रामपुरः रामपुर जिला मुख्यालय के कोतवाली सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने अपने दो नाबालिग बच्चों को चूहे मारने की दवा खिलाने के बाद खुद भी यह जहरीला पदार्थ खा लिया, जिससे पिता और उसकी एक बेटी की मौत हो गयी। पुलिस के अनुसार, रामपुर कोतवाली थाना क्षेत्र के मड़ैया गांव का रहने वाला सलीम (54) शुक्रवार को अपनी आठ वर्षीय पुत्री इरम व 10 वर्षीय पुत्र के साथ घर पर था और उसकी पत्नी बाहर गई थी।
सलीम ने दोनों बच्चों को चूहे मारने की दवा देने के बाद खुद जहर खा लिया- पत्नी
सलीम की पत्नी मेहताब ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ''सलीम ने दोनों बच्चों को चूहे मारने की दवा देने के बाद खुद जहर खा लिया। मैं जब घर पहुंची तो मैंने पड़ोसियों को बुलाया जिन्होंने उन्हें अस्पताल पहुंचाया।’’ महताब ने कहा, "चिकित्सकों ने आज मुझे बताया कि इरम और सलीम का निधन हो गया है और मेरे बेटे की हालत गंभीर है।" सात बच्चों के माता-पिता मेहताब और सलीम आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। उनका इकलौता बेटा थैलेसीमिया नाम की बीमारी से पीड़ित है।
मृतक की पत्नी का आरोप- प्रशासन के घर खाली करने संबंधी नोटिस से सलीम तनाव में था
बहरहाल, मेहताब ने आरोप लगाया है कि 2021 में उसके परिवार को स्थानीय प्रशासन से उनके 33 साल पुराने घर को खाली करने का नोटिस दिया था, जिसके बाद से सलीम तनाव में था। उसने बताया कि नोटिस में कहा गया है कि यह घर एक तालाब की अतिक्रमण की गई भूमि पर बनाया गया था। मेहताब ने कहा, ‘‘हमने अदालत में आदेश के खिलाफ अपील की है और मामला विचाराधीन है।’’ दूसरी ओर स्थानीय अधिकारियों ने इस आरोप से इनकार किया है।
परिवार आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव से जूझ रहा है, क्योंकि उनका बेटा थैलेसीमिया से पीड़ित हैः पुलिस
उप जिलाधिकारी (एसडीएम) निरंकार सिंह ने शनिवार को पत्रकारों से कहा, "परिवार आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव से जूझ रहा है, क्योंकि उनका बेटा थैलेसीमिया से पीड़ित है। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि घटना के पीछे यही कारण थे।’’ उन्होंने कहा कि उनके घर के संबंध में 2021 में नोटिस जारी किया गया था और मामला अदालत में है। अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से जिला प्रशासन उनके बेटे के इलाज का खर्च वहन कर रहा है।