दिल्ली विश्वविद्यालय के 4,500 एडहॉक शिक्षकों की नौकरी खतरे में, फैसले के खिलाफ धरने पर DUTA
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 4, 2019 11:32 AM2019-12-04T11:32:57+5:302019-12-04T11:32:57+5:30
दिल्ली विश्वविद्यालय प्राचार्य संघ ने 29 नवंबर को आयोजित अपनी बैठक में तदर्थ शिक्षकों की नियुक्ति और उनके वेतन संवितरण को टालने का फैसला किया है। यह निर्णय 28 अगस्त को जारी हुए डीयू के परिपत्र के आधार पर किया गया है जिसमें कहा गया था कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र में निकलने वाले रिक्त पदों पर केवल अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकती है।
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (DUTA) आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर रहा है। दरअसल, डुटा के सदस्यों ने यूनिवर्सिटी के 4500 से अधिक एड हॉक शिक्षकों की नियुक्ति को टालने वाले विश्वविद्यालय प्रशासन के फैसले के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया है।
खबरों के अनुसार, दिल्ली विश्वविद्यालय प्राचार्य संघ ने 29 नवंबर को आयोजित अपनी बैठक में तदर्थ शिक्षकों की नियुक्ति और उनके वेतन संवितरण को टालने वाले फैसले के विरोध में हड़ताल का निर्णय लिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह निर्णय 28 अगस्त को जारी अपने परिपत्र के आधार पर किया है जिसमें कहा गया था कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र में निकलने वाले रिक्त पदों पर केवल अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकती है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में पिछले कई वर्षों से 4,500 से अधिक एड हॉक के तौर पर शिक्षक काम कर रहे हैं। शिक्षक संघ ने यहां जारी एक बयान में कहा कि यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। 28 अगस्त के परिपत्र का हवाला देते हुए कुलपति पदों पर तदर्थ शिक्षकों की पूर्णकालिक नियुक्ति से इनकार कर रहे हैं। इस हड़ताल से जारी परीक्षाओं पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।
दरअसल, डुटा ने सभी शिक्षकों से परीक्षा की ड्यूटी से अलग रहने का आह्वान किया है। इससे पहले डुटा ने मंगलवार को यूजीसी और मानव संसाधन मंत्रालय से भी पत्र लिखकर इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की गुजारिश की थी। डुटा ने इस विवाद को सुलझाने के लिए वाइस-चांसलर की ओर से कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए जाने को लेकर भी आलोचना की थी।