मुजफ्फरपुर शेल्टर होम: CBI ने शेल्टर होम सहित कई ठिकानों पर की छापेमारी, ब्रजेश ठाकुर की करीबी मधु की तलाश जारी

By एस पी सिन्हा | Published: September 22, 2018 08:39 PM2018-09-22T20:39:09+5:302018-09-22T20:39:09+5:30

सीबीआई ने आज रेड लाइट एरिया, अमर सनेमा रोड, महराजी पोखर और पुरानी गुदड़ी समेत कई जगहों पर छापेमारी की। साथ ही सीबीआई की टीम शेल्टर होम भी पहुंची है और वहां बंद कमरों को खोलकर जांच की है़।

Muzaffarpur Shelter Home: CBI searches on several locations including Shelter Home, release of Brajesh Thakur's closest madhu | मुजफ्फरपुर शेल्टर होम: CBI ने शेल्टर होम सहित कई ठिकानों पर की छापेमारी, ब्रजेश ठाकुर की करीबी मधु की तलाश जारी

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम: CBI ने शेल्टर होम सहित कई ठिकानों पर की छापेमारी, ब्रजेश ठाकुर की करीबी मधु की तलाश जारी

पटना,22 सितंबर: बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह में हुए 34 बच्चियों के यौन शोषण मामले की सीबीआई ने जांच तेज कर दी है। कांड में शामिल ब्रजेश ठाकुर की करीबी मधु समेत फरार अन्य आरोपित को पकड़ने के लिए सीबीआई ने आज मुजफ्फरपुर के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। 

सीबीआई ने आज रेड लाइट एरिया, अमर सनेमा रोड, महराजी पोखर और पुरानी गुदड़ी समेत कई जगहों पर छापेमारी की। साथ ही सीबीआई की टीम शेल्टर होम भी पहुंची है और वहां बंद कमरों को खोलकर जांच की है़। सीबीआई के साथ स्थानीय थाने की पुलिस भी मौजूद रही। वहीं, सीबीआई अगले तीन दिनों तक जिला बाल संरक्षण इकाई की निलंबित सहायक निदेशक रोजी रानी, नगर थाना क्षेत्र के पुरानी गुदरी भवानी सिंह मार्ग निवासी गुड्डू कुमार, मनियारी थाना के छितरौली गांव निवासी विजय कुमार तिवारी, सकरा फरीदपुर निवासी संतोष कुमार से भी पूछताछ करेगी।

सूत्रों की माने तो पूछताछ में सीबीआई को कई महत्वपूर्ण चीजों की जानकारी मिल सकती है। इससे पहले शुक्रवार को सीबीआई ने जिला बाल संरक्षण इकाई की निलंबित सहायक निदेशक रोजी रानी समेत चार को विशेष पॉक्सो कोर्ट में पेश किया था। पॉक्सो कोर्ट के प्रभारी न्यायाधीश मनोज कुमार की अदालत में पेशी के बाद चारों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी। पेशी के बाद चारों को जेल भेज दिया गया। जेल जाने के समय रोजी रानी आक्रोशित हो गई थी। वह कहने लगी कि अगर उसका मुंह खुल गया, तो बडे-बडे लोग फंस जायेंगे।

उल्लेखनीय है कि कांड के मास्टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर की करीबी मधु की तलाश लंबे समय से चल रही है। लेकिन, अभी तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है। आज से पहले भी मधु की तलाश में रेड लाईट एरिया चतुर्भुजस्थान समेत कई जगह पर छापेमारी भी हुई है। लेकिन, मास्टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर की राजदार और चिल्ड्रेन होम की कर्ता-धर्ता मधु अभी भी पुलिस और सीबीआई की गिरफ्त से बाहर है।

जबकि, महिला थाने की केस डायरी में उसका जिक्र किया गया है। पुलिस सूत्रों कि माने तो मधु की गिरफ्तारी ब्रजेश के गुनाहों की फेहरिस्त और लंबी कर सकती है। बालिका गृह में रहनेवाली लडकियों ने भी मधु नाम की महिला का जिक्र किया है जो अक्सर बालिका गृह के कामकाज का जायजा लेने के लिए वहां मौजूद रहती थी।

मामले की जांच कर रही टीम ने निलंबित बाल संरक्षण अधिकारी रवि रोशन की पत्नी शिभा कुमारी के खिलाफ संपत्ति के अटैच के लिए याचिका दायर की है। यौन शोषण-दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद सीपीओ रवि रोशन की पत्नी शिभा कुमारी ने ही सोशल मीडिया पर नाबालिग लडकियों के नामों का खुलासा किया था। उसने पीडित लडकियों की पहचान और फोटो सोशल मीडिया पर शेयर कर दी थी।

जिसके बाद महिला थाने में इसको लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई। शिभा कुमारी ने ही तत्‍कालीन समाज कल्‍याण मंत्री मंजू वर्मा के पति के बालिका गृह जाने की बात कह बवाल खडा कर दिया था, इसके बाद मंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना पडा था। मुजफ्फरपुर के तत्कालीन बाल संरक्षण पदाधिकारी रवि कुमार रोशन पर भी यौन शोषण में शामिल होने का आरोप लगा था। जिसके बाद पुलिस ने बडी कार्रवाई करते हुए रवि कुमार को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने बताया था कि बालिका गृह में रहने वाली एक लडकी ने रवि रोशन को तस्वीर देखकर पहचान लिया। वहीं सामाजिक सुरक्षा निदेशालय की जांच में भी उसे दोषी पाया गया था।


बालिका गृह कांड की जांच कर रही सीबीआई ब्रजेश ठाकुर की पृष्ठभूमि, उसके प्रभाव और संपर्कों की भी जांच करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को यह निर्देश दिया है। बालिका गृह कांड की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने छह पेज का आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है- 'ब्रजेश ठाकुर एक प्रभावशाली व्यक्ति है और उसके पडोस के लोग उसके खिलाफ कोई शिकायत करने से डरते रहे हैं।

वास्तव में ऐसा पाया गया है कि पडोसियों ने शेल्टर होम की बालिकाओं की चीत्कार सुनी थी, लेकिन ब्रजेश के आतंक की वजह से उन्होंने इसे किसी को नहीं बताया। पारित आदेश में यह भी दर्ज है कि ब्रजेश के एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति को दस वर्षों में 4।5 करोड रुपये बिहार सरकार से मिले थे। इस अवधि में उसने 35 वाहन खरीदे। कोर्ट ने कहा है कि आयकर विभाग को ब्रजेश ठाकुर और उसके एनजीओ की आय और संपत्ति की जांच करनी चाहिए। कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि वह मुख्य आयकर आयुक्त या आयुक्त से जांच के लिए औपचारिक अनुरोध करे।

सीबीआई इस बात की भी जांच करेगी कि समाज कल्याण विभाग द्वारा मुजफ्फरपुर बालिका गृह से 20 मार्च, 2018 को किन परिस्थितियों में कुछ लडकियों को स्थानांतरित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में जांच का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है- यह स्पष्ट नहीं है कि इन लडकियों को क्यों ट्रांसफर किया गया, जबकि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) की रिपोर्ट मई, 2018 में समाज कल्याण विभाग को मिली थी। ऐसा प्रतीत होता है कि बालिका गृह में चल रहे घृणित कार्य की जानकारी पहले से थी। बता दें कि टिस की ऑडिट रिपोर्ट से ही बालिका गृह में यौन शोषण का खुलासा हुआ था।

बालिका गृह कांड से जुडे सेवा संकल्प विकास समिति के पदेन सदस्यों के खातों के संचालन पर रोक लगा दिया गया है। डीएम मो। सोहैल ने एलडीएम को निर्देश जारी कर कहा है समिति के पद धारक सदस्यों के बैंक खातों के संचालन पर रोक लगाये। इसको लेकर सभी बैंकों को तत्काल निर्देश जारी करें।

मद्य निषेध उत्पाद व निबंधन विभाग के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया है कि उक्त संस्था के तहत संचालित बालिका गृह के कर्मियों व संचालक पर बच्चियों के साथ मानसिक व शारीरिक शोषण का आरोप है। इसकी गहनतम जांच की जा रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए उक्त समिति के सदस्यों से जुडे सदस्यों के बैंक खातों के संचालन पर रोक लगाना आवश्यक है। सेवा संकल्प समिति के सदस्य। सेवा संकल्प एवं विकास समिति के सदस्यों में ब्रजेश ठाकुर की पत्नी प्रो डॉ आशा, साला संजय कुमार सिंह व चचेरे भाई रमेश कुमार भी हैं। इसके अलावा चार अन्य रिश्तेदार व दोस्त हैं। ब्रजेश के साला रोहुआ मुशहरी निवासी संजय कुमार सिंह सेवा संकल्प एवं विकास समिति संस्था के अध्यक्ष हैं। चचेरे भाई सिलौत पचदही के रहने वाले रमेश कुमार को सचिव बना रखा था। पत्नी प्रो। (डॉ) आशा बतौर सदस्य नामित हैं। कोषाध्यक्ष कांटी असनगर के रहनेवाले प्रयागनाथ तिवारी उर्फ मुन्ना, बतौर कार्यकारिणी के सदस्य रघुवंश रोड निवासी किरण पोद्दार, गन्नीपुर निवासी संगीता सुभाषिणी व साहू रोड निवासी संजीता कुमारी नामित थी।

बालिका गृहकांड में गिरफ्तार बाल संरक्षण इकाई की तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी के कामकाज की पूरी रिपोर्ट आज निदेशालय भेज दी गई। उनके तीन साल के कामकाज पूरा ब्योरा निकाला गया है। इस समय रोजी रानी मुजफ्फरपुर में सहायक निदेशक थीं। इस मामले में वह निलंबित हैं और उन पर विभागीय कार्रवाई चल रही है। निदेशालय सूत्रों के अनुसार, रोजी रानी के कामकाज और निरीक्षण की जांच सीबीआई भी कर रही है। इसलिए विभाग से दस्तावेज मंगा कर उसे जांच एजेंसी को सौंपा जा सकता है।

बाल संरक्षण इकाई ने करीब सौ पेज की रिपोर्ट तैयार की है। इसमें निरीक्षण से लेकर बालिका गृह की रिपोर्ट है। समाज कल्याण विभाग ने रोजी रानी की ही 11 बार जांच कर ओके रिपोर्ट पर उन पर विभागीय कार्रवाई कर रहा है। रोजी रानी पर आरोप है कि नौ बार बालिका गृह की जांच के बाद भी उन्हें वहां होनेवाली गडबडी की भनक तक नहीं लगी। बाल संरक्षण की पूर्व सहायक निदेशक रोजी रानी द्वारा समाज कल्याण विभाग को बालिका गृह की 11 बार भेजी गई जांच रिपोर्ट पर सवाल खडे हो गये हैं।

बाल संरक्षण इकाई में सिर्फ तीन बार की ही निरीक्षण रिपोर्ट है। इसमें रोजी रानी के समय की सिर्फ एक रिपोर्ट अक्टूबर 2015 की है। इसके बाद दो रिपोर्ट है जो नंवबर 2017 और मार्च 2018 की है। इस समय सहायक निदेशक दिवेश शर्मा थे। तीन साल में रोजी रानी को 12 बार निरीक्षण करना चाहिए था। इस बीच वर्ष 2015 में ही समाज कल्याण विभाग ने हर महीने बालिका गृह की जांच का निर्देश सभी जिलों को भेजा था। लेकिन विभागीय सूत्रों की मानें, तो जांच की जगह सिर्फ ओके रिपोर्ट विभाग को सौंप दी गई।

Web Title: Muzaffarpur Shelter Home: CBI searches on several locations including Shelter Home, release of Brajesh Thakur's closest madhu

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