कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है। चीन से निकले इस खतरनाक वायरस से दुनियाभर में अब तक 479,816 लोगों की मौत हो गई है और 9,354,326 लोग संक्रमित हो गए हैं। भारत में स्थिति दिन-प्रतिदिन और भयंकर होती जा रही है। यहां कोरोना संक्रमितों के मामले 456,115 हो गए हैं जबकि मरने वालों का आंकड़ा 14,483 पर पहुंच गया है।
कोरोना वायरस का अभी तक कोई स्थायी इलाज नहीं मिला है और दुनियाभर के तमाम वैज्ञानिक दिन-रात इसकी दवा या टीका खोजने में जुटे हैं। इस बीच भारत के योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने कोरोना वायरस के इलाज के लिए अपनी दवा 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' (Divya Coronil Tablet) लॉन्च की है।
पतंजलि का मानना है कि यह दवा कोरोना को केवल 3-7 दिनों में कंट्रोल कर सकती है बल्कि कोरोना के मरीज को ठीक भी कर सकती है। इस दवा को कोरोना वायरस के इलाज के लिए पहली साक्ष्य-आधारित आयुर्वेदिक दवा बताया जा रहा है।
कब और कहां मिलेगी कोरोनिल दवा
बाबा रामदेव ने इस दवा को मंगलवार, 23 जून को लॉन्च किया है। बताया जा रहा है कि यह दवा अगले एक हफ्ते तक देश के अलग-अलग शहरों में मौजूद पतंजलि के स्टोरों पर उपलब्ध हो जाएगी। कंपनी ने यह इस दवा को बेचने के लिए एक मोबाइल ऐप 'ऑर्डर मी' शुरू करने की भी घोषणा की है, जो 29 जून तक शुरू हो सकता है। इसका मतलब है कि आप मोबाइल ऐप के जरिये घर बैठे इस दवा का ऑर्डर कर सकते हैं।
कोरोना की आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल कीमत
बिजनेस स्टैण्डर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, पतंजलि के संस्थापक रामदेव ने बताया है कि 'कोरोनिल और स्वसारी' नामक दवा देश भर के 280 रोगियों पर शोध और परीक्षण के आधार पर विकसित की गई थी। दवाएं कोरोना किट में आती हैं जिसकी कीमत 545 रुपये है, जिसे एक हफ्ते के भीतर पूरे भारत में बेचा जाना था।
कोरोनिल क्या है (What is Coronil)
कोरोनिल कोरोना वायरस संक्रामक के लिए पहली साक्ष्य-आधारित आयुर्वेदिक दवा है। इस दवा को पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (जयपुर) ने मिलकर बनाया है। पतंजलि के लगभग 500 वैज्ञानिकों ने कोरोनो वायरस की इस दवा को बनाने पर काम किया है।
कोरोनिल एक ऐसी दवा है जिसे एक अध्ययन के बाद तैयार किया गया है। इस दवा का परीक्षण दिल्ली, अहमदाबाद, मेरठ, और अन्य शहरों सहित पूरे भारत में कोरोना रोगियों पर किया गया था।
कोरोनिल दवा के परिणामों की बात करते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि क्लिनिकल परीक्षण के दौरान, केवल 3 दिनों में कोरोना के 69 प्रतिशत रोगियों में निगेटिव रिजल्ट सामने आया है और केवल 7 दिनों में 100 प्रतिशत रोगी पूरी तरह स्वस्थ हुए हैं।
कोरोनिल दवा का क्लिनिकल ट्रायल क्लिनिकल ट्रायल रजिस्ट्री- इंडिया (CTRI) से अनुमोदन के बाद आयोजित किया गया था। यह कोरोना वायरस का पहला आयुर्वेदिक उपचार है। क्लिनिकल परीक्षण के दौरान ऐसे 35 प्रतिशत कोरोना रोगियों के रिजल्ट निगेटिव नहीं आये थे, जिन्हें कोरोनिल नहीं दी गई थी।
कोरोना के मरीज का 7 दिन में ठीक होने का दावा
स्वामी रामदेव ने बताया कि कोरोनिल के परीक्षणों के दौरान केवल 7 दिनों में 100 प्रतिशत रोगियों में 0 प्रतिशत मृत्यु दर देखी गई। रामदेव ने कहा कि कोरोनिल दवा कोरोना को 3-7 दिनों में न केवल नियंत्रण कर सकती है बल्कि कोरोना के मरीज को ठीक भी कर सकती है। दवा को गिलोय, अश्वगंधा, तुसली, और विभिन्न अन्य खनिजों और घटकों सहित आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के मिश्रण से तैयार किया गया है।
कोरोनिल कैसे काम करती है (How does Coronil work)
द कोरोनिल किट (The Coronil kit) में तीन दवाएं हैं जिनमें 2 टैबलेट के रूप में और एक तरल है। कोरोनिल शरीर की श्वसन प्रणाली पर काम करता है क्योंकि कोरोनो वायरस श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है जिसके कारण इसके मरीज सांस लेने की क्षमता खो देते हैं जिससे मृत्यु हो जाती है। कोरोनिल में आयुर्वेदिक तत्व शरीर की आंतरिक प्रतिरक्षा में सुधार करते हैं और बुखार, खांसी, सर्दी सहित अन्य कोरोना लक्षणों से लड़ते हैं।
कोरोना के मरीज को कोरोनिल की कितनी खुराक चाहिए (Coronil dosage)
कोरोनिल में जो तीन दवाओं में एंडू ऑयल (Andu Oil) है, जिसे नाक में (3-5 बूंदों) डालना है। अन्य दो प्रकार की गोलियों में 3 गोलियां हैं जिन्हें दिन में तीन बार खाना है।