FIFA World Cup 2018: महान मेसी को वर्ल्ड कप जीत की तलाश, खत्म होगा अर्जेंटीना का 32 साल लंबा इंतजार?
By अभिषेक पाण्डेय | Published: June 3, 2018 03:40 PM2018-06-03T15:40:10+5:302018-06-03T15:40:10+5:30
Lionel Messi: लियोनेल मेसी इस बार अर्जेंटीना के लिए अपना चौथा वर्ल्ड कप खेलेंगे, क्या पूरा होगा चैंपियन बनने का सपना
नई दिल्ली, 03 जून: फीफा वर्ल्ड कप 2018 शुरू में अब महज कुछ ही दिन बाकी हैं। ऐसे में दुनिया भर के फुटबॉल फैंस पर इस वर्ल्ड कप का फीवर चढ़ने लगा है। ये वर्ल्ड कप कौन जीतेगा, इस बात की चर्चा शुरू होती है जिन टॉप टीमों के नाम सामने आते हैं, उनमें अर्जेंटीना का नाम टॉप-4 टीमों में शामिल है। अर्जेंटीना के इस कदर वर्ल्ड कप जीतने का फेवरिट होने की वजह हैं महान खिलाड़ी लियोनेल मेसी।
मेसी अब तक अर्जेंटीना के लिए तीन वर्ल्ड कप खेले हैं, लेकिन एक बार भी अपनी टीम को खिताब नहीं जिता पाए हैं। पिछले वर्ल्ड कप में मेसी ने अपने दमदार खेल से अर्जेंटीना को फाइनल तक पहुंचाया था लेकिन आखिरी में वह जर्मनी की बाधा नहीं पार सके और उनकी वर्ल्ड कप जीत का सपना अधूरा रह गया। आइए जानें, फुटबॉल इतिहास के महानतम खिलाड़ियों में शुमार मेसी की दिलचस्प फुटबॉल यात्रा के बारे में।
अर्जेंटीना के लिए वर्ल्ड कप में सबसे कम उम्र के गोल स्कोरर हैं मेसी
मेसी ने अब तक तीन वर्ल्ड कप (2006, 2010, 2014) खेले हैं और उन्होंने अर्जेंटीना के लिए वर्ल्ड कप में 5 गोल दागे हैं। लेकिन वह अब तक अपनी टीम को वर्ल्ड कप नहीं जिता पाए हैं। मेसी ने 2006 के फीफा वर्ल्ड कप में अर्जेंटीना के लिए अपना डेब्यू किया था और महज 18 साल की उम्र में वह अर्जेंटीना के लिए सबसे कम उम्र में वर्ल्ड कप खेलने और गोल दागने वाले खिलाड़ी बन गए। इस वर्ल्ड कप में मेसी 5 मैच खेले और एक गोल दागा।
2010 में खेला गए वर्ल्ड कप में मेसी हालांकि कोई गोल नहीं दाग पाए, लेकिन क्वॉर्टर फाइनल तक पहुंचने वाली अर्जेंटीना टीम के इस खिलाड़ी को फीफा ने उस वर्ल्ड के 10 सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में चुना। मेसी का अब तक का सर्वश्रेष्ठ वर्ल्ड कप रहा है 2010 का ब्राजील में खेला गया वर्ल्ड कप। इस वर्ल्ड कप में मेसी ने 4 गोल दागते हुए अर्जेंटीना को फाइनल तक पहुंचाया। लेकिन फाइनल में जर्मनी ने अर्जेंटीना को 1-0 से हराते हुए मेसी की वर्ल्ड कप जीत का सपना एक बार फिर से तोड़ दिया।
बचपन में महान मेसी को बीमारी ने घेरा था
आज उन्हें फुटबॉल इतिहास के सबसे महान खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। उनकी तुलना पेले और माराडोना जैसे दिग्गज फुटबॉलरों से होती है। गोल दागने उनके लिए बाएं हाथ का खेल लगता है और ऐसा लगता है कि मैदान पर गेंद उनके इशारे पर नाचती है। लेकिन 11 साल की उम्र में इस खिलाड़ी को एक ऐसी बीमारी ने घेर लिया था जिससे उसका करियर ही नहीं जिंदगी भी तबाह हो सकती थी। इस बीमारी की वजह से इस खिलाड़ी का कद थोड़ा छोटा रह गया लेकिन आगे चलकर ये उसकी कमजोरी नहीं बल्कि महानता की वजह बन गया। इस खिलाड़ी का नाम है लियोनेल मेसी, जो अर्जेंटीना के स्टार खिलाड़ी हैं और क्लब बार्सिलोना की जान हैं।
11 साल की उम्र में कद न बढ़ने की बीमारी से पीड़ित थे मेसी
मेसी का जन्म 24 जून 1987 को अर्जेंटीना के रोसारियो में हुआ था। वह बेहद सामान्य परिवार से आते हैं और उनके पिता स्टील वर्कर के तौर पर काम करते थे। महज 11 साल की उम्र में मेसी के ग्रोथ हॉर्मोंस डेफिशियन्सी से पीड़ित होने का पता चला। ये बीमारी पिट्यूटरी ग्लैंड में दिक्कतों की वजह से होती है, जिसकी वजह से शरीर पर्याप्त मात्रा में ग्रोथ हॉर्मोंस उत्पन्न नहीं कर पाता जिसका सीधा असर शरीर के विकास पर पड़ता है। इस बीमारी के इलाज के लिए हर महीने 900 डॉलर की जरूरत थी और मेसी का परिवार इसे वहन करने की स्थिति में नहीं था।
बार्सिलोना ने बदली मेसी की किस्मत
अब समस्या ये थी कि मेसी का इलाज हो तो कैसे? उस वक्त काम आई मेसी की फुटबॉल प्रतिभा। बार्सिलोना के स्पोर्टिंग डायरेक्टर कार्ल्स रेक्जाच मेसी की प्रतिभा से बेहद प्रभावित होते थे और उन्होंने मेसी के इलाज का खर्च उठाने और इसके लिए उनके परिवार को स्पेन आने का ऑफर दिया। वह मेसी से इस कदर प्रभावित थे कि उन्हें जल्द से जल्द बार्सिलोना के लिए साइन करना चाहते थे।
कार्ल्स ने महज 13 साल के मेसी को जब पहली बार बार्सिलोना के लिए साइन किया तो वहां कोई पेपर नहीं था और उन्होंने बिना किसी बात की परवाह किए नैपकिन पेपर पर ही मेसी के साथ पहला करार साइन कर लिया। इसके बाद मेसी का परिवार स्पेन शिफ्ट हो गया और मेसी और बार्सिलोना के साथ की एक ऐसी यादगार कहानी शुरू हुई जिसकी मिसाल कहीं और मिलना मुश्किल है। मेसी ने चार साल बाद 17 साल की उम्र में बार्सिलोना के लिए डेब्यू किया और क्लब के इतिहास में सबसे कम उम्र में गोल दागने वाले खिलाड़ी बन गए। मेसी ने 2004 से अब तक बार्सिलोना के लिए 395 मैच खेले हैं और 361 गोल दागे हैं। लेकिन बचपन की जिस बीमारी ने मेसी के जीवन पर संकट ला दिया था उससे बाखूबी निपटते हुए मेसी फुटबॉल इतिहास के सबसे महान खिलाड़ी बने।
बार्सिलोना के लिए कामयाबी की नई कहानी लिखने वाले मेसी की कई बार इस बात के लिए आलोचना होती है कि वह अपनी क्लब टीम की सफलता को अपने देश अर्जेंटीना के लिए खेलते हुए नहीं दोहरा पाते है। मेसी इस बार अपना चौथा और संभवतः आखिरी वर्ल्ड कप खेलेंगे। फुटबॉल के मैदान में लगभग सबकुछ हासिल कर चुके इस महान खिलाड़ी की नजरें अर्जेंटीना को वर्ल्ड चैंपियन बनाते हुए अपने शानदार करियर में एकमात्र अधूरा नगीना जड़ने की होगी!