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कैंसर के मरीजों के लिए वरदान साबित होगी भांग, ऐसे करें इस्तेमाल, ये भी हैं 3 बड़े फायदे

By उस्मान | Updated: August 1, 2018 07:43 IST

औषधीय भांग में पाया जाने वाला एक प्राकृतिक पदार्थ अग्नाश्य के कैंसर से पीड़ित उन मरीजों को लंबा जीवन जीने में मदद कर सकता है जो कीमोथैरेपी के जरिए इलाज करा रहे हों।

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औषधीय भांग में पाया जाने वाला एक प्राकृतिक पदार्थ अग्नाश्य के कैंसर से पीड़ित उन मरीजों को लंबा जीवन जीने में मदद कर सकता है जो कीमोथैरेपी के जरिए इलाज करा रहे हों। चूहों पर किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। औषधीय भांग, भांग के पौधे का अर्क है जिसका इस्तेमाल कुछ बीमारियों के लक्षण से राहत देने के लिए किया जाता है। 

क्या कहती है रिसर्चलंदन की क्वीन मेरी यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि अग्नाश्य के कैंसर से पीड़ित चूहों का कीमोथैरेपी के साथ-साथ कैनाबिनॉयड कैनाबिडियोल (सीबीडी) से इलाज करने पर उनके जीने की दर उन चूहों के मुकाबले तीन गुणा ज्यादा बढ़ गई जिनका इलाज केवल कीमोथैरेपी के जरिए किया गया। अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि अग्नाश्य का कैंसर बहुत घातक होता है और इससे पीड़ित लोगों के बचने की दर बहुत कम होती है।

अनुसंधानकर्ताओं ने चूहों में अग्नाश्य कैंसर के इलाज के लिए कीमोथैरेपी में इस्तेमाल होने वाली जेमसिटाबाइन पर कैनाबिनोइड सीबीडी के प्रभाव को परखा और बेहतरीन नतीजे पाए। यह अध्ययन ऑन्कोजीन पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

अग्नाश्य का कैंसर के लक्षण

1) पीठ के निचले हिस्से और पेट में दर्द यह पैन्क्रीऐटिक कैंसर के शुरूआती लक्षणों में से एक हैं। सामान्य तौर पर आपको पेट के ऊपरी हिस्से में तेज दर्द महसूस होगा और धीरे-धीरे यह दर्द पीठ तक पहुंच जाता है।

2) पीलियापैन्क्रीऐटिक कैंसर से पीड़ित व्यक्तियों में पीलिया होना सामान्य बात है। पीलिया के कारण व्यक्ति को पैर और हाथ, मुख्य रूप से तलवों और हथेलियों में खुजली होती है। इसमें पूरा शरीर हल्के पीले रंग का हो जाता है।

3) वजन कम होनायह पैन्क्रीऐटिक कैंसर के मुख्य लक्षणों में से एक है। व्यक्ति का वजन तभी घटता है जब ट्यूमर शरीर के अन्य अंगों में फैलने लगता है और उनके कार्यों में गड़बड़ी पैदा करने लगता है। यह शरीर में पोषक तत्वों को सही तरीके से पचने नहीं देता है जिसकी वजह से ठीक से भूख नहीं लगती है।

4) मतली और उल्टीमतली और उल्टी होना पैन्क्रीऐटिक कैंसर के लक्षणों में से एक है। जब ट्यूमर बढ़ने लगता है तो यह पाचन तंत्र के कुछ हिस्सों को अवरुद्ध कर देता है और पाचन क्रिया को प्रभावित करता है। इसकी वजह से मिचली आने लगती है और लोगों को उल्टियां भी होने लगती हैं। 

5) पेशाब के रंग बदलनापैन्क्रीऐटिक कैंसर से पीड़ित व्यक्तियों के पेशाब का रंग नारंगी, भूरा या एंबर शेड जैसा हो जाता है। शरीर में बढ़ रहा ट्यूमर पित्त को अवरुद्ध कर देता है और शरीर से निकलने नहीं देता है। इसकी वजह से शरीर में अधिक मात्रा में एकत्रित बिलीरूबिन पेशाब में आ जाता है इससे पेशाब गहरे रंग का दिखने लगता है।

भांग के अन्य फायदेएक अध्ययन के अनुसार, अर्थराइटिस के दर्द में भी भांग बहुत ही प्रभावकारी रूप से काम करता है। भांग में इंफ्लेमेटरी और एनलजेसिक गुण होते हैं जिस वजह से यह गठिया के दर्द को कम करने में मदद करता है। बुखार होने पर अगर आप सीमित मात्रा में भांग का सेवन करते हैं, तो ये बुखार के लक्षणों को कम करने के साथ-साथ शरीर के तापमान को कम करने में मदद करता है।

भांग के नुकसानभांग खाने के बाद आपको सेहत से जुड़ी कुछ परेशानियां जैसे अत्यधि‍क सिरदर्द, सिर भारी होना, घबराहट, ऊल्टी, मितली, चिंता आदि महसूस हो सकती हैं, जो काफी तकलीफदेह होती हैं। आप बहकी-बहकी बातें कर सकते हैं और कमजोर दिमागी क्षमता हो तो यह आपके मानसिक संतुलन को भी बिगाड़ सकती है।

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