिदिन हो गई है।'  

कम हो रही है संक्रमितों की संख्या

आकाश अस्पताल में आंतरिक चिकित्सा, में एचओडी और वरिष्ठ सलाहकार डा राकेश पंडित ने कहा कि पहले चिकित्सा केन्द्र प्रतिदिन 90 आरटी-पीसीआर जांच कर रहे थे, जिनमें से 25 पॉजिटिव रिपोर्ट आती थी। उन्होंने कहा कि अब अस्पताल में प्रतिदिन 50 से 60 जांच प्रतिदिन हो रही है और केवल छह या सात लोग संक्रमित मिल रहे हैं।  

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कोरोना वायरस की जांच के लिए रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट शुरू करने की अनुमति दी थी। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे बहुत जल्दी कोरोना के मरीजों को पहचानने में मदद मिलेगी। इसका कारण यह है कि इस टेस्ट की रिपोर्ट 15 से 30 मिनट में आ जाती है।  

वर्तमान में सरकार कोरोना वायरस की जांच के लिए पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (PCR) टेस्ट कर रही है जिसमें लक्षणों का पता लगाने के लिए व्यक्ति के गले या नाक का स्वैब लिए जाता है। इसका रिजल्ट आने में लगभग पांच घंटे लगते हैं।

रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट

यह टेस्ट जल्दी होता है और इसका रिजल्ट भी जल्दी आता है। इसमें संदिग्ध रोगियों के रक्त के नमूनों का उपयोग किया जाता है। आमतौर पर रिजल्ट आने में 15-30 मिनट लगते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि एंटीबॉडी टेस्ट से यह पता चल सकता है कि  किसी को कोई विशेष वायरस है। इस प्रकार का परीक्षण सामुदायिक निगरानी और जांच के उद्देश्य से महत्वपूर्ण है।

एंटी-बॉडी रैपिड टेस्ट की कीमत क्या है?

एंटी-बॉडी रैपिड टेस्ट की कीमत 2000 से 3000 रुपये के बीच है। फिलहाल जो पीसीआर टेस्ट किया जा रहा है उसकी कीमत निजी प्रयोगशालाओं में 4500 रुपये तय की गई है। इसमें संदिग्ध मामलों के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए 1,500 रुपये और पुष्टिकरण परीक्षण शुल्क के रूप में अतिरिक्त 3,000 रुपये शामिल हैं।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

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