मुजफ्फरपुर शेल्टर होम को ध्वस्त करने की कार्यवाई शुरू, आरोपी ब्रजेश ठाकुर की मां के नाम पर था भवन
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 11, 2018 05:03 PM2018-12-11T17:03:31+5:302018-12-11T17:03:31+5:30
जिला प्रशासन की तरफ से प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट व रिसीवर तथा निगम के कर्मचारी बालिका गृह पहुंचे। पुलिस बल की मौजूदगी में निगम प्रशासन ने कमरे के अंदर रखे समान को खाली कराना शुरू किया।
बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका अल्पवास गृह के भवन को आज ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही यहां पडे सामानों को भी जब्त किया जा रहा है। बालिका गृह में तैनात मजिस्ट्रेट जनार्दन प्रसाद ने सोमवार को इस बाबत बयान भी जारी किया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार साहू रोड पर मुजफ्परपुर शेल्टर होम केस के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का बालिका गृह उनकी मां मनोरमा देवी के नाम से है। यह बिल्डिंग बायलॉज के विरुद्ध बनाया गया है, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जताई थी। नगर निगम ने ब्रजेश ठाकुर के साहू रोड स्थित बालिका गृह भवन को ध्वस्त करने की तैयारी शुरू कर दी है। ध्वस्त करने के पहले भवन को खाली कराया जा रहा है। समझा जाता है कि बिल्डिंग बायलॉज के प्रावधानों का उल्लंघन कर बनाये गये, इस भवन को तोडने की कार्रवाई एक-दो दिनों में शुरू होगी। उधर, भवन को ध्वस्त होने से रोकने की ब्रजेश ठाकुर के परिवार की अर्जी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज कर दी है। ब्रजेश के बच्चों ने अर्जी देकर निगम की कार्रवाई रोकने की गुहार लगाई थी।
जिला प्रशासन की तरफ से प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट व रिसीवर तथा निगम के कर्मचारी बालिका गृह पहुंचे। पुलिस बल की मौजूदगी में निगम प्रशासन ने कमरे के अंदर रखे समान को खाली कराना शुरू किया। सभी जब्त समान को कंपनीबाग स्थित एमआरडीए भवन में शिफ्ट किया जा रहा है। इसकी सूची भी बनाया जा रही है और वीडियोग्राफी भी हो रही है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए नगर आयुक्त संजय दूबे ने बिल्डिंग बायलॉज के विपरीत बने बालिका गृह भवन को दस दिसंबर तक खाली करा उसे ध्वस्त करने का अल्टीमेटम दिया था।
वैसे ब्रजेश ठाकुर व उनके परिजनों को खुद के खर्च पर भवन को ध्वस्त करना था, लेकिन अल्टीमेटम की अवधि समाप्त होने के आखिरी दिन तक जब भवन को ध्वस्त करने की कवायद नहीं शुरू की गई तब निगम प्रशासन ने अपने स्तर से भवन को खाली करा ध्वस्त करने की कार्रवाई प्रारंभ किया। फैसला के मुताबिक, इस पर होने वाले खर्च की राशि निगम प्रशासन ब्रजेश ठाकुर की संपत्ति को नीलाम कर करेगा।