गुजरात: आंखें बंद कर फटाफट कॉपियां चेक कर रहे हैं टीचर, 50 नंबर के पेपर में दे दिए 66 मार्क्स
By महेश खरे | Published: June 27, 2019 09:07 AM2019-06-27T09:07:15+5:302019-06-27T09:07:15+5:30
GSEB SSC/HSC board result: अब यह लापरवाही का नमूना है अथवा अयोग्यता का, बोर्ड अधिकारी यह पता करने में जुटे हुए हैं. देने थे 30, दे दिए 86 : अब बारहवीं बोर्ड परीक्षा की कॉपियां जांचने का भी एक नमूना देखिए. जनरल एकाउंटेंसी के पेपर की कॉपियां जांचते वक्त एक कॉपी पर मिलने थे 30 पर दे दिए 86.
बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में शिक्षकों ने परीक्षार्थियों के लिए कहीं खुशी कहीं गम के उदाहरण पेश किए हैं. किसी छात्र को कुल नंबरों से भी ज्यादा नंबर दे दिए और किसी को कम. यह किस्सा है गुजरात सेकंड्री एवं हायर सेकंड्री एजूकेशन बोर्ड के दसवीं और बारहवीं परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच का.
दसवीं साइंस की कॉपियों की जांच में एक परीक्षार्थी को शिक्षक ने 66 नंबर दे दिए जबकि प्रश्नपत्र ही कुल 50 नंबर का था. गलती खटकने वाली थी वो तो बोर्ड के अधिकारियों की पकड़ में आ गई. अन्यथा बोर्ड छात्रों और अभिभावकों के बीच उपहास का पात्र बने बिना नहीं रहता.
सूत्रों के अनुसार शिक्षकों की जांच के बाद फिर से की गई जांंच में 7 हजार से ज्यादा उत्तर पुस्तिकाएं ऐसी मिलीं जिनमें दस या उससे ज्यादा नंबरों की गड़बड़ी थी. बोर्ड की परीक्षा में एक नंबर भी बच्चों के करियर के लिए कितना महत्वपूर्ण होता है यह बात शिक्षक भी भली भांति समझते होंगे.
अब यह लापरवाही का नमूना है अथवा अयोग्यता का, बोर्ड अधिकारी यह पता करने में जुटे हुए हैं. देने थे 30, दे दिए 86 : अब बारहवीं बोर्ड परीक्षा की कॉपियां जांचने का भी एक नमूना देखिए. जनरल एकाउंटेंसी के पेपर की कॉपियां जांचते वक्त एक कॉपी पर मिलने थे 30 पर दे दिए 86.
एक दूसरे बच्चे को जिसे 85 नंबर मिलने थे लेकिन मिल गये 55. फाइन का भी डर नहीं : कॉपियों की गलत चैकिंग एक बहुत बड़ा मुद्दा है. बोर्ड ने प्रति गलत चैकिंग पर फाइन मुकर्रर कर रखा है, इसका भी असर शिक्षकों पर पड़ता दिखाई नहीं देता. प्रति गलती पर टीचर के लिए 50 रु पए, मॉडरेटर के लिए 75 रु पए. और कोआर्डर्ीनेेटर के लिए 100 रु पए तय है.