ब्रह्मकमल के पौधे में एक साल में केवल एक बार ही फूल आता है जो कि सिर्फ रात्रि में ही खिलता है। दुर्लभता के इस गुण के कारण से ब्रह्म कमल को शुभ माना जाता है। ब्रह्म कमल औषधीय गुणों से भी परिपूर्ण है। यह ऊंचाई वाले क्षेत्रों का एक दुर्लभ पुष्प है जो कि हिमालय, उत्तरी बर्मा और दक्षिण-पश्चिम चीन में पाया जाता है। इसे अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। उत्तराखंड में ब्रह्मकमल, हिमाचल में दूधाफूल और कश्मीर में इसे गलगल कहते हैं। धार्मिक और प्राचीन मान्यता के अनुसार ब्रह्म कमल को इसका नाम उत्पत्ति के देवता ब्रह्मा के नाम पर मिला है। हालांकि इसका स्वाद कड़वा होता है लेकिन इसमें पोषक तत्वों की मात्रा इतनी ज्यादा होती है कि इसका रोजाना सेवन करने से भूख आपकी सेहत को अनगिनत फायदे होते हैं। इसकी पत्तियां हड्डियों को मजबूत करने, कैंसर के इलाज, भूख बढ़ाने, पेशाब से जुड़ी समस्याओं और यौन संचारित रोगों से राहत पाने के लिए किया जाता है। चलिए जानते हैं कि इससे आपकी सेहत को और क्या-क्या फायदे होते हैं।
1) पाचन दुरुस्त करके भूख बढ़ाने में सहायकखराब जीवनशैली के चलते आजकल लोगों को भूख न लगने की समस्या आम हो गई है। अगर आप भी ऐसी ही समस्या से जूझ रहे हैं, तो आपको इस फूल की खोज शुरू कर देनी चाहिए। इसमें काफी भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। इस फूल को सुखाकर पाउडर के रूप में खाने से भूख बढ़ती है। इतना ही नहीं इससे आपकी पाचन क्रिया भी दुरुस्त बनती है। 2) मूत्रमार्ग में संक्रमण के इलाज में मददगारमूत्र मार्ग में संक्रमण या यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) गुप्तांगों में होने वाली दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी समस्या है। यह समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में पाई जाती है। बार-बार पेशाब का आना, छींकने या खांसते समय थोड़ा सा पेशाब आना, बुखार, चक्कर आना, उल्टी होना, पेट में हल्का दर्द, पेशाब के रंग का बदलना और पेशाब करते वक्त जलन महसूस करना इसके आम लक्षण हैं। इससे राहत पाने के लिए यह फूल काफी लाभकारी होता है। इसके रस को पीने से यूटीआई इंफेक्शन भी दूर हो जाता है।
3) बुखार को करता है दूरबारिश का सीजन जारी है और इस मौसम में सर्दी-जुकाम और बुखार जैसे रोगों का अधिक खतरा होता है। इस फूल के रस में काफी औषधीय गुण छिपे होते हैं। ब्रह्मकमल के फूल का रस हर बुखार को मात देदेता है। इस फूल से निकले अर्क को 50 मिलीलीटर की मात्रा में पीने से बुखार जड़ से गायब हो जाता है।
4) यौन संचारित रोगों से दिलाए राहत यौन संचारित रोग या एसटीडी (STDs) यौन संपर्क के माध्यम से संक्रमित संक्रमण होते हैं। ये रोग किसी भी प्रकार की यौन गतिविधि के माध्यम से फैल सकते हैं। आजकल के जवान लड़के-लड़कियों में एसटीडी को लेकर कई गलत धारणाएं हैं। तेजी से बदलते लाइफस्टाइल का असर यह है कि कई लड़के-लड़कियां एक से अधिक लोगों के साथ यौन रिश्ता रखते हैं। इस फूल के रस से यौन संचारित रोगों से भी मुक्ति मिलती हैं।
5) काली खांसी का इलाजइस फूल का प्रयोग जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता है। इसकी पंखुड़ियों से टपका जल अमृत समान होता है। इससे निकलने वाले पानी को पीने से थकान मिट जाती है। इससे पुरानी काली खांसी का भी इलाज किया जाता है।
6) लीवर इन्फेक्शन से दिलाता है राहत ब्रह्म कमल के रस में काफी औषधीय गुण छिपे होते है। इसका रस पीने से लीवर का इंफेक्शन भी ठीक हो जाता है। इस फूल के रस का सूप बनाकर पीने से लीवर से संबंधित सभी रोग दूर हो जाते है।
इस बात का रखें ध्यानअगर आप ऊपर बताई गई समस्याओं से पीड़ित हैं और उससे राहत पाने के लिए इस फूल का इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको पहले किसी एक्सपर्ट या डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।