World Food Day 2018: आलू बढ़ाता है वाई-फाई स्पीड, जानें खाने से जुड़े ऐसे ही 12 रोचक तथ्य
By मेघना वर्मा | Published: October 16, 2018 11:06 AM2018-10-16T11:06:19+5:302018-10-16T11:06:19+5:30
World Food Day 2018 (वर्ल्ड फूड डे): यूनानी, रोमन और अरब के व्यापारियों ने भारतीय स्वाद में बहुक बड़ा योगदान दिया है। केसर भी भारतीय नहीं है। केसर असल में यूनान देश से आया है।
हर साल 16 अक्टूबर के दिन दुनिया भर में वर्ल्ड फूड डे (World Food Day 2018) मनाया जाता है। 1945 से शुरू हुई ये परंपरा सबसे पहले यूनाइटेड नेशन से शुरू हुई थी। तब से आज तक हर साल देश और दुनिया में ये दिन मनाया जाता है। लगातार जंक फूड खाने से लोगों की सेहत पर बुरा असर भी पड़ता है। यही कारण है कि हर साल वर्ल्ड फूड डे पर लोगों को अपने खाने की शैली को बदलने और सुधारने के लिए बताया जाता है। आज वर्ल्ड फूड डे के मौके पर हम आपको हमारे फेवरेट फूड के बारे में ऐसी ही कुछ रोचक जानकारियां देने जा रहे हैं जिसे बहुत कम ही लोग जानते हैं।
हम जो भी चीज खाते हैं जरूरी है कि उस फूड के बारे में हमें पता हो। आप भी जानिए फूड से जुड़े कुछ रोचक तथ्य़...
1. कैलिफोर्निया दुनिया का पांचवा सबसे बड़ फूड सप्लाई करने वाला देश है।
2. हर साल दुनिया का लगभग आधा खाना बेकार जाता है।
3. एक साल में Nutella Jar इतनी मात्रा में बिकते हैं जिससे चीन की दीवार को आठ बार ढंका जा सकता है।
4. दुनिया के सबसे मंहगे पिज्जा की कीमत 12000 डॉलर है, जिसे बनाने के लिए कुल 72 घंटे लगते हैं।
5. भारत एक ऐसा देश है जिसमें दुनिया के सबसे ज्यादा मसालों का उपयोग किया जाता है। इसलिए भारत को मसालों की धरती बुलाते हैं।
6. ताजा ब्रेड दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाला फूड है।
7. नारियल पानी को इमरजेंसी में ब्लड प्लाजमा के रूप में उपयोग किया जाता है।
8. भारत में सबसे पहले टमाटर, आलू और मिर्च पर्तगाल से आया था।
9. शहद, जो सेहत के लिए सबसे लाभकारी होता है असल में मधुमक्खी की उल्टी से बनता है।
10. आलू एक ऐसा फूड है जो आपकी वाई-फाई स्पीड को बढ़ाता है। इसका उपयोग एयरक्राफ्टट के रोडियो सिगनल को उपयोग करने के लिए करते हैं।
11. यूनानी, रोमन और अरब के व्यापारियों ने भारतीय स्वाद में बहुक बड़ा योगदान दिया है। केसर भी भारतीय नहीं है। केसर असल में यूनान देश से आया है।
12. पुर्तगालियों ने ही हमें रिफाइंड चीनी का प्रयोग सिखाया। पहले मीठे के लिए फल के रसों का इस्तेमाल किया जाता था।
(फीचर फोटो- टाइम्स ऑफ ओमन)