नई शिक्षा नीति के मसौदे पर गांधीनगर में मंथन, केंद्र सरकार ने मांगे सुझाव
By महेश खरे | Published: July 25, 2019 07:48 AM2019-07-25T07:48:51+5:302019-07-25T07:48:51+5:30
सीएम रु पाणी ने बताया कि नई शिक्षा नीति के मसौदे को जस के तस स्वीकरने की बाध्यता नहीं है. राज्यों से मसौदे पर सुझाव मांगे गए हैं. गुजरात की जरूरतों के मद्देनजर ही सरकार अपने सुझाव देगी. कुछ विषय ऐसे हैं जिनमें बदलाव का केंद्र सरकार ने आग्रह किया है.
नई शिक्षा नीति के बारे में केंद्र सरकार से मिले मसौदे पर गुजरात के शिक्षाविदों से मुख्यमंत्री विजय रु पाणी ने राय मांगी है. शिक्षा मंत्री भूपेंद्रसिंह चूडासमा, संबंधित विभाग के अधिकारियों व विशेषज्ञों के साथ गांधीनगर में बैठक बुलाकर मुख्यमंत्री ने मसौदे पर मंथन किया.
सीएम रु पाणी ने बताया कि नई शिक्षा नीति के मसौदे को जस के तस स्वीकरने की बाध्यता नहीं है. राज्यों से मसौदे पर सुझाव मांगे गए हैं. गुजरात की जरूरतों के मद्देनजर ही सरकार अपने सुझाव देगी. कुछ विषय ऐसे हैं जिनमें बदलाव का केंद्र सरकार ने आग्रह किया है.
कुछ विषय ऐसे भी हैं जिन पर शिक्षाविदों की राय ली जा रही है. शिक्षाविदों से परामर्श कर गुजरात सरकार भी सुझावों के साथ मसौदा केंद्र को वापस भेजेगी. गांधीनगर में हुई इस बैठक में मसौदे पर शिक्षाविदों के साथ चर्चा हुई. इसके बाद नई शिक्षा नीति पर राज्यों के शिक्षामंत्रियों के साथ दिल्ली में भी बैठक होगी.
सहमति बनने पर नई शिक्षा नीति तैयार होगी. प्राइवेट शिक्षकों को संरक्षण का प्रस्ताव नई नीति के मसौदे में स्पष्ट है कि केंद्र की नीति से सहमत होना आवश्यक नहीं है. लेकिन विरोध के कारणों का उल्लेख अवश्य करना होगा.
सरकारी और निजी शालाओं के प्रति नजरिया में बदलाव लाना होगा. निजी शालाओं के शिक्षकों को संरक्षण देना होगा. जीटीयू में खाली सीटों का मुद्दा केंद्र के मसौदे में जीटीयू में इंजीनियरिंग की 50 फीसदी सीटें खाली होने का प्रश्न भी है. इसके साथ ही भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य को ध्यान में रख कर ठोस निर्णय लेने पर जोर दिया गया है. विभिन्न कक्षाओं में विषयों पर भी सुझाव मांगे गए हैं.