मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस: पटना हाई कोर्ट ने मीडिया से कहा रिपोर्टिंग से करें परहेज, जाँच हो सकती है प्रभावित
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: August 23, 2018 09:56 PM2018-08-23T21:56:49+5:302018-08-23T21:56:49+5:30
बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका शेल्टर होम में रहने वाली 42 नाबालिग लड़कियों से 34 की मेडिकल रिपोर्ट में उनके साथ बलात्कार किए जाने की पुष्टि हुई थी।
पटना, 23 अगस्त: पटना हाई कोर्ट ने मीडिया से मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस मामले की जाँच से जुड़े ब्योरे प्रकाशित करने से मना किया है। गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने मामले की मीडिया रिपोर्टिंग पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे जाँच प्रभावित हो सकती है।
मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम में रहने वाली 42 नाबालिग लड़कियों से 34 की मेडिकल रिपोर्ट में उनके साथ बलात्कार किए जाने की पुष्टि हुई थी।
यह मामला मुंबई के टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की सोशल ऑडिट रिपोर्ट के बाद सामने आया था। मामला सामने के बाद बिहार सामाजिक कल्याम विभाग ने एफआईआर दर्ज करायी थी।
बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने बाद में मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। मामले में ब्रजेश ठाकुर और उसके एनजीओ को मुख्य आरोपी बनाया गया है। मामले में जाँच की आँच समाज कल्याण विभाग की मंत्री मंजू वर्मा ने नीतीश कुमार कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।
सीबीआई एसपी के ट्रांसफर पर लगाई लताड़
पटना हाई कोर्ट ने मजुफ्फरपुर सेल्टर होम केस मामले की जाँच कर रही सीबीआई टीम के एसपी जेपी मिश्रा के ट्रांसफर को लेकर भी कड़ी टिप्पणी की।
सीबीआई द्वारा 21 अगस्त को जारी किए आदेश के अनुसार जेपी मिश्रा को अपराध शाखा से पटना के डीआईडी दफ्तर में भेज दिया गया है।
सीबीआई एसपी के ट्रांसफर की खबर आने के बाद राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर जांच को प्रभावित करने का आरोप लगाया।
हाई कोर्ट ने सीबीआई को गुरुवार को मामले की प्रोग्रेस रिपोर्ट न दायर करने के लिए लताड़ लगायी।
मामले की सुनवाई 27 अगस्त को होगी। पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मुकेश आर शाह और जस्टिस रवि रंजन की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है।