आपराधिक छवि से लव स्टोरी तक, किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है बिहार के बाहुबली नेता पप्पू यादव की कहानी

By पल्लवी कुमारी | Published: May 31, 2019 08:57 PM2019-05-31T20:57:33+5:302019-05-31T20:57:33+5:30

बिहार में राजनीति और अपराध के बीच पनपे पप्पू यादव को बाहुबली नेता के रूप में जाना जाता है। हालांकि वह अपनी इस छवि के लिए सीधे तौर पर लालू प्रसाद यादव को दोषी ठहराते हैं। 

Pappu Yadav History: Read inside story Normal man turned to politician Love story ranjeet ranjan | आपराधिक छवि से लव स्टोरी तक, किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है बिहार के बाहुबली नेता पप्पू यादव की कहानी

आपराधिक छवि से लव स्टोरी तक, किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है बिहार के बाहुबली नेता पप्पू यादव की कहानी

Highlightsमाकपा के पूर्व विधायक अजित सरकार के हत्याकांड में पप्पू यादव का नाम आने के बाद वो पूरे देश की सुर्खियां बनेसीबीआई की विशेष अदालत ने अजीत सरकार हत्याकांड में पप्पू यादव, राजन तिवारी और अनिल यादव को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

बिहार और उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेताओं की बात हो और उसमें पप्पू यादव का नाम ना शामिल हो ऐसा हो ही नहीं सकता। बिहार के दबंग और बाहुबली नेता राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव बिहार की राजनीति में खास पहचान तब बनी जब वह 1990 में निर्दलीय विधायक बनकर बिहार विधानसभा में पहुंचे। बिहार में राजनीति और अपराध के बीच पनपे पप्पू यादव को बाहुबली नेता के रूप में जाना जाता है। हालांकि वह अपनी इस छवि के लिए सीधे तौर लालू प्रसाद यादव को दोषी ठहराते हैं। 

लालू यादव 1986-87 में अपने राजनीतिक सफर के पीक पर थे। वह बिहार में विरोधी दल के नेता बनाना चाहते थे। उस समय उनके मकसद का जिसने साथ दिया उसका नाम है पप्पू यादव। एक अखबार को दिए इंटरव्यू में पप्पू यादव ने बताया था, 'मैं तो एक सीधा-सादा छात्र था। लालू का सनर्थक था। उनको अपना आदर्श मानता था, लेकिन लालू ने मेरे साथ बार-बार छल किया। मुझे बिना अपराध किए ही कुर्सी का नाजायज फायदा उठाते हुए कुख्यात और बाहुबली बना दिया। जब लालू विरोधी दल का नेता बनना चाहते थे, उस समय इस दौड़ में अनूप लाल यादव, मुंशी लाल और सूर्य नारायण भी शामिल थे। मैं अनूप लाल यादव के घर में ही रहता था। पप्पू यादव कहते हैं कि उस वक्त उन्हें ये सब पता नहीं था और वह इसके बावजूद लालू का समर्थन करते रहे। 

लालू ने मुझे बनाया कुख्यात अपराधी: पप्पू यादव 

अखबार को दिए इंटरव्यू पप्पू ने कहा था, मैंने नवल किशोर से बात कर लालू के लिए जमीन तैयार किया। लालू के नेता विरोधी दल बनने के अगले ही दिन पटना के सभी अखबारों में एक खबर प्रकाशित हुई कि कांग्रेस नेता शिवचंद्र झा की हत्या करने के लिए पूर्णिया से एक कुख्यात अपराधी पप्पू यादव पटना पहुंचा है। मैं इन सब से बेखबर था। मेरे एक मित्र नवल किशोर मुझे पटना विश्वविद्यालय के पीजी हॉस्टल ले गए और जहां कर मुझे पता चला कि मैं एक कुख्यात अपराधी बन चुका हूं। 

इस वक्त तक पप्पू बिहार का एक ऐसा कुख्यात अपराधी था, जिसके खिलाफ तब तक किसी थाने में कोई केस तक नहीं दर्ज था। पटना के सभी अखबारों में पप्पू यादव के खिलाफ खबर छपने के बाद वह तीन दिनों तक अपने एक दोस्त गोपाल के कमरे में रहा। वहां से भागकर वो कोलकता गये। उस दौरान पटना पुलिस पप्पू के पीछे पड़ी थी। पप्पू के घर की कुर्की हो गई। मां-बाप को सड़क पर रात गुजारनी पड़ी। पप्पू यादव के मुताबिक उनके पिता लालू से मिले थे लेकिन उन्होंने मदद से इनकार कर दिया था। तो ये थी वो पूरी पृष्ठभूमि जिसकी वजह से पप्पू यादव अपराध और राजनीति में आए। 

माकपा के पूर्व विधायक अजित सरकार के हत्याकांड में पप्पू यादव का नाम सामने आया

पप्पू यादव पर करीब 15 आपराधिक मामले थे। लेकिन माकपा के पूर्व विधायक अजित सरकार के हत्याकांड में पप्पू यादव का नाम आने के बाद वो पूरे देश की सुर्खियां बने। अजित सरकार की 14 जून, 1998 को पूर्णिया में अज्ञात लोगों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। अजित और पप्पू के बीच किसानों के मुद्दे पर मतभेद था। इस मामले में पकड़े जाने के बाद पप्पू यादव को सिक्किम की जेल में रखा गया था। लेकिन राजनैतिक पहुंच के बाद उन्हें पटना के बेऊर जेल में स्थानांतरिक कर दिया गया। अजित सरकार हत्याकांड की जांच सीबीआई के हवाले होने के बाद उन्हें दिल्ली के तिहाड़ जेल में रखा गया। इस मामले सीबीआई की विशेष अदालत ने इस हत्याकांड में पप्पू यादव, राजन तिवारी और अनिल यादव को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बाद में पटना हाईकोर्ट ने 2008 में पप्पू को रिहा कर दिया था। 

अजित सरकार हत्याकांड में बरी होने के बाद पप्पू यादव ने नये सिरे से अपना राजनीतिक कॅरियर शुरू किया है। कोसी के उसी पुराने इलाके में पप्पू यादव नयी राजनीतिक शैली के साथ लोगों के बीच गए। जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने पूर्णिया, सहरसा और मधेपुरा में कई आशिर्वाद रैलियां भी कीं... इन आशिर्वाद रैलियों ने वहां की जनता का फिर भरोसा जीत लिया। 

पप्पू यादव का राजनीतिक सफर

- 1990 में निर्दलीय विधायक बन विधानसभा पहुंचे। 
- आरजेडी के टिकट 1991 में पप्पू यादव पूर्णिया लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंचे। 
-  1996, 1999 और 2004 में भी आरजेडी से पप्पू यादव चुनाव जीतने में सफल रहे। 
- 2014 के लोस चुनाव में आरजेडी के प्रत्याशी पप्पू यादव जदयू के प्रत्याशी शरद यादव को हराकर सांसद बने थे।
- पप्पू को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए 2015 में आरजेडी से निष्कासित कर दिया गया था। 
- आरजेडी से निष्कासित होने के बाद पप्पू यादव ने जेएपी पार्टी का गठन किया। 
- मधेपुरा सीट से पप्पू यादव अपनी पार्टी जेएपी की ओर 2019 में चुनाव लड़े लेकिन हार गए। 

प्यार में नाकामी के बाद खुदकुशी करने की कोशिश की थी पप्पू यादव ने 

राजनीति और अपराध के अलावा पप्पू यादव की जिंदगी का एक और एंगल है, जो काफी चर्चाओं में रहा, वो है वो उनकी लव स्टोरी। पप्पू यादव और उनकी पत्नी रंजीता की प्रेम कहानी पूरी फिल्मी है। पप्पू यादव जब पटना के बांकीपुर जेल में बंद थे तो वह अक्सर जेल अधीक्षक के आवास से लगे मैदान में लड़कों को खेलते देखा करते थे। इन लड़कों में रंजीता के छोटे भाई विक्की भी थे। इसी दौरान विक्की से पप्पू की दोस्ती हो गई। एक दिन विक्की ने उनको अपनी फैमिली एलबम दिखाई। उसमें उनकी बहन रंजीता की टेनिस खेलती एक तस्वीर थी। इसी तस्वीर को देखकर पप्पू रंजीता पर फिदा हो गए थे। 

अपनी बायोग्राफी 'द्रोहकाल का पथिक' में पप्पू यादव ने अपनी लव स्टोरी बताई है। पप्पू यादव लिखते हैं कि एलबम में रंजीत की फोटो देखकर उन पर फिदा हो गए। जेल से छूटने के बाद रंजीत से मिलने के लिए अक्सर टेनिस क्लब में पहुंच जाते थे। रंजीता को उनका आना अच्छा नहीं लगता था। उन्होंने पप्पू को कई बार मना किया, लेकिन वह वहां डटे रहे। पप्पू यादव ने अपनी बायोग्राफी में लिखा है कि रंजीता से बहुत प्प्या्यार करते थे लेकिन रंजीता की अपने लिए बेरूखी देखकर उन्होंने खुदकुशी करने की कोशिश की थी। एक बार उन्होंने ढेर सारी नींद की गोलियां खा ली। गंभीर हालत में उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया। काफी दिनों बाद उनकी सेहत में सुधार हुआ। इस बीच रंजीता का दिल थोड़ा पिघला और उनके दिल में पप्पू के लिए वो ही एहसास पैदा हो गया ... अब रंजीता भी  पप्पू को उतना ही चाहने लगी। बात आगे बढ़ी और दोनों ने अपने परिवार वालों को मना कर शादी कर ली। 

पप्पू यादव के साथ-साथ उनकी पत्नी रंजीता रंजन भी लोकसभा चुनाव 2019 में चुनावी मैदान में थीं लेकिन वो दोनों ही हार गए। पप्पू का एक बेटा और एक बेटी है। बेटे सार्थक रंजन दिल्ली अंडर-19 क्रिकेट टीम का हिस्सा है। जबकि बेटी दिल्ली में पढ़ती है। 

Web Title: Pappu Yadav History: Read inside story Normal man turned to politician Love story ranjeet ranjan

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