Maharashtra Ki Taja Khabar: अर्णब गोस्वामी के रवैये के खिलाफ महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पहुंची शीर्ष अदालत

By भाषा | Published: May 4, 2020 09:47 PM2020-05-04T21:47:11+5:302020-05-04T21:58:13+5:30

पुलिस ने कहा है कि रिपब्लिक भारत चैनल पर बहस के दौरान अर्णब गोस्वामी के भाषा व बयान को आधार मानते हुए और अधिकारी को धमकाने के जुर्म में कार्रवाई की जा रही है।

Uddhav government of Maharashtra reaches top court against Arnab Goswami's attitude | Maharashtra Ki Taja Khabar: अर्णब गोस्वामी के रवैये के खिलाफ महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पहुंची शीर्ष अदालत

Maharashtra Ki Taja Khabar: अर्णब गोस्वामी के रवैये के खिलाफ महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पहुंची शीर्ष अदालत

Highlightsआवेदन में अर्णब के कार्यक्रम व कुछ ट्वीट का भी हवाला दिया गया हैअदालत ने पिछले दिनों नागपुर सदर थाना में दर्ज मामला को मुंबई के एन एम जोशी मार्ग, थाना में स्थानांतरित कर दिया था

नयी दिल्ली: पालघर में दो साधुओं सहित तीन व्यक्तियों की पीट-पीट कर हत्या किये जाने की घटना के मामले में अपने कार्यक्रम में कथित टिप्पणियों की वजह से जांच का सामना कर रहे रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी के रवैये के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। महाराष्ट्र सरकार का आरोप है कि अर्णब गोस्वामी पुलिस को धमका रहे हैं और ऐसी स्थिति में उसे उनके दबाव और धमकियों से सुरक्षा चाहिए। शीर्ष अदालत ने 24 अप्रैल को अपने आदेश में अर्णब  गोस्वामी को उनके खिलाफ विभिन्न राज्यों में दर्ज प्राथमिकी और शिकायतों के संबंध में तीन सप्ताह के लिये गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया था।

ये प्राथमिकी और शिकायतें पालघर घटना के संबंध में कथित मानहानिकारक बयानों को लेकर दायर हुयीं हैं। पीठ ने नागपुर सदर थाना में दर्ज एक मामला मुंबई के एन एम जोशी मार्ग, थाना में स्थानांतरित कर दिया था और अर्णब को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था। बाकी अन्य ऐसे मामलों में आगे आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। पीठ ने युवक कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं के खिलाफ गोस्वामी की प्राथमिकी की जांच करने का भी मुंबई पुलिस को आदेश दिया था मुंबई पुलिस के उपायुक्त ने इस नये आवेदन में गोस्वामी को यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि वह जांच एजेन्सी पर किसी प्रकार का दबाव डालने या धमकी देने से बाज आयें और ताकि जांच एजेन्सी निष्पक्ष तथा पारदर्शी तरीके से अपना काम कर सके।

महाराष्ट्र के अधिवक्ता सचिन पाटिल के माध्यम से दायर इस आवेदन में अर्णब गोस्वामी को अपने अंतरिम संरक्षण का दुरूपयोग नहीं करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है। पुलिस ने अभी तक इन प्राथमिकी के सिलसिले में की गयी जांच का सिलसिलेवार विवरण दिया है और साथ ही मीडिया हाउस के हिन्दी चैनल के समाचार कार्यक्रम का भी हवाला दिया है। पुलिस ने कहा है कि रिपब्लिक भारत चैनल पर उनकी बहस के बयान जांच अधिकारी को धमकाने और आतंकित करने वाले हैं। आवेदन में इस कार्यक्रम के बारे में कुछ ट्विट और उनके विवरण का भी हवाला दिया गया है और कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष और थाने के भीतर तक अपने रिपोर्टर और कैमरामेन के साथ पहुंचने को इस कार्यक्रम में प्रसारित किया है।

इससे पहले, अर्णब गोस्वामी ने अपने खिलाफ देश के कई राज्यों में प्राथमिकी और शिकायतें दायर किये जाने के आधार पर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी। अर्णब की याचिका पर सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने इस मामले में अपने अंतरिम आदेश में इन मामलों के साथ ही भविष्य में इसी घटना के संबंध में दायर होने वाली किसी भी नयी प्राथमिकी पर कार्यवाही करने पर रोक लगा दी थी। 

Web Title: Uddhav government of Maharashtra reaches top court against Arnab Goswami's attitude

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