निर्भया गैंगरेप-हत्याकांड मामले में एक दोषी विनय शर्मा ने दया याचिका दायर की थी। निर्धारित प्रक्रिया के तहत यह गृह मंत्रालय के पास पहुंची। शुक्रवार (6 दिसंबर) को गृहमंत्रालय ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका पहुंचा दी। इसी के साथ गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति से सिफारिश भी की है कि दया याचिका खारिज की जाए।
बता दें कि शनिवार (6 दिसंबर) को ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक कार्यक्रम में महिला सुरक्षा के मुद्दे पर बड़ी बात कही। राष्ट्रपति ने कहा, ''यौन अपराधों से बच्चों के के संरक्षण (POCSO Act) के अंतर्गत आने वाले दोषी के पास दया याचिका दायर करने का अधिकार नहीं होना चाहिए। संसद को दया याचिकाओं की समीक्षा करनी चाहिए।''
बता दें कि दिसंबर 2012 में दिल्ली के बसंत विहार इलाके में चलती बस में एक मेडिकल की छात्रा के साथ गैंगरेप कर उसकी निर्ममता से हत्या कर दी गई थी। मामला सामने आने के बाद देशभर में महिला अपराधों के खिलाफ बड़ा आंदोलन छिड़ गया था। पीड़िता को निर्भया नाम दिया गया था और उसके महिला के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए 'निर्भया फंड' भी इजाद किया गया था।
मामले के छह दोषियों में से एक ने जेल में ही आत्महत्या कर ली थी। एक दोषी नाबालिग था। बाकी बचे चार दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई। सात साल होने के बाद भी दोषियों को फांसी पर नहीं लटकाया जा सका है। चार में से एक आरोपी ने दया याचिका दायर की थी। अब यह राष्ट्रपति के पास है।