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Lockdown: स्कूलों को फीस वसूली पर सरकार के आदेश का इंतजार

By एसके गुप्ता | Updated: April 1, 2020 06:12 IST

अखिल भारतीय अभिभावक संघ के संस्थापक और दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि  सरकार ने लाकडाउन में किरायेदारों से जिस तरह किराया ना लेने की अपील की है. लोग घरों से ही काम कर रहे हैं, जाे लाेग निजी क्षेत्र में काम करते हैं वह अपने ऑफिस नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में  मैंने दिल्ली सरकार से अपील की है कि लॉकडाउन पीरियड के दौरान प्राइवेट स्कूलों में शिक्षकों की सैलरी सरकार दे.

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ठळक मुद्देलॉकडाउन के  बाद स्कूलों में नया सत्र शुरू हो जाएगा.  नए सत्र के लिए स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से फीस लें  या ना लें इसे लेकर उन्हें सरकार के आदेश का इंतजार है . छात्रों की करीब 25 दिन की स्कूली छुट्टी हो चुकी है  और स्कूलों ने हाल ही में  अगले 15 दिन के लिए व्हाट्सएप और वीडियो कॉलिंग क्लासेस शुरू की हैं.

लॉकडाउन के  बाद स्कूलों में नया सत्र शुरू हो जाएगा.  नए सत्र के लिए स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से फीस लें  या ना लें इसे लेकर उन्हें सरकार के आदेश का इंतजार है . छात्रों की करीब 25 दिन की स्कूली छुट्टी हो चुकी है  और स्कूलों ने हाल ही में  अगले 15 दिन के लिए व्हाट्सएप और वीडियो कॉलिंग क्लासेस शुरू की हैं . जिसके बाद स्कूलों की तरफ से अभिभावकों को मैसेज आने शुरू हो गए हैं कि नए सत्र के अप्रैल से लेकर जून 2020 तक के लिए क्वार्टरली फीस कब जमा करानी है, उसकी जानकारी जल्द दी जाएगी.

अखिल भारतीय अभिभावक संघ के संस्थापक और दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि  सरकार ने लॉकडाउन में किरायेदारों से जिस तरह किराया ना लेने की अपील की है. लोग घरों से ही काम कर रहे हैं, जाे लाेग निजी क्षेत्र में काम करते हैं वह अपने ऑफिस नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में  मैंने दिल्ली सरकार से अपील की है कि लॉकडाउन पीरियड के दौरान प्राइवेट स्कूलों में शिक्षकों की सैलरी सरकार दे.

अगर सरकार ऐसा नहीं कर पाती है तो इस बात का ध्यान रखें कि लॉक डाउन के दौरान स्कूलों का कोई इंफ्रास्ट्रक्चर इस्तेमाल नहीं हो रहा है.शिक्षक अपने घरों पर ही अपने प्रयासों से छात्रों को व्हाट्सएप और वीडियो कॉलिंग के जरिए पढ़ा रहे हैं. ऐसे में स्कूल अभिभावकों से आधी या चौथाई फीस ही लें. अगर कोई अभिभावक फीस नहीं भर सकता है तो स्कूल खुलने के बाद उसे रियायत भी दी जानी चाहिए. किसी तरह की कोई पेनल्टी अभिभावकों पर ना लगाई जाए.

फेडरेशन ऑफ पब्लिक स्कूल दिल्ली के अध्यक्ष एमएस रावत ने लोकमत से कहा कि प्राइवेट स्कूलों को चलाने के लिए छात्रों द्वारा दी जाने वाली फीस ही एकमात्र जरिया है. अभिभावकों ने अभी फरवरी और मार्च की फीस ही नहीं दी है. मेरी अभिभावकों से अपील है कि वह बकाया मार्च तक की फीस का भुगतान करें. जहां तक नए सत्र में अप्रैल से जून तक फीस की बात है तो लॉक डाउन के मद्देनजर सरकार की ओर से कोई आदेश नहीं आया है. सरकार की ओर से कोई आदेश आएगा तो उस पर विचार होगा. स्कूलों की ओर से यह पूरी कोशिश रहेगी कि वह अभिभावकों की परेशानी को समझें और देरी से फीस जमा कराने पर उन्हें  परेशान न किया जाए .

अखिल भारतीय अभिभावक संघ के संस्थापक और दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि स्कूल प्रबंधन के करीब एक महीने की पढ़ाई प्रभावित होगी. डाउन में 15 दिन बाकी हैं.स्कूलों ने कक्षा आठवीं तक के परीक्षा परिणाम जारी कर नए सत्र की तैयारी शुरू कर दी है.

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