फिजियोलॉजी की 73 फीसदी खाली सीटों को लेकर मोदी सरकार चिंतित, इन कोर्स की ओर भाग रहे हैं छात्र, जानें क्यों

By एसके गुप्ता | Published: December 5, 2019 08:40 AM2019-12-05T08:40:03+5:302019-12-05T08:40:03+5:30

फिजियोलॉजी कोर्स को बाजार की मांग के अनुरूप बेहतर बनाने का जिम्मा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली उठा रहे है. एम्स फिजियोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर के.के. दीपक ने लोकमत से खास बातचीत में कहा कि फिजियोलॉजी चिकित्सा क्षेत्र का आधार है.

73 percent seats in Physiology remain vacant, students are choose these courses, know why | फिजियोलॉजी की 73 फीसदी खाली सीटों को लेकर मोदी सरकार चिंतित, इन कोर्स की ओर भाग रहे हैं छात्र, जानें क्यों

फिजियोलॉजी की 73 फीसदी खाली सीटों को लेकर मोदी सरकार चिंतित, इन कोर्स की ओर भाग रहे हैं छात्र, जानें क्यों

स्वास्थ्य मंत्रालय देश में फिजियोलॉजी की खाली सीटों को लेकर चिंतित है. छात्र उन्हीं कोर्स को पढ़ने में ज्यादा रुचि ले रहे हैं, जिन कोर्स को पढ़ने के बाद रोगी को महंगा ट्रीटमेंट दिया जाता है. उदाहरण के तौर पर कॉर्डियोलॉजी और ओंकालॉजी के एमडी कोर्स में दाखिले के लिए सबसे ज्यादा मारामारी रहती है. इसके चलते देश में 73 फीसदी सीटें फिजियोलॉजी की खाली रह जाती हैं.

फिजियोलॉजी कोर्स को बाजार की मांग के अनुरूप बेहतर बनाने का जिम्मा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली उठा रहे है. एम्स फिजियोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर के.के. दीपक ने लोकमत से खास बातचीत में कहा कि फिजियोलॉजी चिकित्सा क्षेत्र का आधार है. यह बेसिक साइंस है. जितने भी शारीरिक संरचना शोध और नई मेडिसन की खोज होती हैं वह फिजियोलॉजी में की जाती है. चिकित्सा के अंदर इसी क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया जाता है.

उन्होंने कहा कि फिजियोलॉजी से छात्रों की दूरी के कारण ही देश इस क्षेत्र में नोबेले पुरस्कार से दूर है. कोर्सेज को अपग्रेड करने की जरूरत : प्रोफेसर दीपक ने कहा कि फिजियोलॉजी बढ़ावा देने के लिए यह जरू री है कि इसके कोर्सेज को अपग्रेड किया जाए.

स्वास्थय मंत्रालय को वह जल्द ही इसे लेकर सिफारिशे भेजने वाले हैं. उन्होंने कहा कि देश में 5 फीसदी लोगों को हार्ट अटैक होता है लेकिन इसका उपचार महंगा है. ऐसे में अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों को कॉर्डियोलॉजिस्ट बनाना चाहते हैं. लेकिन अगर कुछ ही कोर्स को लेकर छात्रों की रुचि रहेगी तो इससे नई दवाओं की खोज कैसे होगी?

323 सीटों में से मात्र 88 सीटों पर ही दाखिले

देश के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई के बाद एमडी फिजियोलॉजी कोर्स की 323 सीटों में से मात्र छात्र 88 सीटों पर ही दाखिले हुए हैं. यह स्थिति चौंकाने वाली है. हर साल 10 दिसंबर को चिकित्सा क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया जाता है. लेकिन भारतीय छात्रों में फिजियोलॉजी को लेकर घटती रुचि चिंता जनक है.

Web Title: 73 percent seats in Physiology remain vacant, students are choose these courses, know why

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