दिल्ली के 'श्री राम स्कूल' की जूनियर लाइब्रेरी को मिला वंदना सेन पुरस्कार, जानें क्यों दिया जाता है यह सम्मान
By भाषा | Published: November 11, 2019 02:44 PM2019-11-11T14:44:24+5:302019-11-11T14:44:24+5:30
इस सप्ताहांत हुए इस आयोजन में जानी मानी बाल साहित्यकार पारो आनंद ने एक लाइब्रेरियन होने के रास्ते की बाधाओं, चुनौतियों और इससे मिलने वाले बेपनाह लुत्फ पर अपने विचार रखे।
देश भर में बेहतरीन पुस्तकालयों और लाइब्रेरियन को सम्मानित करने के लिए वंदना सेन पुरस्कार की शुरुआत की गई जिसके पहले संस्करण में दिल्ली के वसंत विहार स्थित ‘श्री राम स्कूल’ की जूनियर लाइब्रेरी को जबकि मुंबई के कैथेड्रल एंड जॉन कैनन स्कूल को उसकी सीनियर लाइब्रेरी के लिए पुरस्कृत किया गया।
पुरस्कार के पहले आयोजन में कम से कम 100 स्कूलों ने अपनी प्रविष्ठियां भेजी थीं। विश्वस्तरीय पुस्तकालयों जैसी सेवा देश भर में मुहैया कराने के उद्देश से ‘वनअप लाइब्रेरी’,‘बुक स्टूडियो’ और ‘लर्निंग लैब’ ने वंदना सेन की याद में इस पुरस्कार की शुरुआत की है।
आयोजकों ने बताया कि इसके लिए 15 राज्यों के 100 स्कूलों ने प्रविष्ठियां भेजी थीं। उन्होंने बताया कि नयी दिल्ली के वसंत विहार स्थित ‘श्री राम स्कूल’ की जूनियर लाइब्रेरी ने जबकि मुंबई के कैथेड्रल एंड जॉन कैनन स्कूल को उसकी सीनियर लाइब्रेरी के लिए पुरस्कृत किया गया। इस सप्ताहांत हुए इस आयोजन में जानी मानी बाल साहित्यकार पारो आनंद ने एक लाइब्रेरियन होने के रास्ते की बाधाओं, चुनौतियों और इससे मिलने वाले बेपनाह लुत्फ पर अपने विचार रखे।
अपने संबोधन में उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि हमेशा कुछ नया करने की सोच रखने वाला कोई लाइब्रेरियन क्या कुछ हासिल कर सकता है। थिएटर शख्सियत संजना कपूर ने 25 जाने माने स्कूलों को बधाई दी और दिल्ली के कम्यूनिटी लाइब्रेरी प्रोजेक्ट-सिकंदरपुर शाखा को कम्यूनिटी लाइब्रेरी ग्रांट की घोषणा की।
शिक्षाविद आभा एडम्स ने शिव नादर स्कूल,नोएडा (सीनियर लाइब्रेरी),एबेकस मान्टेसरी स्कूल चेन्नई (जूनियर लाइब्रेरी) और गुडगांव के शिक्षांतर स्कूल (जूनिया लाइब्रेरी) को ज्यूरी एप्रिसिएशन अवार्ड प्रदान किया। बाल साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए कविता गुप्ता सबरवाल को ‘लीडर ऑफ 2019’ का पुरस्कार दिया गया।