अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौतः सीबीआई जांच जारी, सेवादारों और अन्य लोगों से पूछताछ

By भाषा | Published: September 25, 2021 08:36 PM2021-09-25T20:36:22+5:302021-09-25T20:45:27+5:30

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौतः केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज की थी।

Mahant Narendra Giri Akhil Bharatiya Akhara Parishad President Death CBI investigation servicemen and others | अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौतः सीबीआई जांच जारी, सेवादारों और अन्य लोगों से पूछताछ

सीबीआई टीम के साथ स्थानीय पुलिस के अधिकारी भी मठ आए हैं।

Highlightsमहंत नरेंद्र गिरि ने कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या की। महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया।अदालत कथित सुसाइड नोट में उल्लेखित तीनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज चुकी है।

प्रयागराजः केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने महंत नरेंद्र गिरि की कथित आत्महत्या के मामले में शनिवार को श्रीमठ बाघंबरी गद्दी में घटनास्थल का निरीक्षण किया और मठ के सेवादारों और अन्य लोगों से पूछताछ की।

मठ के परिसर में स्थित स्वामी विचारानंद संस्कृत विद्यालय के एक विद्यार्थी ने बताया कि शाम चार बजे से सीबीआई की टीम यहां आई हुई है। सीबीआई के लोग महंत जी के मुंशी बब्लू को लेकर परिसर में घूम रहे हैं और टीम यहां के लोगों से पूछताछ कर रही है।

सीबीआई टीम के साथ स्थानीय पुलिस के अधिकारी भी मठ आए हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई को महंत नरेंद्र गिरि की मृत्यु के मामले के सभी दस्तावेज, जार्ज टाउन थाने से एफआईआर की प्रति, केस डायरी, पोस्ट मार्टम रिपोर्ट सौंप दिए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि गत सोमवार को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि अपने श्रीमठ बाघंबरी गद्दी में अपने कमरे में मृत पाये गए थे। पुलिस के मुताबिक, उन्होंने कथित तौर पर फांसी लगाई थी। इस मामले की जांच के लिए पहले एसआईटी का गठन किया गया, लेकिन इसके अगले ही दिन प्रदेश सरकार ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की।

सीबीआई की टीम ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। सीबीआई ने भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। इससे पहले दिन में केंद्र सरकार ने महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले की सीबीआई जांच को मंजूरी दी। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, इस मामले की जांच सीबीआई की दिल्ली इकाई कर रही है, जिसका जिम्मा सीबीआई के एएसपी के एस नेगी को सौंपा गया है। जार्ज टाउन थाने के एक अधिकारी के मुताबिक, सीबीआई की टीम ने बृहस्पतिवार से ही प्रयागराज में डेरा डाल दिया है।

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने शासन के निर्देश पर महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले की जांच सीबीआई से कराने के संबंध में 22 सितंबर को कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेशन मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखा था। अपर मुख्य सचिव के पत्र पर कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने का उत्तर प्रदेश शासन का अनुरोध 23 सितंबर को स्वीकृत कर लिया। उल्लेखनीय है कि सोमवार को महंत नरेंद्र गिरि अपने मठ के कमरे में मृत पाए गए थे।

महंत नरेंद्र गिरि ने आखिरी वसीयत बलवीर गिरि के नाम लिखी थी : वकील द्विवेदी

वकील ऋषिशंकर द्विवेदी ने दावा किया है कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत दिवंगत नरेंद्र गिरि के मरने से पहले अपने मठ की अंतिम वसीयत बलवीर गिरि के नाम लिखी थी। महंत गिरी के कथित सुसाइड नोट और उसमें उनके उत्तराधिकारी की कथित घोषणा के बाद इस मामले में यह एक नया दावा सामने आया है।

महंत नरेंद्र गिरि का वकील होने का दावा करते हुए द्विवेदी ने बताया कि महंत की तरफ से तीन वसीयतें लिखी गई थीं। आखिरी वसीयत 4 जून, 2020 को बलवीर गिरि के नाम लिखी गई थी और वही मान्य है। उन्होंने बताया, “महंत नरेंद्र गिरि ने सबसे पहले 7 जनवरी, 2010 को बलवीर गिरि के नाम वसीयत की थी जिसे बाद में निरस्त कर दिया था।

इसके बाद महंत ने 29 अगस्त, 2011 को आनंद गिरि के नाम वसीयत की। आनंद गिरि भी जब स्वछंदता से काम करने लगे, मठ के हित के खिलाफ काम करने लगे तो महंत जी ने 4 जून, 2020 को अपनी अंतिम वसीयत की जिसमें उन्होंने बलवीर गिरि को अपना एकमात्र उत्तराधिकारी बनाया।”

उत्तराधिकारी के निर्णय में अखाड़ा की भूमिका पर उन्होंने कहा, “इस मठ (बाघंबरी गद्दी) का इतिहास और मठ के संविधान के मुताबिक, वसीयत से बनने वाला उत्तराधिकारी ही मान्य होगा। महंत जी के पास मूल कागजात थे और बाकी मेरे पास जो हैं, उसे मैं उपलब्ध करा सकता हूं।”

द्विवेदी ने बताया कि इस मठ में जो व्यक्ति उत्तराधिकारी होता है, उसे स्वामित्व का अधिकार होता है। उसे जमीन सहित अन्य चीजें खरीदने बेचने का अधिकार होता है। उल्लेखनीय है कि गत सोमवार को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि अपने श्रीमठ बाघंबरी गद्दी में अपने कमरे में मृत पाये गए थे। पुलिस के मुताबिक, उन्होंने कथित तौर पर फांसी लगाई थी। घटनास्थल पर मिले कथित सुसाइड नोट में बलवीर गिरि को मठ का उत्तराधिकारी घोषित किया गया है।

Web Title: Mahant Narendra Giri Akhil Bharatiya Akhara Parishad President Death CBI investigation servicemen and others

क्राइम अलर्ट से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे