Coronavirus: मास्क नहीं लगाना पड़ेगा महंगा, अब हवा से फैल रहा है कोरोना वायरस, वैज्ञानिकों ने बताये बचने के 5 तरीके
By उस्मान | Published: July 6, 2020 02:34 PM2020-07-06T14:34:18+5:302020-07-06T14:34:18+5:30
वैज्ञानिकों का कहना है कि अब लोगों को अपने घरों में भी मास्क लगाकर रहना पड़ सकता है
कोरोना वायरस के बारे में अभी तक लगभग सभी वैज्ञानिक और संस्थाएं यह दावा कर रहे थे कि यह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भी शुरू से इस बात को मानता हुआ आ रहा है। लेकिन अब 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने अपने एक अध्ययन में यह दावा किया है कि कोविड-19 का संक्रमण हवा से भी फैल रहा है।
वैज्ञानिकों ने डब्ल्यूएचओ को लिखे एक ओपन लेटर में इस बात का दावा किया है कि संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या जोर से बोलने पर निकले हवा में मौजूद छोटे कण लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। उन्होंने इस रिसर्च को जल्द ही एक वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित करने की योजना बनाई है।
वैज्ञानिकों ने डब्ल्यूएचओ को लिखा है कि वो इनके अध्ययन को गंभीरता से ले और कोरोना से खिलाफ पुराने दिशा-निर्देशों को संशोधित करे। डब्ल्यूएचओ ने कोरोना से बचाव के अपने दिशा-निर्देशों में शुरू से वायरस के हवा से फैलने की बात को शामिल नहीं किया है।
चीन से निकली इस महामारी से दुनियाभर में अब तक 11,562,878 लोग संक्रमित हो गए हैं और 536,841 की मौत हो चुकी है। अगर भारत की बात करें तो संक्रमितों की लिस्ट में भारत 698,817 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर आ गया है और यहां अब तक 19,707 लोगों की मौत हो चुकी है।
कोरोना से बचने के लिए वैज्ञानिकों ने दिए सुझाव
'द न्यूयॉर्क टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को लिखे खुले पत्र में कहा है कि प्रमाण दर्शाते हैं कि हवा में मौजूद छोटे कण लोगों को संक्रमित कर सकते हैं।
सांस लेने भर से लग जाता है संक्रमण
वैज्ञानिकों का कहना है कि छींकने, खांसने या जोर से बोलने पर संक्रमित व्यक्ति के मुंह से निकली छोटी सूक्ष्म बूंदें कार्यालयों, घरों, शॉपिंग मॉलों और अस्पतालों आदि में हवा में काफी देर तक रह जाती हैं जिससे इनके संपर्क में आने वाले लोग संक्रमित हो सकते हैं।
घर के अंदर भी लगाना पड़ सकता है मास्क
उन्होंने कहा है कि अगर वाकई कोरोना वायरस का प्रसार हवा के जरिये हो रहा है, तो खराब वेंटिलेशन और भीड़ वाले स्थानों में इसकी रोकथाम के लिए बड़े कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा है कि इससे बचने के लिए घर के अंदर भी सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना जरूरी हो जाएगा।
डॉक्टरों को लगाना होगा एन-95 मास्क
वैज्ञानिकों ने कहा मेडिकल स्टाफ को एन-95 मास्क की आवश्यकता हो सकती है। इस तरह के मास्क कोरोना वायरस रोगियों के बोलने, खांसने और छींकने से निकलने वाली छोटी से छोटी श्वसन बूंदों को भी छान लेते हैं।
सभी जगहों पर वेंटिलेशन सिस्टम करना होगा मजबूत
उन्होंने सुझाव दिया है कि स्कूलों, नर्सिंग होम, घरों और व्यवसायों में वेंटिलेशन सिस्टम जगहों पर प्रसार को कम करने के लिए शक्तिशाली नए फिल्टर लगाने की आवश्यकता हो सकती है। छोटी बूंदों में घर के अंदर तैरने वाले वायरल कणों को मारने के लिए पराबैंगनी रोशनी की आवश्यकता हो सकती है।