Breaking: निर्भया के दोषी मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति ने की खारिज, फांसी की सजा बरकरार रखने की सिफारिश
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 17, 2020 12:25 PM2020-01-17T12:25:56+5:302020-01-17T12:25:56+5:30
Nirbhaya Gangrape: साल 2012 के 16 दिसंबर को एक चलती बस में निर्भया (बदला हुआ नाम) के साथ सामूहिक गैंगरेप हुआ था। आरोपियों ने पीड़िता के साथ ना सिर्फ बलात्कार किया बल्कि उसे बेहद चोटें भी पहुंचाई थी। जिसकी वजह से निर्भया की मौत हो गई।
निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले में चारों दोषियों में एक दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी है। राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज करते हुए दोषियों की फांसी की सजा बरकरार रखने की सिफारिश की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय 16 जनवरी 2020 की रात दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका राष्ट्रपति को भेजी थी। दोषी मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव पिटिशन खारिज होने के बाद राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी थी। दोषी मुकेश की डेथ वारंट रद्द होने पर आज दिल्ली कोर्ट में भी सुनवाई है।
गृह मंत्रालय ने मुकेश सिंह की दया याचिका राष्ट्रपति के पास 16 जनवरी की रात को भेजी थी। मंत्रालय ने याचिका को अस्वीकार करने की दिल्ली के उप राज्यपाल की सिफारिश दोहराई थी। दिल्ली के उप राज्यपाल ने गुरुवार को मुकेश सिंह की दया याचिका गृह मंत्रालय को भेजी थी। इसके एक दिन पहले दिल्ली सरकार ने याचिका अस्वीकार करने की सिफारिश की थी।
दोषी मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट से क्यूरेटिव पिटिशन खारिज होने के बाद राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी थी। दिल्ली पटियाला कोर्ट ने चारों दोषियों.. मुकेश सिंह (32), विनय शर्मा (26), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन गुप्ता (25) को सुनाई गई मौत की सजा पर अमल का आदेश ‘डेथ वॉरंट’ सात जनवरी को जारी किया था। हालांकि, दोषी मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित होने के कारण गुरुवार को दिल्ली कोर्ट ने कहा कि 22 जनवरी को फांसी नहीं दी जा सकती है।
President Ram Nath Kovind rejects mercy plea of Nirbhaya convict Mukesh Singh pic.twitter.com/BaZX0E3Les
— All India Radio News (@airnewsalerts) January 17, 2020