उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET 2019) में आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यर्थियों को 10 फीसदी आरक्षण न देने की जानकारी मांगी गई है। यह जानकारी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मांगी है।
दरअसल, विनय कुमार पांडेय की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि संसद ने आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग के लिए भी 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की है। इसके लिए अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है और कानून भी प्रभाव में लाया जा चुका है। इसके बावजूद भी UPTET 2019 में इसे लागू नहीं किया गया है।
न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने आदेश जारी कर कहा है कि यूपी सरकार UPTET 2019 में आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यर्थियों को 10 फीसदी आरक्षण न देने की जानकारी दे। साथ ही साथ अगली सुनवाई की तारीख 14 नवंबर तय कर दी।
याचिका में कहा गया है कि योगी सरकार ने UPTET 2019 के लिए जो विज्ञापन जारी किया है उसमें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और विशेष आरक्षित वर्ग को आरक्षण दिया गया है। उन्हें न्यूनतम अंक में पांच प्रतिशत की छूट दी गई है, जबकि आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था नहीं की गई।