श्रद्धा मर्डर केस: आफताब पूनावाला का जारी है पॉलीग्राफ टेस्ट, एफएसएल अधिकारी ने दी जानकारी
By रुस्तम राणा | Published: November 24, 2022 04:54 PM2022-11-24T16:54:55+5:302022-11-24T17:08:04+5:30
फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की निदेशक दीपा वर्मा ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी आफताब का पोलीग्राफ टेस्ट चल रहा है। अभी और भी सेशन हो सकते हैं।
नई दिल्ली: श्रद्धा मर्डर केस के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला का पॉलीग्राफ टेस्ट जारी है। गुरुवार को फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की निदेशक दीपा वर्मा ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आफताब का पोलीग्राफ टेस्ट चल रहा है। अभी और भी सेशन हो सकते हैं। एफएसएल अधिकारी ने कहा, अधिक जानकारी साझा नहीं की जा सकती। इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि विशेषज्ञों की सामूहिक टीम यह तय करेगी कि आरोपी का नार्को टेस्ट कब होगा।
अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को जांच नहीं हो पायी थी क्योंकि 28 वर्षीय पूनावाला को बुखार तथा जुकाम था। एफएसएल के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘पुलिस उसे यहां लेकर आयी और पॉलीग्राफी जांच की प्रक्रिया शुरू हो गयी है।’’ इस जांच में देरी से पूनावाला की नार्को जांच में भी देरी हो गयी है।
Delhi | Polygraph test is underway, there can be more sessions. More information can not be shared. A collective team of experts will decide when Narco test will be conducted: Deepa Verma, Director, Forensic Science Laboratory (FSL) on Shraddha murder accused Aftab pic.twitter.com/abLIQbhNj1
— ANI (@ANI) November 24, 2022
पॉलीग्राफी जांच में रक्तचाप, नब्ज और सांस की दर जैसी शारीरिक गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जाता है और इन आंकड़ों का इस्तेमाल यह पता लगाने में किया जाता है कि व्यक्ति सच बोल रहा है या नहीं। वहीं, नार्कों जांच में व्यक्ति की आत्मचेतना को कम कर दिया जाता है ताकि वह खुलकर बोल पाए।
गौरतलब है कि पूनावाला ने अपनी लिव-इन पार्टनर वालकर (27) की मई में कथित तौर पर गला दबाकर हत्या कर दी थी तथा उसके शव के 35 टुकड़े कर दिए थे और उन्हें करीब तीन सप्ताह तक दक्षिण दिल्ली के महरौली में अपने घर में 300 लीटर के फ्रिज में रखा था और कई दिनों तक उन्हें शहर के अलग-अलग हिस्सों में फेंका था।
पूनावाला को उसके भावनात्मक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य का पता लगाने के लिए कई परीक्षणों से गुजरना होगा। यदि प्रारंभिक जांच में उसे ठीक नहीं पाया जाता है तो नार्को विश्लेषण नहीं किया जा सकता है। पूनावाला की पॉलीग्राफी जांच का पहला सत्र मंगलवार को रोहिणी के एफएसएल में हुआ था। पॉलीग्राफी जांच को ‘लाई डिटेक्टर’ के नाम भी जाना जाता है।
(इनपुट एजेंसी के साथ)