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Coronavirus: चाहे जितनी गर्मी हो, गलती से AC मत चलाना, घर में फैल सकता है कोरोना वायरस

By उस्मान | Updated: April 16, 2020 18:02 IST

कोरोना वायरस के फैलने को लेकर रोजाना नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं

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वैज्ञानिकों का मानना है कि घरों की खिड़कियों को खुला रखकर कोरोनो वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है। यह खुलासा यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के एनवायरनमेंट एंड माइक्रोबायोलॉजी के हेल्थ एक्सपर्ट्स ने किया है। 

न्यूज़ वीक की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने चीन के 10 मरीजों पर एक स्टडी की। इन मरीजों में एक बात कॉमन थी। उन्होंने 24 जनवरी को चीन के ग्वांगझोउ में एक रेस्टोरेंट में डिनर किया था। इस रेस्टोरेंट में कोई खिड़की नहीं थी। 

रिपोर्ट के मुताबिक वुहान से आने वाला पहला संक्रमित उस रेस्टोरेंट में खाना खाने गया था। उसके टेबल से कुछ ही दूरी पर दो और परिवार बैठे थे। रिपोर्ट के मुताबिक रेस्टोरेंट से जाने के बाद उसी दिन पहले संक्रमित मरीज को लक्षण नजर आने लगे, जबकि बाकी लोगों को 5 फरवरी तक संक्रमण दिखा।

रिपोर्ट के मुताबिक सभी लोगों ने रेस्टोरेंट में एक घंटे से ज्यादा का वक्त बिताया था। ऐसे में हो सकता है कि सभी में संक्रमण ड्रापलेट की वजह से फैला हो। विशेषज्ञों की मानें तो ड्रापलेट हवा में कुछ ही मीटर जा सकता है। एयर कंडीशनर की हवा का तेज फ्लो ही ड्रापलेट्स को उन लोगों तक लाया होगा। जिस वजह से वहां बैठे लोग भी संक्रमित हो गए। इस अध्ययन की अपनी सीमाएं थीं क्योंकि उन्होंने एयरबोर्न ट्रांसमिशन रूट पर स्टडी नहीं की थी और वो वहां खाना खाने वाले दूसरे लोगों के सैंपल को भी स्टडी नहीं कर पाए थे। रिसर्च के मुताबिक रेस्टोरेंट का कोई भी कर्मचारी या वहां खाना खाने वाले दूसरे लोग इंफेक्ट नहीं हुए थे। साथ ही एयर कंडीशनर के सभी स्मीयर सैंपल भी नकारात्मक थे।

आम तौर पर ऐसा नहीं होता कि कोई खांसेगा और वायरस हवा से एसी द्वारा प्रसारित हो जाएगा तथा सब लोग संक्रमित हो जाएंगे। इसका अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है। हां, ये ज़रूर हो सकता है कि इससे सरफेस कंटामिनेशन हो जाए। अगर किसी मरीज़ ने खांसा तो एसी के कारण आस-पास की ग्राउंडिंग कंटामिनेट हो सकती है लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है कि एसी वायरस कैरी कर रहा है।

देशभर में कोरोना वायरस से 414 मौत; संक्रमितों की संख्या 12,380 पहुंची

देश में कोरोना वायरस के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बृहस्पतिवार को 414 हो गई और मामलों की संख्या बढ़कर 12,380 तक पहुंच गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। मंत्रालय ने हालांकि, बताया कि कोविड-19 के 10,477 मरीजों का अभी भी इलाज चल रहा है, जबकि 1,488 लोग ठीक हो चुके हैं और उन्हें अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है और एक विदेशी नागरिक अपने देश चला गया है।

कुल मामलों में 76 विदेशी नागरिक शामिल हैं। मंत्रालय ने अपने अद्यतन आंकड़ों में कहा है कि बुधवार शाम से 22 मौतें हुई हैं। मंत्रालय के मुताबिक, इनमें से महाराष्ट्र में नौ, आंध्र प्रदेश में पांच, गुजरात में तीन, दिल्ली और तमिलनाडु में दो-दो और कर्नाटक में एक-एक मौत हुई है। अब तक कुल 414 मौतों में से, सबसे ज्यादा 187 मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं, इसके बाद मध्य प्रदेश में 53, गुजरात में 33, दिल्ली में 32 पर और तेलंगाना में 18 मौतें हुई हैं।

तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में 14-14 लोगों के मारे जाने की सूचना है। पंजाब में 13 मौतें हुई हैं जबकि कर्नाटक में 12 मौतें हुई हैं और उत्तर प्रदेश में 11 मौतें हुई हैं। पश्चिम बंगाल में सात मौतें दर्ज की गई हैं। जम्मू-कश्मीर में चार लोगों की जान चली गई है जबकि केरल, हरियाणा और राजस्थान में तीन-तीन मौतें हुई हैं।

झारखंड में दो मौतें हुई हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मेघालय, बिहार, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा और असम में एक-एक मौत हुई है। हालांकि, बुधवार शाम तक विभिन्न राज्यों द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के संकलन के आधार पर तैयार की गई पीटीआई की तालिका के मुताबिक, कोविड-19 के कम से कम 12,220 मामले दर्ज किए गए है और 417 मौतें हुई हैं।

विभिन्न राज्यों द्वारा घोषित किए गए मौतों की संख्या और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों में अंतर रहता है, जो शायद राज्यों के मामलों की संख्या रिपोर्ट करने में प्रक्रियागत देरी के चलते ऐसा होता है। मंत्रालय के सुबह के अपडेट के अनुसार, देश में सबसे अधिक मामलों की संख्या महाराष्ट्र में है, जहां 2,916 मामले हैं, इसके बाद दिल्ली में 1,578 और तमिलनाडु में 1,242 मामले हैं।

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