कोरोना के कारण ठप हुई पढ़ाई को लेकर बोले कपिल सिब्बल- परीक्षाओं के बजाए सभी छात्रों को करें प्रोमोट या बनाएं आंतरिक मूल्यांकन तंत्र

By भाषा | Published: May 10, 2020 05:51 PM2020-05-10T17:51:11+5:302020-05-10T17:51:11+5:30

कांग्रेस नेता एवं पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि कोरोना वायरस के कारण शिक्षण सत्र 2020-2021 पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं, जिन्हें देखते हुए अगले वर्ष छात्रों पर परीक्षाओं का दबाव कम करने के लिए कक्षा 12 को छोड़ कर अन्य सभी कक्षाओं के छात्रों को या तो प्रोन्नत करना चाहिए अथवा कोई आंतरिक मूल्यांकन तंत्र बनाया जाना चाहिए। 

Kapil Sibal said about the stalled studies due to corona- Promote or create internal evaluation mechanism for all students instead of examinations | कोरोना के कारण ठप हुई पढ़ाई को लेकर बोले कपिल सिब्बल- परीक्षाओं के बजाए सभी छात्रों को करें प्रोमोट या बनाएं आंतरिक मूल्यांकन तंत्र

Kapil Sibal (फाइल फोटो)

Highlightsसिब्बल ने कहा कि विभिन्न विश्वविद्यालयों को इस बात पर निर्णय लेना होगा कि उन्हें शिक्षण सत्र देर से शुरू करना है अथवा नहीं। सिब्बल ने कहा कि पहला तरीका यह है कि सबको प्रोन्नत कर दिया जाए और जब महामारी समाप्त हो जाए तो कुछ अतिरिक्त कक्षाएं ली जाएं। 

नई दिल्ली:कांग्रेस नेता एवं पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण शिक्षण सत्र 2020-21 पर मंडरा रहे अनिश्चितता के बादलों को देखते हुए कक्षा 10 तथा अन्य कक्षाओं के छात्रों को परीक्षाओं के दबाव से बचाने के लिए कक्षा 12 को छोड़ कर अन्य सभी कक्षाओं के छात्रों को या तो प्रोन्नत करना चाहिए अथवा कोई आंतरिक मूल्यांकन तंत्र बनाया जाना चाहिए। 

सिब्बल ने रविवार को कहा कि शिक्षण सत्र 2020-2021 पर मंडरा रहे अनिश्चितता के बादल को देखते हुए अगले वर्ष छात्रों पर परीक्षाओं का दबाव कम करने के लिए कक्षा 12 को छोड़ कर अन्य सभी कक्षाओं के छात्रों को या तो प्रोन्नत करना चाहिए अथवा कोई आंतरिक मूल्यांकन तंत्र बनाया जाना चाहिए। 

कांग्रेस नेता ने सुझाव दिया कि स्कूल और विश्वविद्यालय स्तर पर पाठ्यक्रम को कम किया जा सकता है और कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण शिक्षण सत्र 2020-2021 में जो अध्यापन समय नष्ट हुआ है उसकी भरपाई शिक्षकों और छात्र समुदाय के विशेष प्रयासों से अगले वर्ष की जा सकती है। 

सिब्बल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि विभिन्न विश्वविद्यालयों को इस बात पर निर्णय लेना होगा कि उन्हें शिक्षण सत्र देर से शुरू करना है अथवा नहीं। उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं और इसके लिए उन्हें बाध्य नहीं किया जा सकता। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों को दिशा निर्देश जारी किए हैं कि नए छात्रों के लिए शिक्षण सत्र सितंबर से शुरू होगा वहीं अन्य छात्रों के लिए यह अगस्त से शुरू होगा। 

इसमें यह भी कहा गया है कि ये दिशा-निर्देश परामर्श जैसे हैं और विश्वविद्यालय अपने क्षेत्र में कोरोना वायरस संक्रमण के हालात को देखते हुए अपनी योजना तैयार कर सकते हैं। अगले शिक्षण सत्र पर छायी अनिश्चितता के बारे में पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा कि कक्षा 12 के छात्रों को छोड़ कर स्कूल के छात्रों के लिए दो विकल्प हो सकते हैं। सिब्बल ने कहा,‘‘ पहला तरीका यह है कि सबको प्रोन्नत कर दिया जाए और जब महामारी समाप्त हो जाए तो कुछ अतिरिक्त कक्षाएं ली जाएं। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि छात्रों का पाठ्यक्रम अगली कक्षा में पूरा हो जाए।’’

उन्होंने कहा,‘‘अगला तरीका यह है कि अगर आपको लगता है कि आपके शिक्षक, छात्र समुदाय का सामान्य मूल्यांकन कर सकते हैं, तो जिन बच्चों का शिक्षण रिकॉर्ड अच्छा है उन्हें कक्षा 11 में प्रोन्नत करने के लिए उनका आंतरिक मूल्यांकन स्कूल पर छोड़ दीजिए।’’ उन्होंने हालांकि चेताया कि आंतरिक मूल्यांकन में आने वाली समस्याओं का भी समाधान तलाशा जाना चाहिए। 

साथ ही कहा कि इस मुद्दे पर निर्णय करने का अधिकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय को है। कक्षा 10, कक्षा 12 सीबीएससी और अन्य बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा ,‘‘मेरा मानना है कि जहां तक कक्षा 10 की बोर्ड की परीक्षाओं की बात है, तो उस पर दोबारा सोचे जाने की जरूरत है। वहीं कक्षा 12 के लिए वर्ष का यूनिवर्सिटी कैलेंडर बदला जाना चाहिए और इसके मद्देनजर हम उम्मीद करते हैं कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद परीक्षाएं होनी चाहिएं।’’ 

जेईई और नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि महामारी के कारण वर्तमान हालात ने समाज के गरीब और वंचित तबके के छात्रों को नुकसान पहुंचाया है। जेईई मुख्य परीक्षा जुलाई 18-23,नीट परीक्षा 26 जुलाई और जेईई एडवांस्ड परीक्षा 23 अगस्त को होनी हैं। इस पर उन्होंने कहा,‘‘ ये परीक्षाएं जुलाई में होनी चाहिए अथवा नहीं मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता। 

इस पर एचआरडी मंत्रालय को निर्णय लेना है....लेकिन मेरा मानना है कि ये उन लोगों के लिए अवसरों को और कम कर देगा जिनकी मौजूदगी पहले ही इन परीक्षाओं में कम होगी।’’ डिजिटल माध्यम से छात्रों को शिक्षा देने के संबंध में पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा कि हर जगह डिजिटल माध्यम नहीं है इसलिए छात्रों को डिजिटल माध्यम से पढ़ाना संभव नहीं है।

Web Title: Kapil Sibal said about the stalled studies due to corona- Promote or create internal evaluation mechanism for all students instead of examinations

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