यूजीसी ने जारी की नई गाइडलाइन, सितंबर के अंत तक होंगी फाइनल ईयर की परीक्षाएं
By रजनीश | Published: July 6, 2020 11:00 PM2020-07-06T23:00:37+5:302020-07-06T23:13:28+5:30
कोरोना वायरस के चलते जहां सभी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी बंद चल रही हैं वहीं सोमवार को गृहमंत्रालय की सहमति और यूजीसी की नई गाइडलाइन से यह तय हो गया है कि फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स की परीक्षा आयोजित की जाएगी।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी सोमवार को हायर एजुकेशन सेकेट्री को पत्र लिखकर कॉलेज, यूनिवर्सिटी की फाइनल ईयर की परीक्षाएं आयोजति करने के लिए सहमती दे दी है।
यूजीसी की नई गाइडलाइन के मुताबिक ग्रेजुएशन/ पोस्ट ग्रेजुएशन के फाइनल ईयर की परीक्षाएं अब रद्द नहीं होंगी। बल्कि सितंबर 2020 के अंत तक यूनिवर्सिटी और संस्थान फाइनल ईयर की परीक्षा करा सकेंगे।
संस्थान इन परीक्षाओं को ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन करा सकते हैं। सभी छात्रों को एजुकेशन का बराबर मौका मिलने, उनके भविष्य और रोजगार की दृष्टि से शैक्षिक योग्यता का आंकलन बहुत जरूरी है।
यूजीसी ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सोमवार को विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, डीम्ड यूनिवर्सिटी और अन्य शिक्षण संस्थानों में विभिन्न पाठ्यक्रमों की अंतिम वर्ष या सेमेस्टर परीक्षाओं के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस नए दिशानिर्देश के तहत यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को फाइनल ईयर की परीक्षा कराना अनिवार्य कर दिया गया है।
University Grants Commission (UGC) issues revised guidelines on examinations and academic calendar for the universities in view of #COVID19. pic.twitter.com/XpdGBenh3g
— ANI (@ANI) July 6, 2020
भारत का विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(UGC) केन्द्र सरकार का एक उपक्रम है जो सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को अनुदान प्रदान करता है। इसे विश्वविद्यालय शिक्षा के मापदंडों के समन्वय, निर्धारण और अनुरक्षण के लिए सन 1956 में संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित किया गया। यही आयोग विश्वविद्यालयों को मान्यता भी देता है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है और साथ में छः क्षेत्रीय कार्यालय हैं। जोकि पुणे, भोपाल, कोलकाता, हैदराबाद, गुवाहाटी एवं बंगलुरु में हैं।
इसके निम्नलिखित कार्य हैं-
विश्वविद्यालयी शिक्षा को प्रोन्नत एवं उसका समन्वयन करना।
विश्वविद्यालयों में अध्यापन, परीक्षाओं एवं अनुसंधान के मानकों को निर्धारित एवं अनुरक्षित करना।
शिक्षा के न्यूनतम मानकों पर विनियम तैयार करना।
विश्वविद्यालयी/महाविद्यालयी शिक्षा के क्षेत्रों में विकास का पर्यवेक्षण करना तथा विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों के अनुदानों का संवितरण करना।
संघ एवं राज्य सरकारों एवं उच्च शिक्षण संस्थानों के मध्यम एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में सेवाएं प्रदान करना।
विश्वविद्यालयी शिक्षा में सुधार लाने के लिए जो उपाय आवश्यक हैं, उनके विषय में केंद्रीय एवं राज्य सरकारों को परामर्श प्रदान करना।
यूजीसी अधिनियम के खंड 12 में यह प्रावधान है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग शिक्षा के संवर्द्धन और समनव्यन हेतु तथा शिक्षण, परीक्षा एवं शोधन के क्षेत्र में सम्बंधित विश्वविद्यालयों के साथ विचार विमर्श करके जो कार्यवाही उचित समझे, कर सकता है।