छह वर्षीय खुशी कुमारी को नही ढूंढ पाई पुलिस, हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंप दी जिम्मेवारी, जानें पूरा मामला
By एस पी सिन्हा | Updated: December 5, 2022 15:16 IST2022-12-05T15:16:10+5:302022-12-05T15:16:56+5:30
पटना हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर एसएसपी को मामले से सभी रिकॉर्ड सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई और निर्देशक, सीएफएसएल, नई दिल्ली को पार्टी बनाने का निर्देश दिया था।

कोर्ट को बताया कि एसएसपी,मुजफ्फरपुर द्वारा आज़तक सिर्फ कागजी कार्रवाई किया गया है।
पटनाः पटना हाईकोर्ट ने मुजफ्फरपुर जिला के अंतर्गत राजन साह की 6 वर्षीय पुत्री खुशी कुमारी के चर्चित अपहरण के मामलें के जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया है। न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों विरुद्ध विभागीय कार्यवाही के लिए एसएसपी, मुजफ्फरपुर को निर्देश दिया है।
कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले में यथाशीघ्र कार्रवाई कर अपहृत बालिका को ढूंढने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने मुजफ्फरपुर एसएसपी को इस मामले से सभी रिकॉर्ड सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई और निर्देशक, सीएफएसएल, नई दिल्ली को पार्टी बनाने का निर्देश दिया था।
पूर्व की इस मामले की सुनवाई के दौरान एसएसपी मुजफ्फरपुर जयंतकांत ऑनलाइन उपस्थित रहे थे। अपहृता के वकील ओम प्रकाश कुमार ने कोर्ट को बताया कि एसएसपी,मुजफ्फरपुर द्वारा आज़तक सिर्फ कागजी कार्रवाई किया गया है। उन्होंने बताया कि लगभग 3 महीना से सिर्फ पॉलीग्राफी टेस्ट का बहाना बनाकर कोर्ट का समय बर्बाद किया गया।
पिछली सुनवाई मे अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि एक ऑडियो रेकॉर्डिंग है, जिसमे संदिग्ध राहुल कुमार की आवाज है। वह अपहृत खुशी के बारे में जानता है। इस पर कोर्ट ने आदेश दिया था कि वह ऑडियो क्लिप एस एस पी को दिया जाए। एसएसपी ऑडियो की पुष्टि करके करवाई करें।
लेकिन जो शपथ पत्र एसएसपी के द्वारा हाई कोर्ट में फाइल किया गया था, उसमे ऑडियो क्लिप का कोई जिक्र नही किया गया। कोर्ट ने पाया कि इस कांड का उद्भेदन अब एसएसपी, मुजफ्फरपुर द्वारा नहीं हो सकता है। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में यह भी आदेश दिया था कि 14.10.2022 तक सभी कागजात सीबीआई को मुहैया करवाई जाए।
कोर्ट ने सीबीआई के वकील को भी कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया था। यह मामला 16 फरवरी 2021 को 5 साल की खुशी का अपहरण से जुड़ा है। इसका सुराग आज तक नहीं मिला है। खुशी के पिता मुजफ्फरपुर पुलिस की कार्यशैली से संतुष्ट नहीं थे, जिसके कारण खुशी के पिता राजन साह ने पटना हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी। ये याचिका अधिवक्ता ओमप्रकाश कुमार ने याचिकाकर्ता की ओर से दायर की थी। इसमें याचिकाकर्ता ने मुज़फ़्फ़रपुर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए बच्ची को जल्द से जल्द ढूंढ़वाने का आग्रह किया था।