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सावधान! रोजाना इस्तेमाल होने वाली ये 50 चीजें आपको बना सकती है कैंसर का मरीज

By उस्मान | Updated: September 17, 2019 11:51 IST

Cancer causes in Hindi : WHO के अनुसार, साल 2018 में कैंसर से लगभग 9.6 मिलियन लोगों की मौत हुई और हर साल करीब 3 लाख बच्चे इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आते हैं.

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वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO) के अनुसार, कैंसर विश्व स्तर पर मौत का दूसरा प्रमुख कारण है और साल 2018 में कैंसर से लगभग 9.6 मिलियन लोगों की मौत हुई। लंग्स, प्रोस्टेट, कोलोरेक्टल, पेट और लीवर कैंसर पुरुषों में कैंसर के सबसे आम प्रकार हैं, जबकि महिलाओं में ब्रेस्ट, कोलोरेक्टल, लंग्स, सर्गवाइकल और थायराइड कैंसर में सबसे आम है।

हर साल करीब 3 लाख बच्चे इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आते हैं, जिनमें से 78 हजार से ज्यादा अकेले भारत में हैं। विकसित देशों में जहां लगभग 80 प्रतिशत कैंसर पीड़ित बच्चे ठीक हो जाते हैं वहीं भारत में डॉक्टर कैंसर पीड़ित केवल 30 प्रतिशत बच्चों को ही बचा पाते हैं। डबल्यूएचओ ने 2030 तक 60 प्रतिशत कैंसर पीड़ित बच्चों को बचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

दुनियाभर में कैंसर के आंकड़े इकट्ठा और प्रकाशित करने वाली एक इंटरनेशनल एजेंसी 'हैंडिल' ने ऐसी 116 चीजों की लिस्ट तैयार की है जो कैंसर का कारण बनती हैं। दुर्भाग्य यह है कि लोग इनमें से अधिकतर चीजों का रोजमर्रा जीवन में करता है। हम आपको इस लिस्ट में 50 ऐसी चीजों के बारे में बता रहे हैं, जो अलग-अलग तरह के कैंसर का कारण बनती हैं।    

1-10तंबाकू स्मोकिंग, सनलैम्प्स और सनबेड्स डिवाइस, एल्युमीनियम फैक्ट्री, पीने के पानी में आर्सेनिक का लेवल, औरमाइन उत्पादन, जूता बनाने की फैक्ट्री, चिमनी का धुआं, कोयला खदान, कोल तार उत्पादन फैक्ट्री, फर्नीचर की फैक्ट्री

11-20भूमिगत खनन, बीड़ी सिगरेट का धुआं, लोहा और तांबा की फैक्ट्री, इसोप्रोपनॉल उत्पादन, मजेंटा डाई उत्पादन, पेंटर, रबर इंडस्ट्री, कार्बनिक एसिड मिस्ट, एफ्लाटॉक्सिन से, शराब

21-30 सुपारी, बिना तंबाकू का पान, तंबाकू वाला पान, कोल तार, डीजल का धुआं, मिनरल ऑयल, फेनासेटिन, एनाल्जेसिक मिश्रण, पौधे जिसमें एरिस्टोलोचिक एसिड होता है, पॉलीक्लोरिनेटेड बाइफिनाइल्स

31-40चीनी शैली की नमकीन मछली, शाल ऑयल, सूट्स, धुआं रहित तंबाकू उत्पाद, लकड़ी का धुआं, प्रोसेस्ड मीट, एसीटैल्डिहाइड, अमीनोबिपेनिल, अरिस्टोलोचिक एसिड, आर्सेनिक और आर्सेनिक यौगिक, अभ्रक

41-50 अजथियोप्रिन, बेंजीन, बेंज़िडाइन, बेंजो ए पाइरीन, बेरिलियम और बेरिलियम यौगिक, क्लोर्नैपाज़िन (एन, एन-बीआईएस (क्लोरोइथाइल)-नेफ़थाइलमाइन), बिस (क्लोरोमेथिल) ईथर, क्लोरोमेथाइल मिथाइल ईथर, बुटाडिने, बुटानाडिओल डिमेथेन्सल्फ़ोनेट (बिसुलफ़ान, माइलरन)

टॅग्स :कैंसरहेल्थ टिप्समेडिकल ट्रीटमेंटवर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन
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