दिल्ली विश्वविद्यालयः ऑनलाइन डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में उलझे छात्र, कट ऑफ में नंबर, एडमिशन नहीं
By एसके गुप्ता | Published: October 12, 2020 06:35 PM2020-10-12T18:35:36+5:302020-10-12T18:35:36+5:30
दिल्ली विश्वविद्यालयः दाखिला न होने की वजह ऑनलाइन प्रकिया में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की देरी है। छात्र सुबह 9 बजे से ही दस्तावेज स्कैन कर कंप्यूटर पर उसे अपलोड करने लगे और देर शाम तक डॉक्यूमेंट वेरिफाई होने के इंतजार में कंप्यूटर स्क्रीन पर आंखें गढ़ाए बैठे रहे।
नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिले के पहले दिन 80 फीसदी से अधिक छात्र ऐसे रहे जिनका पहली दाखिला कट ऑफ में नंबर आने के बाद दाखिले नहीं हुआ।
यह वह छात्र हैं जिनके अंक 93 से 100 फीसदी के बीच हैं। दाखिला न होने की वजह ऑनलाइन प्रकिया में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की देरी है। छात्र सुबह 9 बजे से ही दस्तावेज स्कैन कर कंप्यूटर पर उसे अपलोड करने लगे और देर शाम तक डॉक्यूमेंट वेरिफाई होने के इंतजार में कंप्यूटर स्क्रीन पर आंखें गढ़ाए बैठे रहे।
जिनका रिप्लाई आ गया वह खुश थे और जिनका नहीं आया वह निराश थे। डीयू एकेडमिक काउंसिल के सदस्य डा. सुधांशु कुमार ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि विभिन्न कॉलेजों ने ओबीसी के करीब 200 छात्रों का दाखिला दावा इसलिए रिजेक्ट कर दिया क्योंकि उनका ओबीसी सर्टिफिकेट चालू वित्त वर्ष का नहीं है, बीते साल का है।
मिरांडा कॉलेज में बीकॉम में दाखिले के लिए आवेदन करने वाली छात्रा ने कहा कि वह सुबह से कंप्यूटर स्क्रीन पर बैठी है लेकिन दोपहर 3 बजे तक उसके डॉक्यूमेंट का वेरिफिकेशन रिप्लाई नहीं आया। ऐसी ऑनलाइन दाखिला प्रक्रिया का क्या फायदा जिसमें डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का कोई टाइम बाउंड ही न हो।
डा. सुधांशु ने कहा कि पिछले साल तक ऑफलाइन दस्तावेजों का सत्यापन करने के दौरान अगर किसी छात्र का ओबीसी प्रमाणपत्र बीते साल का होता था तो छात्र को चालू वित्त वर्ष का प्रमाण पत्र बनाने के लिए कुछ समय देते हुए प्रोविजनल दाखिला दे दिया जाता था। दाखिले के पहले दिन ही बिना छात्रों की समस्या जाने और उनका दाखिला दावा रिजेक्ट करना न्यायोचित नहीं है। मैंने डीयू प्रशासन को भी इस बारे में पत्र लिखा है।
डीयू ने शनिवार रात को पहली दाखिला कट ऑफ जारी की है। पहली कट ऑफ में आने वाले छात्रों को 14 अक्टूबर तक दाखिला के लिए ऑनलाइन दस्तावेज जमा कराने हैं। जिसके बाद 16 अक्टूबर तक छात्रों को फीस जमा कराने का समय दिया गया है।
हर कॉलेज में हजारों बच्चों की ओर से ऑनलाइन डॉक्यूमेंट जमा किए गए हैं। जमा हुए दस्तावेजों का वेरिफिकेशन होने में थोड़ा समय लगता है। इसलिए पहले दिन कम छात्र ही दाखिला ले पाए हैं। छात्र परेशान न हों, उनके पास पर्याप्त समय है। अगर किसी छात्र की कोई ग्रीवांस है तो वह डीन स्टूडेंट वेलफेयर कार्यालय को ईमेल कर सकता है। प्रो. राजीव गुप्ता, डीन स्टूडेंट वेलफेयर, दिल्ली विश्वविद्यालय