JEE में केवल गुजराती भाषा पर NTA की सफाई, सभी राज्यों को भेजा था अनुरोध, केवल महाराष्ट्र-गुजरात ने दिखाई रुचि
By विनीत कुमार | Published: November 8, 2019 01:25 PM2019-11-08T13:25:50+5:302019-11-08T13:25:50+5:30
एनटीए के अमुसार शुरू में केवल गुजरात ने अनुरोध किया था कि प्रश्न पत्र गुजराती भाषा में उपलब्ध कराये जाएं। बाद में महाराष्ट्र ने भी जेईई के जरिये उम्मीदवारों का दाखिला लेने का विकल्प चुना।
संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) की परीक्षा में गुजराती भाषा को वैकल्पिक रूप से शामिल किये जाने को लेकर जारी विवाद के बीच 'नेशनल टेस्टिंग एजेंसी’ (NTA) ने सफाई दी है। एनटीए दरअसल जेईई की परीक्षा संचालित कराती है। एनटीए ने बताया है इस संबंध में अनुरोध सभी राज्यों को भेजे गये थे लेकिन केवल गुजरात और महाराष्ट्र ही जेईई (मेन) के जरिये अपने इंजीनियरिंग कॉलेजों में उम्मीदवारों के दाखिले के लिए राजी हुए।
एनटीए की ओर से जारी बयान के अनुसार, 'जेईई (मेन) परीक्षा 2013 में इस विचार के साथ शुरू की गई थी कि सभी राज्य अपने इंजीनियरिंग छात्रों का जेईई (मेन) के जरिये दाखिला लेंगे। 2013 में सभी राज्यों को अनुरोध भेजा गया था।'
एजेंसी के अनुसार शुरू में केवल गुजरात, राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों में जेईई (मेन) के जरिये उम्मीदवारों का दाखिला लेने के लिये राजी हुआ था और उसने अनुरोध किया था कि प्रश्न पत्र गुजराती भाषा में उपलब्ध कराये जाएं। वहीं, 2014 में महाराष्ट्र ने भी जेईई के जरिये उम्मीदवारों का दाखिला लेने का विकल्प चुना और अनुरोध किया कि प्रश्न पत्र मराठी एवं उर्दू में उपलब्ध कराए जाएं।
National Testing Agency (NTA): Only the Gujarat state agreed to admit their candidates in State Engineering Colleges of Gujarat through JEE (Main) and requested that the JEE (Main) paper be made available in Gujarati language. (7.11)
— ANI (@ANI) November 8, 2019
दोनों राज्यों ने 2016 में जेईई (मेन) के जरिये राज्य इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले वापस ले लिये। इसलिए मराठी और उर्दू भाषाओं में अनुवाद बंद कर दिया गया। हालांकि गुजरात के अनुरोध पर गुजराती भाषा में अनुवाद जारी रहा। जेईई के अनुसार, 'किसी भी अन्य राज्य ने जेईई (मेन) प्रश्न पत्र किसी अन्य भाषा में उपलब्ध कराने के लिये एजेंसी से संपर्क नहीं किया।'
(भाषा इनपुट)