लाइव न्यूज़ :

रेप पीड़िता परपोती की उम्र की है: 72 वर्षीय आरोपी की जमानत से इनकार कर बॉम्बे हाईकोर्ट

By अनुराग आनंद | Updated: December 28, 2020 15:04 IST

बच्ची के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह एक "जघन्य अपराध" की तरह होगा।

Open in App
ठळक मुद्देअदालत ने आरोपी बुजुर्ग के जमानत याचिका को खारिज कर दी है।बुजुर्ग ने एफआईआर दर्ज होने से ठीक आठ दिन पहले किराए पर एक घर लिया था।

मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट (HC) की औरंगाबाद बेंच ने एक 72 वर्षीय व्यक्ति को जमानत देने से इंकार कर दिया है, जिसे एक 11 वर्षीय लड़की के यौन उत्पीड़न के मामले में गिरफ्तार किया है। इस मामले में सुनवाई के दौरान जमानत से इनकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि अगर अपराधी मुक्त हो गया तो शख्स नाबालिग को धमका और आतंकित कर सकता है। 

एचटी के मुताबिक, इस मामले मे सुनाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि चूंकि आरोपी व्यावहारिक रूप से पीड़िता के परदादा के उम्र का है। ऐसे में अगर उस बच्ची के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह एक "जघन्य अपराध" की तरह होगा। अदालत ने यह कहते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी है।

न्यायमूर्ति आरवी घुगे और न्यायमूर्ति बीयू देबद्वार की खंडपीठ के समक्ष जलगांव जिले के चालीसगांव से आरोपी हरसिंग पाटिल द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया।

बुजुर्ग उम्रदराज है, ऐसे में नाबालिग के साथ बुरा बर्ताव नहीं कर सकता है: वकील 

अपीलकर्ता के वकील एडवोकेट एजे पाटिल ने कहा कि उनका मुवक्किल 72 साल का था और वह कभी भी नाबालिग से बलात्कार जैसे अपराध नहीं करेगा। पाटिल ने कहा कि बुजुर्ग ने एफआईआर दर्ज होने से ठीक आठ दिन पहले किराए पर एक घर लिया था।

ऐसे में यह संभव नहीं है कि वह बगल के घर में रहने वाले नाबालिग के खिलाफ अपराध करेगा। उन्होंने आगे कहा कि उनके मुवक्किल ने इससे पहले कभी इस तरह का अपराध नहीं किया है। वकील ने कहा कि 26 मई को गिरफ्तारी के बाद से ही वह सलाखों के पीछे था, ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए।

प्राथमिकी जलगांव पुलिस ने 26 मई 2020 को दर्ज की थी-

अतिरिक्त सार्वजनिक अभियोजक पीवी डिग्गीकर ने इस केस को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस मामले मे प्राथमिकी जलगांव पुलिस ने 26 मई 2020 को दर्ज की थी, और पीड़ित का बयान दर्ज किया गया था। इस मामले में यह कहा गया था कि नाबालिग के माता-पिता खेत मजदूर हैं।

23 मई को, जब माता-पिता घर में नहीं थे, तो आरोपी ने यौन उत्पीड़न करने का पहला प्रयास किया और फिर अगले दिन दोबारा से बच्ची के साथ उसी तरह के बर्ताव को दोहराया। 25 मई को जब वह शख्स घर में घुसा, तो पीड़िता को एहसास हुआ कि वह बुजुर्ग इसी तरह की कोशिश करेगा और वह चीखने लगी। इसके बाद वह आदमी घबरा गया और अपने घर वापस चला गया।

टॅग्स :यौन उत्पीड़नबॉम्बे हाई कोर्ट
Open in App

संबंधित खबरें

भारतMaharashtra Civic Poll 2025 UPDATE: पूरे राज्य में मतगणना स्थगित, 21 दिसंबर को नए नतीजे की तारीख तय, सीएम फडणवीस ‘त्रुटिपूर्ण’ प्रक्रिया पर जताई नाराजगी

क्राइम अलर्टKerala: पलक्कड़ विधायक राहुल ममकूटाथिल के खिलाफ यौन उत्पीड़न का केस दर्ज, महिला का जबरन अबॉर्शन कराने का आरोप

विश्वCanada: पोते से मिलने गए बुजुर्ग पर स्कूली लड़कियों को परेशान करने का लगा आरोप, कोर्ट ने दिया निर्वासन का आदेश

भारततो मैं सुसाइड कर लूंगी?, आखिर पत्नी क्यों दे रही बार-बार धमकी, बंबई उच्च न्यायालय ने कहा-क्रूरता के समान, अलग-अलग रह रहे हैं और न ही मेल-मिलाप संभव हुआ...

भारतआज के युग-परवरिश में कुछ गड़बड़, बेटा अपने बुजुर्ग माता-पिता को श्रवण कुमार की तरह तीर्थयात्रा पर ले जाने के बजाय अदालत में घसीट रहा?, बंबई उच्च न्यायालय ने पुत्र को नहीं दी राहत?

क्राइम अलर्ट अधिक खबरें

क्राइम अलर्ट51 वर्षीय आदिवासी महिला पदियामी का सिर कटा शव मिला, 2 गांव में सामूहिक झड़प, 4 मकान में लगाई आग, पुलिस बल तैनात

क्राइम अलर्टनाबालिग लड़की और मां को प्रलोभन देकर साहिब से शादी का दबाव, दूल्हा और उसकी मां अरेस्ट

क्राइम अलर्टकटक टी20 मैचः टिकटों की कालाबाजारी, 4 अरेस्ट, 12 टिकट बिदानसी और दरगाह बाजार पुलिस थाना क्षेत्र से 9 टिकट बरामद

क्राइम अलर्टBareilly poster row: मुख्य आरोपी मौलवी तौकीर रजा और 37 अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल, 26 सितंबर को ‘आई लव मुहम्मद’ पोस्टर विवाद को लेकर भड़की थी

क्राइम अलर्टदाहिने जांघ पर धारदार हथियार से हमला कर 22 वर्षीय युवक की हत्या, कई घाव और तीन चोटों की पुष्टि, आखिर किसने ली जान