कोरोना के मामलों में तीसरे नंबर पर पहुंचा भारत, संक्रमितों की संख्या 7 लाख पार, लोगों की ये 5 गलतियां कर रही हैं बेड़ा गर्क
By उस्मान | Published: July 7, 2020 11:56 AM2020-07-07T11:56:39+5:302020-07-07T11:56:39+5:30
अगर अभी भी इन गलतियों में सुधार नहीं किया तो आगे और ज्यादा बुरे परिणाम देखने को मिल सकते हैं
भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या सात लाख के पार चली गई है। सिर्फ चार दिन पहले देश में संक्रमितों की संख्या छह लाख पहुंची थी। देश में संक्रमण से 20,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार की सुबह जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, एक दिन में कोविड-19 के 24,248 मामले सामने आए जिसके बाद कुल मामलों की संख्या बढ़कर 6,97,413 हो गई। मंत्रालय के अनुसार कोविड-19 से 425 और लोगों की मौत होने के बाद इस महामारी से मरने वालों की संख्या 19,693 हो गई है।
भारत रूस को पीछे छोड़ते हुए कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित होने वाला तीसरा देश बन गया। संक्रमण के कुल मामलों में अब केवल अमेरिका और ब्राजील ही भारत से आगे है। आंकड़ों के अनुसार, अब तक देश में कोविड-19 के 4,24,432 मरीज उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं और 2,53,287 मरीजों का इलाज चल रहा है। हम आपको बता रहे हैं कि भारत में कोरोना वायरस के मामले तेजी से क्यों बढ़ रहे हैं।
गलत तरीके से मास्क पहनना
लॉकडाउन खुल गया है और अब सड़कों पर लोगों की भीड़ बढ़ने लगी है। लॉकडाउन खुलने के बाद कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि लोग गलत तरीके से मास्क पहनते हैं। कई लोग आपको मास्क को गले में टांग लेते हैं। या फिर मुंह और नाक को कवर नहीं करते हैं। आपको बता दें कि ऐसा करने से आपके नाक या मुंह के जरिये बूंदें शरीर में प्रवेश कर सकती हैं।
खुद को अलग नहीं करना
अगर आपको संदेह है कि आपको कोरोना जैसे लक्षण हैं जिनमें हल्के बुखार, खांसी या गले में खराश शामिल हैं, तो आपको खुद को अलग कर लेना चाहिए। अधिक गंभीर लक्षण, जैसे उच्च बुखार, कमजोरी, सुस्ती या सांस की तकलीफ वाले लोगों को तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। लेकिन लोग ऐसा नहीं कर रहे हैं। देखा गया है कि लोग इन लक्षणों के साथ ही बाहर घूम रहे हैं। ऐसा करना आपको और अन्य लोगों को जोखिम में डाल सकता है।
मिथकों पर विश्वास करना
सोशल मीडिया पर कई इस तरह की जानकारियां वायरल हो रही हैं जिनमें कुछ तरीकों को आजमाकर कोरोना का इलाज करने का दावा किया जा रहा है। आपको बता दें कि अगर आपको किसी भी तरह का लक्षण महसूस हो रहा है तो आपको वायरल हो रहे मिथकों की बजाय डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ऐसा नहीं करने से आप दूसरे लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं।
वैकल्पिक उपचार की तलाश
बीमार लोग वैकल्पिक उपचार या प्राकृतिक चिकित्सा पर भरोसा करके अपने और दूसरों के लिए अतिरिक्त खतरा पैदा कर सकते हैं। सीडीसी के अनुसार, कोरोना के लिए कोई टीका नहीं है। इसलिए लहसुन खाना, विटामिन सी वाले सप्लीमेंट खाना और अधिक गर्म पानी पीना आदि से सावधान रहें। किसी भी तरह के लक्षण महसूस होने पर टेस्ट कराएं और डॉक्टर की सलाह फॉलो करें।
साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखना
कुछ लोग साफ-सफाई पर अभी भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। आपको ऐसे लोगों से निकट संपर्क से बचना चाहिए जो बीमार हैं। अपनी आँखें, नाक और मुंह नहीं छूना। अगर आप बीमार हैं तो घर पर रहें। खांसी या छींक के समय मुंह को कवर करें और टिश्यू को कचरे में डालना। नियमित रूप से घर की सफाई स्प्रे या वाइप्स का उपयोग करके अक्सर छुआ गई वस्तुओं और सतहों की सफाई और कीटाणुरहित करना।